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    Jalaun News: खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर पहुंची यमुना, 80 गांव खतरे में… लोगों की बढ़ी मुसीबतें

    Updated: Tue, 26 Aug 2025 11:09 AM (IST)

    जालौन में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रहा है जिससे 80 गांवों पर खतरा मंडरा रहा है। अगस्त में दूसरी बार आई बाढ़ से कई गांवों में भारी नुकसान हुआ है। जलस्तर 109 मीटर तक पहुंच गया है जबकि खतरे का निशान 108 मीटर पर है। कालपी और महेवा क्षेत्र में यमुना का पानी तेजी से बढ़ रहा है।

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    Jalaun News: खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर पहुंची यमुना

    जागरण टीम, जालौन। राजस्थान के बांधों से पानी छोड़ने से जनपद में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर तक ऊपर बह रहा है। पानी इस बार लगातार दूसरी बार खतरा के निशान को पार कर अपना विकराल रूप लेकर 80 गांवों के लिए खतरा बन गया है। 

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    अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में बाढ़ आने से कई गांवों में भारी नुकसान हुआ था। बाद में बाढ़ का पानी उतर गया था लोगों को लगा था कि अब बाढ़ नहीं आएगी। अब फिर से यमुना नदी का जलस्तर 109 मीटर पहुंच गया है, जबकि खतरे का निशान 108 मीटर पर लगा है। 

    कालपी व महेवा क्षेत्र में यमुना नदी का पानी तेजी से बढ़ रहा है। वहीं रामपुरा क्षेत्र में पहुज व सिंध का पानी कई गांवों में भर गया है। इस कारण लोगों को अपना सामान फिर से सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ रहा है।

    20 किमी क्षेत्रफल के 15 गांवों में भरा पानी

    महेवा: इसी महीने 22 दिन पहले तीन अगस्त को आई बाढ़ लोग अभी भूल नहीं पाए थे कि यमुना नदी की बाढ़ ने फिर से विकराल रूप धारण कर लिया है। यमुना नदी के उल्टे बहाव से नून नदी में बाढ़ आ जाने से सिकरी रहमानपुर से शेखपुर गुढ़ा तक 20 किमी क्षेत्रफल में नून नदी के दोनों ओर पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। 

    बाढ़ से पड़री, पिपरौधा रपटा व कालपी-मंगरौल मार्ग बाढ़ के पानी से डूब जाने के कारण 15 से अधिक गांवों का आवागमन ठप है। देवकली के बाल सिंह, कीरतपुर के पवनदीप निषाद, पड़री के रवींद्र सिंह, मंगरौल के विनायक सिंह ने बताया कि हीरापुर, देवकली, कीरतपुर, मैनूपुर, शेखपुर गुढ़ा, गुढ़ा खास, पड़री, महेवा, निबहना, उरकरा कला, पिपरौधा, सिकरी रहमानपुर, गोरा कला, सिमरा शेखपुर, सरैनी, पाल, खड़गुई, कोड़ा किर्राही आदि गांव के किनारे रातों-रात यमुना व नून नदी से बाढ़ का पानी भर जाने से लोगों में दहशत व्याप्त है। 

    इस बार बहुत तेजी से बाढ़ का पानी बढ़ रहा है। 22 दिन पहले आई बाढ़ की परेशानी अभी लोग भूल नहीं पाए थे कि फिर से बाढ़ की दस्तक से लोग सामान बचाने में जुटे हैं।