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    Dengue Case in Jaunpur : जिले में नहीं थम रहा है डेंगू का संक्रमण, सक्रिय मामले बढ़कर 243 तक जा पहुंचे

    By Abhishek SharmaEdited By:
    Updated: Fri, 09 Sep 2022 10:22 AM (IST)

    जौनपुर जिले में डेंगू का संक्रमण दर एक बार फिर बढ़ गया है। गुरुवार को दर्जन भर नए मामले सामने आने के बाद अब 243 लोग डेंगू से संक्रमित हो चुके हैं। जिले में पूर्वांचल में सर्वाधिक मामले डेंगू के हो चुके हैं।

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    जौनपुर जिले में कोरोना के मामले बढ़कर 243 तक जा पहुंचे हैं।

    जौनपुर, जागरण संवाददाता। बदलापुर क्षेत्र में डेंगू का संक्रमण दर एक बार फिर बढ़ा हुआ नजर आ रहा है।एक दिन पूर्व गुरुवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 62 बुखार पीड़ितों ने जांच हुई, इनमें 12 लोग डेंगू पाजिटिव पाए गए। अब संक्रमितों की संख्या बढ़कर 243 हो गई है। जिनका उपचार सीएचसी से लेकर विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के सारे उपाय विफल साबित हो रहे हैं। बढ़ते प्रकोप से नागरिक भयभीत हैं।

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    आठ टीमें घर-घर कर रही बुखार पीड़ितों को चिन्हितडेंगू के बढ़ते प्रकोप के रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग युद्धस्तर पर लगा है। फिर भी सफलता हाथ नहीं लग रही है। गुरुवार को स्वास्थ्य एवं सफाई विभाग के कर्मचारी घर-घर पहुंच कर बुखार पीड़ितों को चिन्हित करने में जुट रही। टीम पीड़ित के घर में रखे फ्रीज, कूलर, छत पर जमा पानी आदि को देखा तथा लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं। फाइलेरिया विभाग के सुपरवाइजर शिवशंकर वर्मा, आशा संगिनी सावित्री, आशा सितारा व सफाई कर्मी अवनीश कुमार ने पुरानी बाजार में शैलेश शर्मा की नांद में भरे बारिश के पानी में पाए गए लार्वा को नष्ट कराया।

    सीएचसी अधीक्षक डाक्टर संजय दुबे ने बताया कि आठ टीमें नगर क्षेत्र के भलुआहीं, पुरानी बाजार व बरौली में घर-घर बुखार पीड़ितों को चिन्हित करने, लार्वा को नष्ट करने तथा लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं। फाइलेरिया इंस्पेक्टर कृष्ण प्रताप दुबे, दया शंकर यादव, मलेरिया इंस्पेक्टर सतीश कुमार दुबे, इंद्रजीत सिंह, शिवशंकर वर्मा इनके कार्यों की मानीटरिंग कर रहे हैं। उधर ईओ अनिल कुमार सिंह द्वारा साफ-सफाई, एनटी लार्वा का छिड़काव, फागिंग का कार्य अनवरत कराया जा रहा है।

    बच्‍चे की मौत : खतरेजान बने नीम-हकीम व अवैध अस्पतालों पर रोक नहीं लग पा रही है। गुरुवार को दो वर्षीय बुखार पीड़ित बच्चे की उपचार के दौरान मौत हो गई। स्वजनों ने नीम-हकीम पर गलत इलाज का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। मोलनापुर गांव निवासी अमरनाथ उर्फ अर्जुन की पुत्री सुशीला अपने दो साल के बेटे यमंत सिंह के साथ मायके आई थी। उसकी ससुराल प्रतापगढ़ जनपद कोतवाली क्षेत्र के मतुई गांव में है। दो दिन पूर्व उसके बेटे की तबीयत खराब हुई तो उसने मोलनापुर के एक डाक्टर से दवा लिया। आरोप है कि उसकी तबीयत और बिगडने पर स्वजन फिर डाक्टर के पास गए तो वह इलाज करने से मना कर दिया। उसे गुरुवार को जौनपुर इलाज के लिए ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। मृत बच्चे के पिता महेश का आरोप है कि गलत दवा की वजह से बच्चे की मौत हुई। थानाध्यक्ष मीरगंज बृजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने पर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।