बदलापुर थाने में "मुझे नौ लक्खा मंगा दे रे...." पर लग रहे थे ठुमके, कोतवाल सहित नौ लोग निलंबित
जौनपुर के बदलापुर कोतवाली में जन्माष्टमी पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में अश्लील नृत्य का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। कोतवाली प्रभारी समेत कुल नौ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक ने इसे पुलिस की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला कृत्य बताया है।

जागरण संवाददाता, जौनपुर। बदलापुर कोतवाली में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर शनिवार की रात आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान एक विवादास्पद घटना सामने आई। इस कार्यक्रम में शराबी फिल्म के एक गाने पर अश्लील नृत्य का प्रदर्शन किया गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
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इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार को पुलिस प्रशासन ने आठ और पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया। इस घटना के बाद कोतवाली प्रभारी अरविंद कुमार पांडेय को रविवार को ही निलंबित कर दिया गया था। पुलिस अधीक्षक डा. कौस्तुभ ने इस अश्लील नृत्य को पुलिस प्रशासन की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला कृत्य मानते हुए त्वरित कार्रवाई की। उन्होंने पूरे मामले की विभागीय जांच के आदेश भी दिए थे।
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बदलापुर कोतवाली में जन्माष्टमी के अवसर पर पूजा के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम के दौरान एक नर्तकी ने जिस गाने पर नृत्य किया, वह नृत्य अश्लीलता की सीमाओं को पार कर गया। इस वीडियो के वायरल होने के बाद एसपी ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कोतवाली प्रभारी को निलंबित किया।
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जांच के दौरान यह पाया गया कि कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही बरती गई थी। इस लापरवाही के लिए दो उप निरीक्षक सहित आठ अन्य पुलिस कर्मियों को भी निलंबित किया गया। सभी के खिलाफ विभागीय जांच के निर्देश दिए गए हैं, ताकि इस मामले की गहराई से जांच की जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।
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पुलिस प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि इस प्रकार की घटनाएं दोबारा न हों। इस घटना ने न केवल स्थानीय पुलिस की छवि को धूमिल किया है, बल्कि समाज में भी एक नकारात्मक संदेश भेजा है।
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इस प्रकार की घटनाएं समाज में अश्लीलता और अनुशासनहीनता को बढ़ावा देती हैं, जो कि किसी भी सांस्कृतिक कार्यक्रम के उद्देश्य के विपरीत है। पुलिस प्रशासन ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर यह संदेश दिया है कि वे ऐसे कृत्यों को बर्दाश्त नहीं करेंगे और कानून के अनुसार कार्रवाई करेंगे। इस घटना ने यह भी स्पष्ट किया है कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अनुशासन और मर्यादा का पालन करना आवश्यक है, ताकि समाज में सकारात्मक संदेश जाए और पुलिस प्रशासन की छवि भी बनी रहे।
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