समय पर इलाज मिलता तो बच सकती थी दादा-पौत्री की जान, करवाचौथ के दिन ही उजड़ गया सुहाग
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में करवाचौथ के दिन एक दुखद घटना घटी। समय पर इलाज न मिलने के कारण एक दादा और उनकी पोती की मृत्यु हो गई। परिजनों ने एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन वह समय पर नहीं पहुंची। इस घटना से गांव में शोक की लहर है और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी उजागर हुई है।

संवाद सूत्र, महेवा । ग्राम हथनौरा से तीन किमी की दूरी पर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महेवा में इमरजेंसी के साथ डाक्टरों की सुविधा नहीं है। सप्ताह में एक बार कैंप लगाकर मरीजों को दवा दे जाती है। इसके बाद वार्डब्वाय व कंपाउंडर इलाज करते हैं।
अगर यहां इलाज की सुविधा होती तो शायद वृद्ध व उसकी पौत्री उल्टी दस्त होने पर यहां इलाज के लिए पहुंच जाते। वृद्ध की मौत से उसकी पत्नी का करवाचौथ के दिन उजड़ गया। वृद्धा ने व्रत को लेकर सारी तैयारी एक दिन पहले ही कर रखी थीं। सीएमओ ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्र की रिपोर्ट मंगाई जा रही है।
महेवा ब्लाक के ग्राम हथनौरा में 70 वर्षीय शिवकुमार व 16 वर्षीय कक्षा आठ की छात्रा मोना देवी की उल्टी दस्त होने से मौत की खबर मिलने पर स्वास्थ्य विभाग व प्रशासनिक अधिकारियों में एसडीएम मनोज कुमार गांव पहुंचे थे। वहां हरेंद्र सिंह, वीर सिंह आदि ग्रामीणों ने बताया कि तीन किमी की दूरी पर ब्लाक मुख्यालय महेवा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। जिसमें कोई सुविधा नहीं है। अगर महेवा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इमरजेंसी सुविधा होती तो समय से इलाज मिलने पर दोनों की जान बच जाती।
नहीं है डॉक्टर की नियमित नियुक्ति
इस अस्पताल में एक भी डाक्टर की नियमित नियुक्ति नहीं है। केवल रविवार के दिन स्वास्थ्य मेला में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कालपी से डाक्टर शेख शहरयार इलाज के लिए आते हैं। शेष एक सप्ताह वार्डब्वाय व कंपाउंडर के सहारे यह अस्पताल चलता है।
ब्लाक मुख्यालय होने के बावजूद इस अस्पताल में कोई संसाधन नहीं है। 70 वर्षीय शिवकुमार की मौत से उनकी पत्नी 68 वर्षीय मुन्नी उर्फ सुशीला का करवाचौथ के दिन सुहाग उजड़ गया। वह करवाचौथ पर व्रत रखने के लिए एक दिन पहले से पूजन सामग्री आदि खरीद कर ला चुकी थीं।
डेढ़ दशक पहले बीमारी से हुई थीं छह मौतें
इमरजेंसी सेवाएं न होने की वजह से इस तरह संक्रामक रोग फैलने से 15 वर्ष पहले क्षेत्र के ग्राम देवकली में छह लोगों की मौत हो गई थी। पांच वर्ष पहले ग्राम पंचायत खड़गुई में 30 से अधिक लोग बीमार हो गए थे। ब्लाक क्षेत्र के किसी भी गांव में जब बीमारी फैलती है तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बाबई से स्वास्थ्य टीम आती है। बाबई, महेवा, ब्लाक जालौन बार्डर का गांव है इसलिए गंभीर बीमार होने पर इन गांवों के लोग मजबूरी में झोलाछाप से इलाज करते हैं। सीएमओ डा. एनडी शर्मा ने बताया कि महेवा स्वास्थ्य केंद्र की रिपोर्ट मंगाई है, वहां स्टाफ पूरा किया जाएगा।
जांच के बाद लोगों को दी दवा
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महेवा को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा देकर सभी सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएं तो इस क्षेत्र की 60 हजार से अधिक ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने लगे। एसडीएम की सूचना पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बाबई से स्वास्थ्य टीम में डा. कौशल, डा. उदय दरबार, पंकज शर्मा, आसिफ मोहम्मद पहुंचे जिन्होंने मौत के कारणों को जानने का प्रयास किया व अन्य ग्रामीणों की जांच करके दवाइयों का वितरण किया।
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