Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अखिलेश दुबे की जांच में चौंकाने वाले खुलासे, वसूली के खेल में IPS-PPS से लेकर सफेदपोश तक शामिल; ऐसे फंसाते थे शिकार

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 09:02 AM (IST)

    कानपुर में अधिवक्ता अखिलेश दुबे के गिरोह का पर्दाफाश हुआ है जिसमें आईपीएस पीपीएस अधिकारी और कई सफेदपोश शामिल हैं। यह गिरोह फर्जी मुकदमे दर्ज कराकर वसूली और जमीन हथियाने में माहिर है। पुलिस जांच में पता चला है कि कई पुलिस अधिकारी अखिलेश के पैर छूते थे और कुछ उनके साथ रिश्तेदारी भी निभाते थे।

    Hero Image
    वसूली के लिए 'चक्रव्यूह' रचने वाले गिरोह में IPS, PPS के अलावा कई सफेदपोश (अधिवक्ता अखिलेश दुबे। जागरण आर्काइव)

    जागरण संवाददाता, कानपुर। रंगदारी मांगने और धमकाने में जेल गए चर्चित अधिवक्ता अखिलेश दुबे के नाम पर भले ही कोई पंजीकृत गिरोह नहीं है, मगर पुलिस की अब तक की जांच में जो सामने आया है, वह चौंकाने वाला है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गिरोह में आइपीएस, पीपीएस अधिकारियों के अलावा कई सफेदपोश भी शामिल हैं जो कमाई में हिस्सेदार थे। यह गठजोड़ वकील, पत्रकार और पुलिस वालों की मिलीभगत से शुरू हुआ था।

    फर्जी मुकदमा दर्ज कराकर वसूली और जमीन हथियाने में माहिर यह गिरोह सालों से काम कर रहा था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर स्वीकार किया कि गिरोह में कई आइपीएस, पीपीएस और गैर राजपत्रित पुलिसकर्मी शामिल हैं।

    कई ऐसे पुलिस अधिकारियों के बारे में पता चला है, जो सार्वजनिक रूप से अखिलेश के पैर छूते थे।कुछ समय पहले तक एक आइपीएस अधिकारी साले-बहनोई का रिश्ता बताकर अखिलेश का झंडा बुलंद किए थे।

    पूर्व में एक दागदार अफसर से भी अखिलेश से काफी करीबी रिश्ते सामने आए हैं। वहीं गैर राजपत्रित पुलिसकर्मियों में आशीष द्विवेदी जैसे पुलिसकर्मियों की लंबी लाइन है, जो अखिलेश को हर मर्ज की दवा बताकर शहर में वसूली और जमीन पर कब्जे की बीमारी बढ़ा रहे थे।

    पिछले पांच-सात वर्षों में इस गिरोह में कुछ ऐसे सफेदपोश भी शामिल हो गए थे, जो इसे और अधिक ताकतवर बना रहे। ऐसे पिता-पुत्र की जोड़ी को पुलिस ने पकड़ा भी है।

    ऐसे काम करता था गिरोह

    सबसे पहले शिकार के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराया जाता था, ताकि उस पर दबाव डाला जा सके। अगर किसी वजह से सीधे मुकदमा दर्ज करना संभव नहीं होता तो यह लोग अदालत के रास्ते 156-3 में मुकदमा दर्ज कराते थे।

    अखिलेश गिरोह ने जो भी मुकदमे दर्ज कराए, वो सभी मुकदमा दर्ज करने की तारीख से महीनों पुरानी घटनाओं से संबंधित होते थे।

    समझौता होने के बाद विवेचक सबूत नहीं मिलने की बात लिखकर मुकदमे में अंतिम रिपोर्ट लगाता था।

    दुष्कर्म में फंसाकर होटल मालिक से वसूले थे ढाई करोड़

    अखिलेश दुबे और उसके सहयोगी लवी मिश्रा पर होटल मालिक को ब्लैकमेल कर ढाई करोड़ रुपये रंगदारी वसूलने का भी मुकदमा दर्ज हुआ है। दोनों ने एक महिला के जरिये होटल मालिक पर सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज करवा दिया था और समझौते के नाम पर वसूली कर ली थी।

    एडीसीपी क्राइम अंजली विश्वकर्मा ने बताया कि होटल मालिक पर लगे आरोप झूठे पाए गए थे। उनकी तहरीर पर अखिलेश और लवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

    यह भी पढ़ें- कानपुर के अखिलेश दुबे गिरोह की खौफनाक सच्चाई, दुष्कर्म केस में फंसाने को बिहार और झारखंड से लाते लड़कियां