किसानों के लिए खुशखबरी, नेपियर घास उगाने पर सरकार से मिलेगा अनुदान
किसानों के लिए खुशखबरी है! सरकार ने नेपियर घास की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान देने का निर्णय लिया है। यह योजना किसानों की आय बढ़ाने और पशुधन के लिए बेहतर चारा सुनिश्चित करने में सहायक होगी। सरकार बीज और उर्वरक जैसे संसाधनों की खरीद के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। नेपियर घास पशुओं के लिए पौष्टिक चारा है, जो उनके स्वास्थ्य और उत्पादकता में सुधार करता है।
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जागरण संवाददाता, जौनपुर। अब मवेशियों के लिए हरे चारे की कमी दूर करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। जिले में चारा नीति के अंतर्गत नेपियर घास के उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाएगा। यह योजना किसानों, पंजीकृत गोशालाओं, गो–आश्रय स्थलों, एफपीओ, स्वयं सहायता समूहों और स्वैच्छिक संस्थाओं के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी।
योजना के तहत पशुपालन विभाग किसानों को नेपियर घास की जड़ों का मुफ्त वितरण करेगा और इसके साथ ही 0.2 हेक्टेयर भूमि पर नेपियर घास रोपाई करने वाले किसानों को चार हजार रुपये का अनुदान दो किस्तों में दिया जाएगा। लाभार्थी कम से कम 0.2 हेक्टेयर में नेपियर घास की खेती कर सकता है।
उसके मुफ्त में घास की जड़ें और दो चरण में चार हजार अनुदान दिया जाएगा। पहली किस्त जड़ें प्रदान करते समय और दूसरी किस्त घास की पहली कटाई के बाद जारी की जाएगी। एक बार रोपाई करने पर यह घास 10 वर्षों तक लगातार उपलब्ध रहती है।
क्या है नेपियर घास
नेपियर घास की लंबाई 10 से 15 फीट होती है। पौधे से 40-50 तक कल्ले निकलते हैं। इसे हाथी घास के नाम से भी जाना जाता है। संकर नेपियर घास अधिक पौष्टिक व उत्पादक होती है, जिसे पशुपालक चारा मशीन में काटकर खिलाते हैं।
समिति करेगी लाभार्थियों का चयन
नेपियर घास उत्पादन के लिए लाभार्थियों का चयन जनपदीय समिति द्वारा किया जाएगा। गाइड लाइन के अनुसार समिति में मुख्य विकास अधिकारी अध्यक्ष, उपमुख्य पशु चिकित्साधिकारी सचिव, मुख्य चिकित्साधिकारी, उपायुक्त मनरेगा, उप निदेशक कृषि प्रसार, दुग्ध विकास विभाग का प्रतिनिधि सदस्य होगा।

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