Delhi Blast: कानपुर मेडिकल कालेज में आतंकी शाहीन के साथ बर्खास्त हुए थे ये तीन डाक्टर, जाना चाहते थे विदेश
दिल्ली ब्लास्ट मामले में एक नया खुलासा हुआ है। कानपुर मेडिकल कॉलेज से तीन डॉक्टरों को आतंकी शाहीन के साथ बर्खास्त किया गया था। इन डॉक्टरों पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का संदेह था और वे विदेश जाने की योजना बना रहे थे। सुरक्षा एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं।

जागरण संवाददाता, कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कालेज में वर्ष 2006 से 2013 तक लगभग आठ साल फार्माकोलाजी की प्रवक्ता व विभागाध्यक्ष रही आतंकी डा. शाहीन के साथ वर्ष 2013 के अंत में तीन और डाक्टर भी मेडिकल कालेज से बिना सूचना दिए गायब हुए थे। उन्हें भी 2021 में शासन ने बर्खास्त किया था।
ये तीनों अभी तक जांच के दायरे में नहीं थे। लेकिन आतंकी शाहीन के कनेक्शन की तलाश में जुटी जांच एजेंसियों ने फिजियोलाजी विभाग के हफीजुल रहमान, एनाटामी के हामिद अंसारी व सर्जरी विभाग के निसार अहमद का डाटा भी जुटाया है। इनकी गतिविधियों, गांव से लेकर मेडिकल कालेज तक में व्यवहार, बर्खास्तगी से पहले दिए गए नोटिस व जवाब नहीं देने से लेकर बाकी बिंदुओं पर पड़ताल शुरू हो हुई है।
जांच एजेंसियों की ओर से लिए गए रिकार्ड में पता चला है कि हामिद अंसारी कानपुर देहात स्थित राजकीय मेडिकल कालेज में एक साल पहले ही फिर से तैनात हुए हैं। इन्हें बर्खास्तगी के बाद कैसे नौकरी मिल गई, यह भी बड़ा सवाल है। हामिद प्रत्येक मंगलवार को राजकीय मेडिकल कालेज में जाते हैं। इसके बाद काकादेव क्षेत्र में निजी क्लीनिक में बैठने की जानकारी मिली है, लेकिन सही पता नहीं मिल पा रहा है।
आतंकी नेटवर्क में 100 डाक्टरों के देश भर में जुड़े होने की आशंका के बीच जीएसवीएम मेडिकल कालेज के इन तीन डाक्टरों की खोज भी जांच एजेंसियों ने शुरू की। इससे व्हाइट कालर टेरर की और परतें खुलनी तय हैं। बताया जा रहा है कि सर्जरी विभाग के निसार अहमद भी लखनऊ के किसी अस्पताल में काम कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि वर्ष 2013 में अचानक बिना सूचना दिए जीएसवीएम मेडिकल कालेज से गायब हुए चारों डाक्टरों ने पासपोर्ट के लिए भी आवेदन किया था। इसमें शाहीन की ओर से कालेज को विदेश यात्रा में जाने का पत्र भी दिया गया था।

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