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    Akhilesh Dubey Case: अखिलेश दुबे का एक और कारनामा, नोएडा के बिल्डर पर किदवई नगर में मुकदमा करा वसूले थे नौ करोड़

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 11:13 PM (IST)

    भाजपा नेता मनोज सिंह ने खुलासा किया कि अखिलेश दुबे ने नोएडा के एक बिल्डर के खिलाफ किडवई नगर थाने में झूठा मुकदमा दर्ज कराकर 9 करोड़ रुपये वसूले थे। पुलिस ने बिल्डर को उठाया लेकिन पैसे मिलने पर छोड़ दिया। मनोज सिंह ने इस मामले की पुन जांच की मांग की है और अखिलेश दुबे पर कई लोगों से झूठे मुकदमे दर्ज कराकर पैसे वसूलने का आरोप लगाया है।

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    अखिलेश दुबे ने नोएडा के बिल्डर से नौ करोड़ वसूले थे।

    जागरण संवाददाता, कानपुर। अखिलेश दुबे और उसके गिरोह से प्रताड़ित हो चुके भाजपा नेता व अधिवक्ता मनोज सिंह ने मंगलवार को अखिलेश दुबे का एक और कारनामा बताया। उनका आरोप है कि अखिलेश दुबे ने अपने गिरोह के जरिए नोएडा के एक बिल्डर के खिलाफ किदवई नगर थाने में डकैती, अपहरण समेत धाराओं में मुकदमा दर्ज करवा दिया था। यहां तक पुलिस ने बिल्डर को उठा भी लिया, लेकिन जब नौ करोड़ रुपये वसूले मिले तब उसे छोड़ा गया।

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    उन्होंने इस मुकदमे की भी पुन: जांच कराने का आग्रह किया। भाजपा नेता ने यह भी कहा कि अखिलेश दुबे के पास अपराध करने के कई तरीके हैं। भाजपा सरकार में पहली बार उसके खिलाफ पुलिस आयुक्त अखिल कुमार के कार्यकाल में कार्रवाई हुई और जेल गया है।

    दबौली निवासी भाजपा नेता मनोज सिंह ने बताया कि अखिलेश दुबे ने हमारे प्लाट पर कब्जा करवाने के लिए कई हथकंडे अपनाए थे। जब उसकी दाल नहीं गली तो उसने झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया था। जबकि कई बार जांच हुई और हर बार साक्ष्य न मिलने पर बाद में अंतिम रिपोर्ट ही लगी। इसके बाद अखिलेश दुबे और उसके गिरोह के लोगों ने धमकियां तक दी और रुपयों की मांग की।

    यही नहीं झूठे मुकदमे दर्ज कराकर रंगदारी करने व कब्जा करने का मास्टर माइंड अखिलेश दुबे ने नोएडा के एक बड़े बिल्डर को अपने जाल में फंसाने का प्रयास किया। उससे रंगदारी मांगी, लेकिन जब रुपये नहीं मिले तो अखिलेश दुबे भड़क गया। उसने गुरुग्राम के अशोक विहार के विनीत कुमार शर्मा नाम के व्यक्ति के जरिए किदवई नगर थाने में बलवा,मारपीट, हत्या का प्रयास, जहरीला पदार्थ पिलाने, लूट, अपहरण, साजिश करने समेत धाराओं में तीन फरवरी 2022 में किदवईनगर थाने में मुकदमा दर्ज करवा दिया था।

    आरोप लगाया था कि दिनेश पांडेय और उनके साथियों ने पहले निवेश करने के नाम पर करोड़ों रुपये हड़पे। बाद में जब रुपये मांगे तो किदवई नगर क्षेत्र में बुलाकर कार में बैठाकर वादी काे अपहरण कर पीटा और जानलेवा हमला कर लूटपाट की। यही नहीं आरोप है कि मुकदमे के वादी का मेडिकल गाजियाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराना दिखाया था, लेकिन वादी का पता नहीं चला है।

    अखिलेश दुबे के इशारे पर तत्कालीन किदवई नगर थाना पुलिस बिल्डर को नोएडा से उठा लाई। यहां अखिलेश दुबे ने नौ करोड़ रुपये मांगे। जब रुपये मिले तो पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया। इसके बाद पीड़ित ने कोर्ट में चक्कर लगाए। पुलिस की जांच में भी घटना के साक्ष्य तो दूर वादी ही नहीं मिला, जो पता बताया गया। वहां भी कोई नहीं था।

    ऐसे में साक्ष्य न मिलने पर अंतिम रिपोर्ट लगा दी गई थी, लेकिन इस घटना के बाद से बिल्डर दिनेश पांडेय इतना सहम गए कि वह तब से किसी के सामने नहीं आ रहे हैं। मनोज सिंह ने बताया कि अखिलेश दुबे ने इस तरह से न जाने कितने लोगों पर मुकदमा दर्ज करवा उनका चरित्रहरण किया। मानसिक दबाव बनाया और रुपये वसूले।

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