यूपी की ये बीडीओ का धन प्रलोभन से पुराना नाता, फर्जी भुगतान में रह चुकी निलंबित, अब रिश्वत लेते पकड़ी गईं
जालौन में रिश्वत लेते हुउए पकड़ी गई बीडीओ पहले भी फर्जी भुगतान कराने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। अब भुगतान के एवज में रिश्वत लेते हुए विजिलेंस ...और पढ़ें
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लाल शाल डाले बीडीओ प्रतिभा शाल्या को साथ लेकर जाते टीम के सदस्य। स्रोत इंटरनेट मीडिया
संवाद सूत्र, कदौरा (जालौन)। ठेकेदार से इंटरलाकिंग के भुगतान को लेकर बुधवार को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते केंद्रीय सतर्कता विजिलेंस टीम झांसी द्वारा रंगे हाथ पकड़ी गईं कदौरा विकास खंड की बीडीओ प्रतिभा शाल्या की धन लोलुपता का यह पहला मामला नहीं है। पूर्व में भी कई कार्यों में गलत ढंग से भुगतान निकालने में उन्हें निलंबित किया जा चुका है। बिना कार्य किए भुगतान समेत कई मामलों की विधायक ने जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय से शिकायत की थी। जिसके बाद जांच में आरोप सही पाए गए थे।
शासन ने 22 मार्च 2025 को उन्हें निलंबित कर मुख्यालय संबद्ध कर दिया था। उच्च न्यायालय के आदेश पर उन्हें पुन: इसी विकास खंड में नियुक्ति मिल गई थी। इससे पूर्व वह कोंच व कुठौंद ब्लाक में बीडीओ रही थीं जहां पर भी उनकी कार्यशैली विवादित रही थी।
ये था पूरा मामला
कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी ने 10 अगस्त 2024 को जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय को शिकायती पत्र में बताया था कि बुंदेलखंड विकास निधि वित्तीय वर्ष 2022-23 में ग्राम उकासा में कारसदेव बाबा के स्थान से झल्लू यादव के मकान तक पक्का कार्य प्रस्तावित किया था। इस कार्य को कदौरा की कांट्रैक्टर एंड सप्लायर्स नाहिदा बेगम फर्म से कराया गया था। 2 अगस्त को ग्रामीणों ने कालपी विधायक को सूचना दी कि किसी ने सूचना पट हटा दिया है। इसके हटाने के पीछे मकसद था कि लागत व और कार्य अवधि को छिपाकर इसी कार्य का दोबारा भुगतान कराया जा सके।
जांच में ये आया सामने
जांच में पता चला कि बीडीओ की जानकारी में जेई के माध्यम से इसी कार्य का फिर से फर्जी स्टीमेट बनाया गया है। जिसकी शिकायत विधायक ने डीएम से की थी जिस पर डीएम ने जांच डीसी मनरेगा रामेंद्र सिंह को सौंपी थी। जांच के बाद डीसी मनरेगा ने रिपोर्ट जिलाधिकारी के भेजी थी। जिलाधिकारी ने जब रिपोर्ट शासन को भेजी तो बीडीओ को आयुक्त ग्राम्य विकास कार्यालय लखनऊ से संबद्ध कर दिया गया था। मामले की जांच शासन स्तर से हो रही थी। जांच के दौरान फर्जी बिलों पर बीडीओ के हस्ताक्षर भी मिले थे इसीलिए इनको दोषी मानकर 22 मार्च 2025 को निलंबित कर दिया था।
इन कार्यों का निकाला था फर्जी भुगतान
- एक ही कार्य के ग्राम पंचायत इमिलिया से आठ सितंबर 2023 को 3,93,760 रुपये व क्षेत्र पंचायत विकास खंड कदौरा से पांच जुलाई 2024 को 2,26,809 रुपये का भुगतान बिना कार्य कराए किया गया था।
- वित्तीय वर्ष 2024-25 में विकास खंड कदौरा में क्षेत्र पंचायत की ओर से मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायत इमिलिया में कराए गए कार्य चंद्रमान के मकान से कब्रिस्तान तक बांध निर्माण कार्य में अनियमितता मिली थी।
- भुगतान के समस्त मस्टर रोल जिसमें 2,45,058 रुपये की धनराशि मांगी गई और इस्टीमेट 2,29,416 रुपये का बनाया गया, लेकिन श्रमिकों का भुगतान न करने व बिना परीक्षण किए फीडिंग कराकर भुगतान करा लिया गया था।
- क्षेत्र पंचायत की कार्ययोजना में ग्राम पंचायत की ओर से बिना कार्य कराए पांच जुलाई को 2,29,416 रुपये का इस्टीमेट बनाकर फर्जी भुगतान करा लिया।
- मनरेगा योजना के तहत कार्य की तकनीकी व वित्तीय स्वीकृति की प्रतियां उपलब्ध न होने, जनपद से 10 अक्टूबर 2024 को कार्यमुक्त होने के बाद उच्चादेशों का अनुपालन करने में लापरवाही बरती गई थी।
विजिलेंस टीम द्वारा बीडीओ को रिश्वत लेते पकड़े जाने की सूचना मिली है। इस संबंध में टीम के अधिकारी बीडीओ से पूछताछ कर रह हैं। पूरा प्रकरण उनके संज्ञान में नहीं है। शिकायत के आधार पर कार्रवाई हुई है।
केके सिंह, सीडीओ

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