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    सिंगापुर से लौटकर देशभर में की ठगी, कानपुर के युवक को ठगा तो धरे गए ठग क्रिकेटर व रेसलर

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 09:18 PM (IST)

    कोरोना काल में सिंगापुर से लौटे साइबर अपराधियों ने देशभर में ठगी का जाल बिछाया। कानपुर पुलिस ने दो ठगों को गिरफ्तार किया, जिनमें से एक क्रिकेटर है। ये क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर लोगों को ठगते थे। पुलिस ने उनके पास से मोबाइल, लैपटॉप और एक थार कार बरामद की है। पुलिस अब तीसरे साथी की तलाश कर रही है।

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    साइबर ठगी का आरोपित अनुज तोमर और विवेक शर्मा l पुलिस

    जागरण संवाददाता, कानपुर। कोरोना काल के दौरान सिंगापुर से लौटे दो साइबर अपराधियों ने एक अन्य साथी के साथ मिलकर देशभर में साइबर ठगी का जाल फैला रखा था। गोविंद नगर में अगस्त में क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर हुई ठगी के मामले में जांच कर रही थाना पुलिस और साइबर क्राइम टीम ने सर्विलांस की मदद से एक ठग को मोहाली एरोसिटी के पास फ्लैट से पकड़ा तो दूसरे को दिल्ली के सेक्टर 11 डीडीए स्पोर्ट्स कांप्लेक्स से दबोचा। बुधवार रात टीम दोनों को लेकर शहर लौटी।

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    दिल्ली से पकड़ा गया आरोपित क्रिकेटर है। आरोपितों के पास से 14 मोबाइल फोन, तीन लैपटाप, एक थार कार, कीमती क्रिकेट किट बैग बरामद हुआ। मोबाइल फोन में सिर्फ तीन सिमकार्ड लगे थे, जो मिजोरम की तीन महिलाओं के नाम से थे। बाकी में सिमकार्ड नहीं मिले। अब तक पुलिस को 35 लोगों के ठगे जाने की जानकारी मिली है जिनमें वह 60 लाख रुपये गंवा चुके हैं। अभी जांच में और लोगों की जानकारी मिलने की उम्मीद है।

    डीसीपी क्राइम अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि साइबर ठगों ने नौ जून, 2025 को गुजैनी आइ ब्लाक निवासी सुनील खन्ना को काल कर क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने का झांसा दिया था। इसके बाद ई-मेल से भेजे गए फार्म को उन्होंने भरा था। अगले दिन ही उनके क्रेडिट कार्ड से 1,35,669 रुपये निकल गए थे। शिकायत पर जांच शुरू हुई और 20 अगस्त को गोविंद नगर थाने में पीड़ित ने ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था। थाना पुलिस व साइबर सेल व साइबर क्राइम टीम जांच में लगी थी। इसके बाद जो ई-मेल आई और जिस नंबर से काल की गई थी, उसका मिलान किया गया। दोनों ही एक ही व्यक्ति की पता चली।

    टीम ने सर्विलांस की मदद से उस नंबर को ट्रेस किया। इसके बाद मोहाली की एरोसिटी से बागपत निवासी अनुज तोमर को जबकि दिल्ली के उत्तम नगर निवासी विवेक शर्मा को दिल्ली के सेक्टर 11 डीडीए स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के पास से पकड़ा। अनुज ने एमबीए और विवेक शर्मा ने बीटेक कर रखा है। अनुज ने बताया कि वह पहले दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, चंडीगढ़ समेत जिलों की कंपनियों में नौकरी कर चुका है। जब दिल्ली में नौकरी कर रहे थे तभी विवेक से संपर्क हुआ था। इसके बाद दोनों सिंगापुर में एक कंपनी में नौकरी करने चले गए, लेकिन कोरोनाकाल में नौकरी चली गई। किसी तरह से वे वहां से लौट आए। इसके बाद दिल्ली के उत्तम नगर का पवन जायसवाल मिला। नौकरी के लिए बात की तो उसने साइबर ठगी के तरीके बताए और कुछ समय में करोड़पति बनने का सपना दिखाया। उसने ही दोनों को ठगी के तरीके बताए। इसके बाद से क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने, भुगतान पर छूट देने समेत बहानों से लोगों से ठगी करने लगे। ठगी करने के लिए लोगों के मोबाइल नंबर का डेटा पवन जायसवाल उपलब्ध कराता था। उसी ने ठगी के लिए मिजोरम के सिमकार्ड उपलब्ध कराए थे। टीम उसकी तलाश में लगी है।


    क्रिकेट में कमाना चाहता था नाम, 1.23 लाख का बैट बरामद

    गोविंद नगर थाने के इंस्पेक्टर अभय कुमार सिंह ने बताया कि विवेक शर्मा क्रिकेट में नाम कमाना चाहता था, लेकिन एक तरफ रुपयों की भी जरूरत थी। कोरोनाकाल में काम भी छूट गया था तभी अनुज व पवन के साथ ठगी करने लगे, लेकिन वह क्रिकेट नहीं छोड़ना चाहता था। इसलिए ठगी से जो रकम मिलती उससे क्रिकेट किट ले आता था। इंस्पेक्टर ने बताया कि विवेक के पास जो क्रिकेट किट मिली। उसमें एक बैट मिला, जिसकी कीमत 1.23 लाख रुपये बताई गई है। विवेक ने बताया कि उसने मोहाली एरोसिटी में 30 हजार प्रतिमाह के किराये पर भूतल का फ्लैट लिया था, लेकिन वह कभी-कभी जाता था, जबकि वहां अनुज हमेशा रहता था।

    विवेक के पिता के नाम पंजीकृत थार, अनुज ने खरीदी पर नहीं कराई ट्रांसफर

    इंस्पेक्टर ने बताया कि अनुज के पास से जो थार बरामद हुई है। वह उसके साथी आरोपित विवेक शर्मा के पिता रतनलाल शर्मा के नाम से पंजीकृत है, जो प्रापर्टी डीलर हैं। इसमें अनुज ने उन्हें 12 लाख रुपये दिए थे, जबकि बाकी कुछ रकम किस्तों में देनी थी।

    अब तीसरे की तलाश

    ठगों के आरोपित क्रिकेटर और रेसलर को जेल भेजने के बाद साइबर टीम अब तीसरे की तलाश के लिए दोनों से बरामद मोबाइल नंबरों की सीडीआर निकलवा रही है। तीसरे आरोपित के हाथ लगते ही टीम को बड़ा गिरोह मिल सकता है। वहीं, पकड़े गए दोनों आरोपित एमबीए व बीटेक करने के बाद पहले सिंगापुर में नौकरी कर रहे थे, लेकिन कोरोना काल में नौकरी छूटी तो सभी घर लौट आए। रुपयों की किल्लत हुई तो दिल्ली के उत्तम नगर के युवक ने कर्ज दिया और साइबर ठगी के गुर सिखा करोड़ों कमाने का सपना दिखाया था, जिसके बाद वे लोग देशभर में साइबर ठगी करने लगे थे। क्रिकेटर ने ठगी की रकम से 1.25 लाख की कीमत का बैट तक खरीदा था।