हाथरस की 3 फर्जी फर्म: एक मोबाइल नंबर पर 60 फर्म के फेक रजिस्ट्रेशन
लखनऊ में फर्जी पंजीकरण मामले के बाद हाथरस में तीन फर्जी फर्में पकड़ी गईं। इन फर्मों ने एक ही मोबाइल नंबर और पते का इस्तेमाल कर करोड़ों रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट का फर्जी लाभ लेने की कोशिश की। सेंट्रल जीएसटी टीम ने पंजीकरण रद्द कर दिया है और नेटवर्क की जांच कर रही है।

प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।
जागरण संवाददाता, हाथरस। लखनऊ के बाद हाथरस में पकड़ी कई तीन फर्जी फर्मों के नेटवर्क को जीएसटी की टीमें खंगालने में लग गई हैं। हालांकि तीनों ही फर्जी फर्म का पंजीयन तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है।
दरअसल, प्रदेश की राजधानी लखनऊ में फर्जी पंजीकरण के मामले का भंडाफोड़ किया गया था। पड़ताल में हाथरस से भी जुड़े पाए गए। जांच में पता चला है कि हाथरस में भी तीन फर्मों का पंजीकरण उसी मोबाइल नंबर (7678311461) से कराया गया था, जिसका इस्तेमाल लखनऊ व अन्य जिलों में फर्जी फर्मों का पंजीकरण कराने में किया गया।
राज्य कर विभाग की टीम ने तीनों फर्म के संचाालकों खंगाला जा रहा नेटवर्क
जांच में पाया कि इन फर्मों के नाम पर लोहा, मैटल व स्क्रैप व्यापार के बिल जारी कर करोड़ों रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट का फर्जी लाभ लेने की कोशिश की गई थी। इन फर्मों से वास्तव में न तो कोई वास्तविक व्यापारिक गतिविधि हुई और न ही किसी प्रकार की भौतिक सामग्री की आवाजाही दर्ज की गई। हाथरस जो तीन फर्म हैं उनमें आरके एंटरप्राइजेज,पीके एंटरप्राइजेज इगलास रोड व जीके एंटरप्राइजेज इगलास रोड के नाम हाथरस में खोली गई थी।
लखनऊ में एक मोबाइल नंबर 60 फर्म के फर्जी पंजीकरण का पकड़ा था मामला
इन तीनों फर्मों के पते के प्रमाण पत्र के रूप में एक ही व्यक्ति ऋषि कुमार पुत्र हाकिम सिंह का बिजली बिल लगा था। पड़ताल के बाद सेंट्रल जीएसटी टीम ने तीनों फर्मों के पंजीकरण निरस्त कर दिए हैं। सूत्र बताते हैं कि सेंट्रल जीएसटी के अधिकारियों की टीम अभी नेटवर्क को खंगालने में लग गई है। संभावना जताई जा रही है कि अभी और फर्म प्रकाश में आ सकती है। इसमें आर्थिक अपराध शाखा और आयकर विभाग की मदद ली जा रही है।

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