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    साइबर क्राइम ब्रांच से बोल रहा हूं...ऐसा कहकर ठगने वाला साइबर गिरोह का राजफाश, तीन ठग गिरफ्तार

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 06:15 PM (IST)

    साइबर क्राइम ब्रांच के नाम पर लोगों को ठगने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने तीन ठगों को गिरफ्तार किया है, जो लोगों को डरा-धमकाकर पैसे ऐंठते थे। यह गिरोह खुद को साइबर क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताता था और लोगों से उनके बैंक खाते की जानकारी मांगता था। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे किसी भी फोन कॉल पर विश्वास न करें।

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    सिर नीचे किए पकड़े गए ठगी के आरोपितों की जानकारी देते एसपी अभिषेक भारती। पुलिस

    जागरण संवाददाता, औरैया। लोगों को ठगने के लिए उन्हें मोबाइल फोन पर औरैया में जान देने वाले युवक के ये साइबर ठग गुनाहगार, अश्लील वीडियो के नाम पर लोगों को ऐसे करते ब्लैकमेलवाला देकर मुकदमा दर्ज करने की बात कर खुद को साइबर क्राइम ब्रांच लखनऊ का अधिकारी बताने वाले एक गिरोह का पुलिस ने राजफाश किया है। शनिवार दोपहर बाद एसपी ने सदर कोतवाली ने बताया कि ठगों की वजह से 18 नवंबर को एक युवक ने खुदकुशी कर ली थी। उसके स्वजन की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था। आरोपितों में एक बाल अपचारी है। तीनों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। आरोपित कानपुर देहात निवासी हैं।

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    खानपुर रोड निवासी अनुराज ने अपने घर में फंदा लगाकर जान दे दी थी। उसके स्वजन ने घटना के बाद मुकदमा दर्ज कराया था। कहा था कि कुछ दिनों से अज्ञात नंबरों से अनुराज के मोबाइल फोन पर काल आती थी। कालर खुद को साइबर क्राइम ब्रांच, लखनऊ का अधिकारी बताकर यह कहते थे कि उनके खिलाफ मोबाइल फोन पर अश्लील सामग्री देखने के आरोप में मुकदमा दर्ज हो गया है। उन्हें तुरंत गिरफ्तार करने पुलिस आ रही है।

     

    डराने-धमकाने के बाद पैसे देकर मामला रफादफा करने का दबाव बनाया जा रहा था। इससे प्रताड़ित होकर उसने खुदकुशी कर ली थी। एसओजी व पुलिस की टीम ने आरोपितों को गिरफ्तार किया है। एसपी ने कहा कि गिरफ्तार किए गए आरोपितों में नरेंद्र सिंह पुत्र किशनपाल निवासी मंगोलपुर थाना गजनेर जनपद कानपुर देहात व उसी के क्षेत्र में रहने वाला लालसिंह पुत्र नत्थू है। तीसरा बाल अपचारी है।

     

    पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वे लोग भोले भाले लोगों को टारगेट करते थे। पहले रैंडम नंबरों पर काल करके खुद को पुलिस अधिकारी बताते थे और अश्लील वीडियो देखने का झूठा आरोप लगाकर डराते थे। उसके बाद सामाजिक बदनामी का डर दिखाकर पैसे ऐंठते थे। इस साइबर अपराध करने वाले गिरोह ने अब तक कई लोगों को ठगने की बात स्वीकार की है। तीन मोबाइलों से 23 सिम कार्ड का ब्लैकमेलिंग व ठगी करने मे प्रयोग किया गया है।

     

    राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर विभिन्न राज्यों (छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड) व जनपदों (मिर्जापुर गोरखपुर, देवरिया आदि) में लगभग 10 शिकायतें दर्ज हैं। गिरफ्तार करने वाली टीम में कोतवाल राजकुमार सिंह, सर्विलांस टीम प्रभारी समित चौधरी और एसओजी प्रभारी प्रशांत सिंह व उनकी टीम शामिल रही।


    लोगों से की गई अपील

    एसपी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोई भी अज्ञात व्यक्ति फोन पर खुद को पुलिस या कोर्ट का अधिकारी बताकर पैसे मांगे या धमकी दे तो घबराएं नहीं। नजदीकी थाने या साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर सूचना दें।