कन्नौज में दीपावली पर गंगा नहाने गई थी मां-बेटी, सेल्फी लेते समय दोनों की डूबने से मौत
दीपावली के दिन कन्नौज में गंगा स्नान के दौरान दर्दनाक हादसा हो गया। मां और बेटी गंगा नदी में नहाने के बाद सेल्फी लेने लगीं, तभी अचानक उनका पैर फिसल गया और दोनों गहरे पानी में डूब गईं। आसपास मौजूद लोगों ने बचाने की कोशिश की, लेकिन दोनों की मौत हो गई। दीपावली की खुशियों के बीच इस हादसे से इलाके में शोक की लहर फैल गई।

हादसे के बाद घर पर रोते बिलखते स्वजन। जागरण
संवाद सूत्र, जागरण गुगरापुर (कन्नौज)। गंगा नदी में नहाने के बाद फोटो खिंचाते समय किशोरी डूब गई। उसको बचाने के प्रयास में कूदी मां भी तेज बहाव में बह गई। गहरे पानी में डूबने से मां-बेटी की मृत्यु हो गई। जबकि दोनों को बचाने के प्रयास में कूदी पड़ोस में रहने वाली महिला को किसानों ने बाहर निकाल कर बचा लिया। हादसे से गांव में खुशियों का पर्व दीपावली शोक में बदल गया।
गुरसहायगंज कोतवाली के गांव फराहरन निवासी लक्ष्मण मिश्रा कानपुर की निजी कंपनी में नौकरी करते हैं। दीपावली पर वह शुक्रवार को घर आए थे। दीपावली पर्व सनातनी परंपरा के चलते सोमवार की सुबह आठ बजे लक्ष्मण की 38 वर्षीय पत्नी प्रीती, 15 वर्षीय बड़ी बेटी निशा, आठ वर्षीय मुस्कान और पांच वर्षीय बेटी उन्नति के साथ गांव के सामने घाट पर गंगा स्नान करने गईं थीं।
इस दौरान उनके साथ पड़ोस में रहने वाली सुनीता पत्नी प्रदीप शुक्ला थीं। स्नान के बाद निशा गंगा नदी किनारे खड़े होकर मां प्रीती से मोबाइल फोन से फोटो खिंचा रही थी। इस दौरान निशा का पैर फिसल गया और गंगा नदी में डूब गई। बेटी को बचाने के लिए मोबाइल फोन फेंक कर प्रीती भी नदी में कूद गई। देखते-देखते मां-बेटी गहरे पानी में बह गईं, वहीं पड़ोसी सुनीता ने भी दोनों को बचाने के लिए नदी में छलांग लगा दी, तो वह भी डूबने लगी।
शोर सुनकर पहुंचे किसानों ने किसी तरह सुनीता को बाहर निकाल कर बचा लिया। करीब दो घंटे बाद दो किलोमीटर दूर सद्दूपुर गांव के सामने से बह रहे मां-बेटी के शवों को बाहर निकाला गया। बेटी और पत्नी का एक साथ शव देखकर लक्ष्मण मिश्रा और परिवार के अन्य लोग बेसुध हो गए। खुशियों के दीपावली पर हुए हादसे से परिवार में चीख-पुकार मच गई। एसपी विनोद कुमार ने बताया कि गंगा में डूबने से मां और बेटी की डूबने से मौत हुई है। दोनों शवों का पोस्टमार्टम कराया गया है।
मातम की मनी दीपावली, सिसकियों से बिलख उठा गांव
गंगा नदी में मां-बेटी के डूबने से गांव में मातम की दीपावली मनी। पीड़ित परिवार की सिसकियां और चीख-पुकार से पूरा गांव बिलख उठा। हर कोई परिवार के लोगों को सांत्वना देने में जुटा रहा। गुरसहायगंज कोतवाली के फराहन गांव के सामने आधा किलोमीटर दूर गंगा नदी है। प्रत्येक त्योहार पर लक्ष्मण की पत्नी प्रीती देवी बच्चों के साथ अक्सर गंगा स्नान करने जाती थीं। सोमवार की सुबह गंगा नहाते समय प्रीती देवी और उनकी बेटी निशा की गंगा में डूबने से मौत हो गई। हादसे की जानकारी मिलते ही गंगा नदी के मुहाने पर बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंच गए। खोजबीन करने के लिए गोताखोर समेत गांव के लोगों ने नदी में छलांग लगा दी। इससे दो घंटे बाद नदी से गोताखोरों ने शव खोज निकाने। दोनों के शव मिलते ही चीख-पुकार मच गया। ग्रामीणों ने भी दीपावली नहीं मनाई। वहीं मां और बहन की मौत के बाद मासूम मुस्कान और उन्नति को बिलखते देखकर हर किसी आंख नम हो गई।
मां मेरी फोटो खींच दो कहते हीं नदी में समा गई निशा
मां-बेटी को बचाने के लिए जान जोखिम में डालकर कूदने वाली पड़ोसी सुनीता भी बेसुध हैं। हंसते हुए गंगा नहाते समय आंखों के सामने मां-बेटी को डूबता देखकर उनका कलेजा बैठ गया। तैरना न जानते हुए भी उन्होंने गंगा में छलांग लगा दी। शायद अगर किसानों के पहुंचने में थोड़ी देर हो जाती, तो सुनीता भी बह जाती। सुनीता ने बताया कि उन्हें लगा था कि अब वह भी नदी में समा गई। कोतवाली प्रभारी कपिल दुबे के पूछताछ करने पर उन्होंने कहा कि निशा ने अपनी मां प्रीती से कहा कि मां मेरी फोटो खींच दो। जमीन रखा मोबाइल जैसे ही प्रीती ने उठाया कि इतनी देर में निशा का पैर फिसला और वह डूब गई।
लक्ष्मण बोला कि काश... साथ जाता, नहीं होता हादसा
गंगा नहाने के लिए प्रीती ने पति लक्ष्मण से साथ चलने को कहा था, लेकिन घर में सफाई करने के लिए लक्ष्मण ने मना कर दिया था। हादसे के बाद बिलखते हुए लक्ष्मण ने कहा कि काश वह अगर साथ जाता, तो हादसा नहीं होता, क्योंकि लक्ष्मण तैरना जानते हैं। पत्नी और बड़ी बेटी की मौत के बाद दो मासूम बेटियों के पालन-पोषण को लेकर चिंता सताने लगी।
डर के मारे सब कुछ सुन्न हो गया था… सुनीता
बच गईं सुनीता की आंखों में अभी भी वो मंजर तैर रहा है। कांपती आवाज़ में उन्होंने बताया-निशा ने बस इतना कहा, मां मेरी फोटो खींच दो… और फिर अचानक सब कुछ बदल गया। प्रीति भी फौरन कूद पड़ी… मुझे लगा मैं भी नहीं बचूंगी… लहरों ने जैसे मुझे किनारे फेंक दिया।
कड़ी मशक्कत के बाद मिले शव
घटना की सूचना पर चौकी नौरंगपुर प्रभारी राजेश कुमार रावत और कोतवाली प्रभारी कपिल दुबे पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। स्थानीय गोताखोरों को बुलाया गया। कई घंटे की खोजबीन के बाद प्रीति और निशा के शव सद्दूपुर के पास गंगा से बरामद किए गए। दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
दीपावली की रात सन्नाटा, गांव में नहीं जलेंगे दीप
गांव फराहरन में इस हादसे के बाद त्योहार की सारी रौनक खत्म हो गई। जिन घरों में मिठाइयों की खुशबू और दीप जलने थे, वहां अब सन्नाटा पसरा है। ग्रामीण कहते हैं कि दीपावली की सुबह उजियारे की जगह मातम दे गई। ऐसा मंजर पहली बार देखा है।प्रीति की तीन बेटियां थीं। बड़ी बेटी निशा पढ़ाई में होशियार थी। मां-बेटी की मौत से गांव स्तब्ध है और हर आंख नम।
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