Kanpur News: वेतन 10 हजार रुपये, सीजीएसटी ने थमाया 3 करोड़ का नोटिस, कोचिंग गार्ड के होश उड़े
कानपुर के काकादेव में कोचिंग सेंटर के सुरक्षा गार्ड ओमजी शुक्ला को दिल्ली CGST से 3 करोड़ रुपये के टैक्स का नोटिस मिला है। 10 हजार रुपये वेतन पाने वाले ओमजी को 17 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार दिखाया गया है। आयुक्त रोशन लाल ने उन्हें नोटिस का जवाब देने की सलाह दी है। नोटिस में ओमजी का सही पता और पैन नंबर है जिससे वह परेशान हैं।

जागरण संवाददाता, कानपुर : काकादेव स्थित कोचिंग केंद्र के सुरक्षा गार्ड ओमजी शुक्ला को सीजीएसटी ने तीन करोड़ रुपये के टैक्स का नोटिस दिया है। आवास विकास हंसपुरम निवासी इंटर तक पढ़े 22 वर्षीय ओमजी शुक्ला को केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर (सीजीएसटी) के दिल्ली आफिस की तरफ से दिए गए नोटिस में 17 करोड़ रुपये से ज्यादा का कपड़े का कारोबार दिखाया गया है। मात्र 10 हजार रुपये की नौकरी करने वाले ओमजी को तीन करोड़ 14 लाख रुपये का टैक्स जमा करने के लिए कहा गया है। सोमवार को ओमजी कानपुर में सीजीएसटी के आयुक्त रोशन लाल से मिले। आयुक्त ने उन्हें इस नोटिस का जवाब देने की सलाह दी है।
अपने परिवार के भरण पोषण के लिए काकादेव के कोचिंग केंद्र में रात में गार्ड की नौकरी करने वाले ओमजी शुक्ला को दो सप्ताह पहले सीजीएसटी के दिल्ली आफिस की तरफ से एक पेज का नोटिस आया था। ओमजी के घर में न होने की वजह से डाकिया उनके पड़ोसी को नोटिस दे गया था। उन्होंने लोगों को यह नोटिस दिखाया तो ज्यादातर ने इसे फर्जी बताया। फिर भी ओमजी ने इसे संभाल कर अपने पास रख लिया।
ओमजी के मुताबिक 21 अगस्त को डाकिया फिर आया। इस बार उसने जो नोटिस सौंपा वह 32 पेज का था। ओमजी के मुताबिक इसमें उसके घर का पता लिखा है। साथ ही परमानेंट अकाउंट नंबर (पैन) भी उन्हीं का है। इसे उन्होंने भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेश मिश्रा को दिखाया तो उन्होंने टैक्स सलाहकारों से चर्चा की। इसमें 17 करोड़ 47 लाख 56 हजार 200 रुपये का कारोबार दिखाया गया है। इस पर तीन करोड़ 14 लाख 56 हजार 116 रुपये का टैक्स मांगा गया है। उन्हें नोटिस मिलने के सात दिन के अंदर अपने सभी कागजात लेकर उपस्थित होने के लिए कहा गया है।
इस नोटिस से परेशान ओमजी सोमवार को सर्वोदय नगर स्थित सीजीएसटी कार्यालय में आयुक्त रोशन लाल से मिले। आयुक्त रोशन लाल ने बताया कि उन्होंने उचित जवाब देने के लिए सलाह दी है। उनके मुताबिक पत्र में जहां से नोटिस उनके पास आया है, वहीं जवाब देना चाहिए। वहीं के अधिकारी बता सकते हैं कि वह कागज सही है या नहीं। उनके अनुसार वैसे भी किसी भी सरकारी कागज का जवाब जरूर देना चाहिए।
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