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    हड़बड़ी में पुलिस से हुई गड़बड़ी, बिना लूट और क्राइम हिस्ट्री के मार दी गोली

    Updated: Tue, 14 Oct 2025 11:05 PM (IST)

    पुलिस ने जल्दबाजी में एक बड़ी गलती कर दी। उन्होंने बिना किसी लूट या आपराधिक इतिहास वाले व्यक्ति को गोली मार दी। यह पहचान में एक गंभीर चूक थी, जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए हैं। इस घटना से पीड़ित परिवार गहरे सदमे में है। पुलिस की इस लापरवाही से इलाके में सनसनी फैल गई है।

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    जागरण संवाददाता, हाथरस। मुरसान में खाद बीज व्यापारी के घर लूट की कोशिश के बाद आरोपितों से फर्जी मुठभेड़ मामले में पुलिस की जमकर किरकिरी हो रही है। मुठभेड़ में एक युवक को गोली मारने के बाद पुलिस चौतरफा घिर गई है। इस पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। सबसे पहला सवाल तो यही कि लूट हुई ही नहीं, युवकों की कोई क्राइम हिस्ट्री भी नहीं है, फिर भी पुलिस ने उन्हें गोली क्यों मारी। पुलिस अधिकारी भी इस सवाल का जवाब नहीं दे पा रहे हैं। इस मामले की गूंज शासन तक पहुंच गई है।

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    मुरसान कस्बे के बनखंडी महादेव कालोनी निवासी खाद बीज व्यापारी अमित अग्रवाल के घर में नौ अक्टूबर की सुबह कथित तौर पर दो युवक लूट के इरादे से घुसे थे। अमित अग्रवाल का आरोप है कि इन युवकों ने तमंचा दिखाकर लूटपाट का प्रयास किया था। मां ने वाइपर दिखाकर उन्हें दौड़ा दिया। इसके अगले दिन पुलिस ने ओमवीर उर्फ सोनू और सूर्यदेव उर्फ देवा निवासी बड़ाकलां, इगलास, जनपद अलीगढ़ को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार दर्शाया। सोनू के पैर में गोली लगी थी। इस घटना का विरोध शुरू हुआ। पहले दिन थाने का घेराव हुआ।

    भीड़ ने किया प्रदर्शन

    अगले दिन डीएम कार्यालय पर भीड़ ने प्रदर्शन किया। यहां सबसे बड़ा सवाल यही उठा कि जिन आरोपितों को पुलिस बड़ा अपराधी बता रही है, उनका कोई भी आपराधिक इतिहास नहीं है। वे खेतीबाड़ी करते हैं। दोनों युवक मुकदमे के वादी अमित अग्रवाल से खाद के रुपयों के लेनदेन की बात कह रहे हैं। ऐसे में लूट की कोशिश की बात गले नहीं उतर रही है। एक और बड़ा सवाल यह भी है कि जब पुलिस ने आरोपितों को घर से गिरफ्तार किया।

    परिवार और गांव के लोगों ने उन्हें सोनू और देवा को सौंपा। इसके बाद भी दिनदहाड़े मुठभेड़ की कहानी समझ से परे नजर आ रही है। इन सवालों के जवाब पुलिस के अधिकारी भी नहीं दे पा रहे हैं। इसी लिए पुलिस अधीक्षक एक्शन में आए। पहले एसओ ममता सिंह को चार्ज से हटाया। इसके बाद एसओ और एंटी थेफ्ट टीम प्रभारी मुकेश कुमार को निलंबित कर दिया है।

    अवकाश पर थे एसपी, नहीं किया ठीक से ब्रीफ

    इस मामले में कई स्तर से लापरवाही हुई है। मुठभेड़ वाले दिन एसपी चिरंजीव नाथ सिन्हा अवकाश पर थे। उनकी गैर मौजूदगी में यह मुठभेड़ दर्शायी गई। विभाग में यह चर्चा है कि एसपी को इस मुठभेड़ के संबंध में ठीक से ब्रीफ नहीं किया गया।

    पहले भी निलंबित हो चुके हैं मुकेश कुमार

    एंटी थेफ्ट टीम के प्रभारी मुकेश कुमार पहले भी निलंबित हो चुके हैं। जून 2024 में वह सादाबाद कोतवाली के प्रभारी थे। लड़की को बहला-फुसलाकर ले जाने के मामले में उन्होंने आगरा के बरहन थाना क्षेत्र के गांव रूपधनु के युवक को धमकाया था। इस मामले में एक होमगार्ड और उसके भाई ने आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद जमकर बवाल हुआ। इस प्रकरण में प्रभारी निरीक्षक मुकेश कुमार तथा उपनिरीक्षक हरिओम अग्निहोत्री के खिलाफ थाना बरहन में मुकदमा भी दर्ज हुआ था। दोनों को निलंबित किया गया था। करीब छह माह निलंबन के बाद उनकी बहाली हुई। बाद में एंटी थेफ्ट टीम के प्रभारी बनाए गए।

    एसडीएम-सीओ ने की जांच

    डीएम ने फर्जी मुठभेड़ प्रकरण में जांच कमेटी बनाई है। इसमें एसडीएम राजबहादुर और सीओ सिटी योगेंद्र कृष्ण नारायण शामिल हैं। दोनों ही अधिकारी मंगलवार को मुरसान पहुंचे। इसके बाद इगलास के बड़ाकलां गांव भी गए। वहां सोनू के स्वजन से मिले। एसडीएम ने बताया कि हर पहलू पर जांच की जा रही है। सभी पक्षों से बातचीत के बाद जिलाधिकारी को रिपोर्ट प्रेषित की जाएगी।

    इस संबंध में लखनऊ में प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद से वार्ता की। प्रमुख सचिव ने मुख्यमंत्री को पूरे प्रकरण से अवगत कराया। सीएम ने हाथरस के अधिकारियों से वार्ता कर पूरे मामले का संज्ञान लिया। उन्होंने निष्पक्ष कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। मुठभेड़ में घायल सोनू की जमानत कराई जाएगी। उनसे मुकदमा खत्म किया जाएगा। जो भी इसमें दोषी होगा, उस पर उचित कार्रवाई कराई जाएगी।
    - चौ. ऋषीपाल सिंह, एमएलसी।