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    महिला सिपाही ने पीलीभीत-बरेली में भी दारोगा और सिपाहियों को किया ब्लैकमेल, मांगती थी मोटी रकम

    Updated: Tue, 09 Dec 2025 04:14 PM (IST)

    उरई में कुठौंद थाना प्रभारी अरुण कुमार राय की मौत के बाद, मीनाक्षी नामक महिला सिपाही के ब्लैकमेलिंग के मामले सामने आ रहे हैं। मीनाक्षी पर आरोप है कि उ ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, उरई। कुठौंद थाना प्रभारी अरुण कुमार राय की गोली लगने से मौत के बाद उनके संपर्क में रही मीनाक्षी के ब्लैकमेलिंग का कच्चा चिट्ठा खुलने लगा है। वर्ष 2022 में पीलीभीत के पूरनपुर थाने में तैनाती के दौरान भी एक सिपाही को प्रेम जाल में फंसाकर उसे ब्लैकमेल किया था।

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    इसके अलावा बरेली और फिर जालौन में उसका यह ब्लैकमेल करने का काम चलता रहा। मीनाक्षी पहले दारोगा, सिपाहियों को अपने जाल में फंसाती थी फिर उनसे मोटी रकम की मांग करती थी।

    इसमें उसके पिता व भाई भी सहयोग करते थे। रविवार को भी जेल जाते समय मीनाक्षी का उसके पिता ने मनोबल बढ़ाते हुए कहा था कि वह उसे जल्द छुड़वा लेंगे।

    जिले में भी उसके कई दारोगा, सिपाहियों के साथ जुड़े होने की चर्चाएं तेज हो गई हैं।सीडीआर में तीन दिन में 100 से अधिक फोन करने की बात सामने आई है। पूरे मामले की जांच तीन सदस्यीय एसआइटी कर रही है।

    शुक्रवार की रात कुठौंद थाना प्रभारी अरुण कुमार राय गोली लगने से घायल हो गए थे। उनके कमरे से महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा कमरे से चिल्लाते हुए निकली कि गोली मार ली और वह वहां से भाग गई थी। बाद में थाना प्रभारी को मेडिकल कालेज में मृत घोषित कर दिया था।

    मृतक थाना प्रभारी की पत्नी माया देवी गोरखपुर में गोरखधाम मंदिर के पास बी-117 आवास विकास कालोनी विकास नगर विस्तार में रहती हैं। उन्होंने मीनाक्षी पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसे रविवार को जेल भेज दिया है।

    इस मामले में अब महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा से जुड़े कई राज खुलने लगे हैं। वह पीलीभीत के पूरनपुर थाने में भी सिपाही मोहित से दोस्ती कर उससे 25 लाख रुपये की मांग क थी। वहां के बाद वह बरेली पहुंची थी तो वहां भी एक थाना प्रभारी व दो सिपाहियों पर भी आरोप लगाए थे।

    तीन दिन और 100 कालें

    शुक्रवार की रात को थाना प्रभारी अरुण कुमार राय की मौत हुई थी। इसके बाद महिला सिपाही मीनाक्षी को हिरासत में लिया था। जिसके पास से तीन मोबाइल व चार सिम मिले थे। जब काल डिटेल निकाली तो उसमें 72 घंटों में 100 से अधिक काल अरुण को कोई गई थीं। जिसमें व्हाट्सअप काल भी शामिल हैं। जिसकी जांच की जा रही है।

    नदीगांव थाने से लेकर कई थाने के सिपाही थे टच में

    मीनाक्षी के मोबाइल नंबरों की जांच की गई तो उसमें दारोगा से लेकर कई थानों के सिपाही भी बातचीत करने में शामिल थे। जिसमें कोंच, नदीगांव, कुठौंद व उरई के सिपाहियों के नंबर मिले हैं जिससे कारण जानते हुए पूछताछ हो रही है। हालांकि अभी जानकारी गोपनीय रखी गई है।

    तीन सदस्यीय एसआइटी की जांच शुरू

    थाना प्रभारी की गोली लगने से मौत के बाद पूरा मामला खुदकुशी से जुड़ा रहा। वहीं मीनाक्षी को हत्या के मामले में जेल भेज दिया है। अब हर बिंदु पर पूरे मामले की जांच एसआइटी की तीन सदस्यीय टीम जांच कर रही है। जो जांच के बाद अपने रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपेगी जिसे मुकदमा की विवेचना में शामिल किया जाएगा।