Smart Meter: स्मार्ट मीटर को लेकर यूपी के इस जिले में बड़ा खेल, बिजली विभाग में हड़कंप
यूपी के कानपुर में बिजली चोरी रोकने के लिए लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर अब खुद सवालों के घेरे में हैं। केस्को की रेड टीम ने बीते माह चमनगंज क्षेत्र में दो ऐसे स्मार्ट मीटर पकड़े गए हैं, जिनका कोई रिकॉर्ड केस्को के पास नहीं है। खास बात यह है कि चार साल पहले इन मीटरों को ईईसीएल कंपनी द्वारा लगाए गए थे, जो केस्को को स्मार्ट मीटर सप्लाई करती थी। मामले के सामने आते ही बिजली विभाग में हड़कंप मच गया।
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जागरण संवाददाता, कानपुर। शहर में बिजली चोरी रोकने के लिए लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर () अब खुद सवालों के घेरे में हैं। केस्को की रेड टीम ने बीते माह चमनगंज क्षेत्र में दो ऐसे स्मार्ट मीटर पकड़े गए हैं, जिनका कोई रिकॉर्ड केस्को के पास नहीं है। खास बात यह है कि चार साल पहले इन मीटरों को ईईसीएल कंपनी द्वारा लगाए गए थे, जो केस्को को स्मार्ट मीटर सप्लाई करती थी। मामले के सामने आते ही बिजली विभाग में हड़कंप मच गया। कंपनी से मीटरों के बारे में जानकारी मांगी गई, तो कोई जवाब नहीं मिला। जिसके बाद केस्को प्रबंध निदेशक ने डेढ़ लाख मीटर कहां लगाए गए हैं, उनका रिकार्ड मांग लिया है।
केस्को की रेड टीम ने बीते माह चमनगंज में छापेमारी के दौरान चप्पल कारोबारी अनीस और मोहम्मद अहमद के घर फर्जी स्मार्ट मीटर पकड़े थे। इन स्मार्ट मीटरों का केस्को के पास कोई रिकॉर्ड नहीं था। वहीं, केवल दिखावे के लिए मीटर लगाकर बिजली का उपयोग किया जा रहा था। जब विभागीय टीम ने पड़ताल की तो पता चला कि यह मीटर निजी स्तर पर लगाए गए थे।
इस मामले में केस्को ने आरोपितों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के साथ ही कंपनी से रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन कंपनी भी इन मीटरों की कोई जानकारी नहीं दे पाई है। जिसके बाद केस्को एमडी ने कंपनी से सभी डेढ़ लाख उपभोक्ताओं के घरों में लगाए गए मीटरों का रिकॉर्ड मांग लिया है। वहीं, मामले को गंभीरता से लेते हुए केस्को ने पूरे शहर में स्मार्ट मीटरों की व्यापक जांच का अभियान शुरू कर दिया है। जहां भी संदिग्ध मीटरों की जानकारी मिल रही है, वहां विभागीय टीम तुरंत पहुंचकर मीटर की सत्यता की पुष्टि कर रही है। केस्को अधिकारियों ने साफ किया है कि इस फर्जीवाड़े में जो भी व्यक्ति या कंपनी दोषी पाई जाएगी, उसके खिलाफ पुलिस स्तर पर कार्रवाई की जाएगी।
केस्को के प्रबंध निदेशक सैमुअल पाल एन ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी से सभी उपभोक्ताओं और मीटरों का रिकार्ड मांगा गया है। मामला पुराना होने के कारण कंपनी पुराने रिकार्ड की जानकारी करके उपलब्ध कराएगी। ऐसे मामलों की जांच स्थानीय स्तर पर भी की जा रही है।
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