Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Ganga Flood: कानपुर में गंगा में उफान, परमट की सीढ़ियों तक पानी, 18 गांवों में आफत, 3 पुल बंद

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 09:30 PM (IST)

    Ganga Flood कानपुर में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है जिससे बिठूर के 18 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। शुक्लागंज में जलस्तर खतरे के निशान के करीब है। उन्नाव में भी संपर्क मार्ग कट गया है। प्रशासन और सिंचाई विभाग लगातार निगरानी रख रहे हैं और तट के किनारे स्थित गांवों से संपर्क बनाए हुए हैं। कटरी के कई परिवार घर छोड़कर शिविरों में शरण ले रहे हैं।

    Hero Image
    बनिया पुरवा में नाव से जाते ग्रामीण । मो.आरिफ

    जागरण संवाददाता, कानपुर। गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है। नरोरा से गंगा का पानी कम छोड़ा जा रहा है लेकिन काली नदी, रामगंगा नदी, नून नदी समेत आसपास की नदियों से आ रहा पानी से शहर में गंगा का जलस्तर शुक्लागंज में खतरनाक बिंदु 114 मीटर से अब सिर्फ 81 सेंटीमीटर रह गया है। इस साल अब तक सबसे ज्यादा गंगा का जलस्तर पहुंच गया है। वहीं,बिठूर के 18 गांवों में बाढ़ से जूझ रहे हैं। उन्नाव में भी कानपुर से संपर्क मार्ग कट गया है। हर तरफ तबाही का मंजर दिख रहा है। साथ ही तीन पुलों से आवागमन बंद कर दिया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जलस्तर 113.19 मीटर पहुंच गया है। वहीं परमट में मंदिर की सीढ़ियों तक पानी आ गया है और गंगा का जलस्तर बढ़ जाएगा तो परमट में गंगा में गिर रहा नाला ओवर फ्लो होने से क्षेत्र में पानी भरने लगेगा। सिंचाई विभाग और प्रशासन के अफसर लगातार गंगा पर नजर रखे हुए है। खास तौर पर गंगा के तट के किनारे स्थित गांवों के लोगों से लगातार संपर्क किया जा रहा है ताकि गांव के अंदर पानी आने पर उनको बाहर निकाला जा सके।

    Kanpur Ganga Flood

    बनिया पुरवा में बाढ़ के पानी में  बच्चे को लेकर जाते स्वजन । जागरण

    गंगा का हाल

    • अपस्ट्रीम पर गंगा का जलस्तर - 114. 96 मीटर
    • डाउन स्ट्रीम पर गंगा का जलस्तर 114.46 मीटर
    • शुक्लागंज में गंगा का जलस्तर -113.19 मीटर
    • बैराज के 30 गेट में - 30 गेट खोले
    • शुक्लागंज की तरफ चेतावनी बिंदु - 113 मीटर
    • खतरे का निशान - 114 मीटर
    • नरोरा बांध से छोड़ा गया गंगा का जल - 1,15, 180 क्यूसेक
    • गंगा बैराज से शुक्लागंज की तरफ छोड़ा गया गंगा का जलस्तर 4,46, 982 क्यूसेक

    Kanpur Ganga Flood

    लक्ष्मणपुरवा में  बाढ़ के पानी से बच्चे को लेकर निकलते ग्रामीण । जागरण

    बिठूर के कटरी के गांवों में घुसा पानी, 400 परिवारों की गृहस्थी छतों पर

    गंगा बैराज मार्ग पर ख्योरा कटरी के बनियापुरवा के 70 वर्षीय राजाराम निषाद व उनकी पत्नी भिखाना डबडबाई आंखों से बेटे व परिवार के इंतजार में दिखे। बोले, बेटा रसोई घर तक तो पानी घुसिगा है। जाने कितने ऐसे हालात देख चुकेन। आगे कब तक दिखबे। 2010 वाले बाढ़ के हालात ऐसे हते तब सुनत रहेन के बंधा बनत है, लेकिन न तो बंधा बनो न सरकार कुछ ध्यान दीन्हिस। हजारों मनई सड़क पर डरो है। अब हमरे जिंदा तो इयो बंधा न बनी पाई, आगे लरिका बच्चा दिखिहैं। यह दर्द है गंगा का जलस्तर बढ़ने से बेहाल ग्रामीणों का। कटरी के 18 गांवों में घरों तक पानी घुसने के बाद 400 परिवारों की गृहस्थी छतों पर है तो सात गांवों के 460 परिवार गंगा बैराज स्थित शिविर में आ गए हैं। हाईवे पर ही उनके रसोईघरों से धुआं उठ रहा है। टिमटिमाती रोशनी में बंधा बनने से बाढ़ की विभीषिका हमेशा के लिए खत्म होने की आस लगाए लगाए बैठे हैं।

    Kanpur Ganga  Flood

    लक्ष्मणपुरवा में भरा बाढ़ का पानी । जागरण

    सात गावों के रास्तों में चार फीट तक पानी

    कटरी के भगवानदीपुरवा, भोपालपुरवा, बनियापुरवा, दुर्गापुरवा व लक्ष्मणपुरवा समेत सात गांवों के रास्तों पर चार फीट तक पानी भरने से संपर्क कट गया है। बिजली काटी जा चुकी है। ग्रामीण ट्रैक्टर या नाव के सहारे आवाजाही कर रहे हैं। यातायात पुलिस ने बिठूर के यश कोठारी चौराहे से बैराज आने वाले मार्ग को वनवे कर दिया है। दुर्गापुरवा, गिल्लीपुरवा व मक्कापुरवा गांवों में मवेशियों के लिए चारा की दिक्कत शुरू हो गई है। भूसा भीगने से खराब हो गया है। दुर्गापुरवा के समाजसेवी आजाद सिपाही ने अपना ट्रैक्टर लगाकर ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के साथ ही पशुओं को चारा भी बांटा।

    Kanpur Ganga  Flood

    पानी के बीच घनी आबादी...गंगा का जलस्तर धीरे-धीरे शहरी क्षेत्र में भी असर दिखाने लगा है। रानीघाट पर बसी बस्ती के आसपास पानी नजर आने लगा है। आधे घर और सामने खड़े वाहन पानी में डूबे नजर आ रहे है। फोटो: धीरज गुप्ता 

    2000 बीघा फसल बर्बाद

    चेते, गिरजाशंकर व सोनेलाल ने बताया कि लौकी, तरोई, कद्दू, बैगन के साथ अमरूद की 2000 बीघा फसल बर्बाद हो गई है। हिंगुपुरवा से लेकर बैराज तक बांध नहीं बनाने से ऐसे ही हालात बने रहेंगे। लछिमनपुरवा, चंदीपुरवा, हृदयपुर, तिसजा, चिरान भारत पुरवा, शिवदीन पुरवा, डल्ला पुरवा, हिंदूपुर, प्रतापपुर हरी, पपरिया, ईश्वरीगंज के 60 प्रतिशत लोग सड़क पर आ चुके हैं। प्रशासन ने चार बाढ़ राहत शिविर भारतपुरवा, प्रतापपुर हरी, हिंदूपुर, बनियापुरवा में बनाए हैं। भारतपुरवा की प्रधान कविता के ससुर मुन्नालाल ने आरोप लगाया कि प्रशासन नाव नही लगा पा रहा है। इससे ग्रामीण छतों पर हैं। पानी अधिक होने से लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। भारतपुरवा, चिरान, तिसजा के 120, मक्कापुरवा, गिल्लीपुरवा के 112, लछिमनपुरवा के 98, भोपालपुरवा के 80 व भगवानदीनपुरवा के 48 परिवार अब तक बैराज मार्ग पर शरण ले चुके हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कल्याणपुर व चौबेपुर के डाक्टरों ने शिविर लगाकर 145 लोगो को खांसी जुकाम बुखार की दवा वितरित की। कल्याणपुर के पशु चिकित्सालय के डा. अजय कुमार निरंजन ने 26 जानवरों को दवा दी। वहीं, बनियापुरवा में मल्हू निषाद व पूर्व प्रधान अशोक निषाद ने पीड़ितों को भोजन वितरित कराया। उन्होंने बताया कि जब तक शिविर में लोग रहेंगे, उन्हें भोजन देंगे।

    Kanpur Ganga  Flood

    बाढ़ की पीड़ित होने के बाद गृहस्थी के साथ सड़क पर बैठे राजाराम और उनकी पत्नी भिखाना। जागरण

    दो बीघा धनिया की फसल की 20 हजार लागत आई थी। सब खराब हो गई है। जलभराव के कारण आगे की फसल मुश्किल है, क्योंकि गेंहू भी समय से बो पाएंगे।

    -ज्ञानी प्रसाद निषाद भारत पुरवा।

    सब्जी की 10 बीघा फसल खराब हो गई है। ग्रामीण गांवों में फंसे हैं। प्रशासन नाव की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है। ट्रैक्टर नही चल सकते हैं। चारा की कोई व्यवस्था नहीं है।

    -मुन्नालाल निषाद भारत पुरवा।

    गंगा में बांध के लिए तत्कालीन सपा सरकार में आइआइटी से हवाई सर्वे कराया गया था, लेकिन अब तक कोई काम नहीं हुआ। बंधा बना होता तो जलस्तर से राहत मिल जाती।

    -गुलाब यादव प्रतापपुर हरी।

    जितनी फसल छह माह में पैदा करते हैं, उतनी जलभराव ले जाता है। टिफिन लेकर मजदूरी के अलावा कुछ नही बचा है। 300 मीटर कटान प्रतिवर्ष होने से गंगा की धारा इधर आ रही है। बैराज से हिंगूपुर तक बांध बने तो कुछ काम बन सकता है।

    -आजाद सिपाही दुर्गा पुरवा

    अमरूद व सब्जी की 20 बीघा फसल जलभराव से चौपट हो चुकी है। लोगों को मजदूरी करने के अलावा कोई जरिया नहीं बचा है। सरकार को बांध बना कर यहां की तबाही को रोकना चाहिए।

    रवि निषाद बनिया पुरवा।

    Kanpur Ganga  Flood

    कालीमिट्टी शिवराजपुर मार्ग पर हो रहें कटान को देखते हुएं मार्ग को बंद कराती पुलिस। जागरण

    उन्नाव में कटान तोड़ रही सड़कों से संपर्क, मचा रही तबाही

    उन्राव में गंगा नदी का जलस्तर करीब एक माह बाद केवल बढ़ा नहीं, बल्कि विकराल रूप ले रहा है। हालत यह है कि 128 किमी. क्षेत्र में फैली कटरी बाढ़ का पानी तबाही मचा रहा है। फसलें पहले ही बर्बाद हो चुकी थी। महीनों से गांव छोड़ दूसरे स्थानों पर समय काट रहे प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के सामने संकट बढ़ते ही जा रहे हैं। गंगा के उग्र रूप को देखते मंगलवार को डीएम एसपी ने फतेहपुर चौरासी क्षेत्र में काली मिट्टी शिवराजपुर मार्ग पर चल रही कटान को देखा और उसके रोकने के लिए निर्देश संबंधित विभागीय अधिकारियों को दिए। गंजमुरादाबाद, बांगरमऊ, फतेहपुर चौरासी, परियर, गंगाघाट से लेकर बक्सर तक गंगा ने हाल बेहाल कर रखा है। बाढ़ राहत केंद्रों या टेंट लगा कर सड़क किनारे किसी तरह से गुजर बसर कर रहे हैं।

    Kanpur Ganga  Flood

    गजियाखेड़ा में भरा बाढ़ का पानी। क्षेत्रीय निवासी

    परियर बिठूर मार्ग पर आवागमन कराया गया बंद

    परियर क्षेत्र में गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद परियर-बिठूर मार्ग पर तेज रफ्तार से बाढ़ का पानी बह रहा है। जिस सड़क कटने लगी है। यहां तक सड़क किनारे खड़े बिजली के पोल भी झुक गए हैं। बाबू बंगला, माना बंगला, देवी पुरवा, ललतू पुरवा, वंदन पुरवा, टपरा, महानंद पुरवा, बेनी पुरवा, पनपथा समेत बाढ प्रभावित गांव की बिजली काट दी गई है। वहीं परियर बिठूर मार्ग पर पानी आने के बाद पुलिस आवागमन बंद करा दिया है। वही परियर करोवन मार्ग पर बसधना गांव के पास नदी में बनी पुलिया के पास बाढ़ का पानी बहने लगा है।

    Kanpur Ganga  Flood

    फतेहपुर चौरासी में बाढ के पानी से कटा कालीमिट्टी से शिवराजपुर जाने वाले मार्ग का आधे से अधिक हिस्सा। जागरण

    गंगा के साथ सूखी कल्याणी में भी उफान

    गंजमुरादाबाद-बांगरमऊ क्षेत्र में गंगा का जलस्तर विकराल रूप लेता जा रहे है। कई परिषदीय विद्यालय, गो आश्रय, स्थल जलमग्न हो चुके हैं। साथ ही करीब आधा सैकड़ा गांव बाढ़ की विभीषिका झेल रहे है लेकिन बढ़ता जलस्तर अभी थमता नहीं दिख रहा है साथ ही कल्याणी नदी में भी पानी बढ़ना शुरू हो गया है। जिससे नया पुरवा, मल्हन पुरवा, कुशाल पुरवा, भिखार पुरवा, हरीगंज, कटरी गदनपुर आहार आदि गांवों का तहसील से पूरी तरह संपर्क कट चुका है। इन गांवों के ग्रामीण नाव आदि के सहारे जरूरी कार्यों को निपटा रहे है। तलहटी से छह किमी. दूर के गांव मेला रामकुवंर, दारापुर, खैरहन,पृथ्वी पुरवा आदि सहित अन्य गांव भी बाढ़ की चपेट में आ चुके है।

    पानी बढ़ने के साथ ही मवेशियों पर पड़ रही दोहरी मार

    फतेहपुर चौरासी में जलस्तर में वृद्धि होने के कारण एक ओर गांव में पानी भर गया है। जिससे ग्रामीणों को भारी नुकसान हुआ है। तो वहीं दूसरी ओर कटरी क्षेत्र के बेसहारा मवेशी जिस गांव में गंगा का पानी नहीं पहुंचा है। जिससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। मौजूदा समय किसानों की मक्का, धान, उड़द आदि फसलें खेतों में खड़ी है। बेसहारा मवेशियों का झुंड जिस खेत में घुस जाता है तो उक्त खेत में खड़ी फसल एकदम चौपट हो जाती है। किसानों का कहना है कि यदि बेसहारा मवेशी इसी प्रकार क्षेत्र में आए तो जो भी फसल है वह सब चौपट हो जाएगी।

    डीएम, एसपी ने लिया काली मिट्टी से शिवराजपुर मार्ग पर कटान का जायजा

    डीएम गौरांग राठी व एसपी दीपक भूकर ने काली मिट्टी से शिवराजपुर मार्ग में दबौली इंदुपुर निकट हो रहे सड़क कटान का स्थलीय निरीक्षण गया। निरीक्षण कर जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता सिंचाई खंड और पीडब्ल्यूडी और राजस्व को कटान रोकने के लिए आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिया है। डीएम ने कहा कि इसमें किसी स्तर पर लापरवाही ना हो। कहा कि सिंचाई और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों द्वारा कटान वाले बिंदुओं का निरीक्षण कर पैनी नजर रखी जाए। इस अवसर पर उप जिलाधिकारी बांगरमऊ, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी सुबोध कुमार, क्षेत्राधिकारी सफीपुर, तहसीलदार नायब तहसीलदार बांगरमऊ, मौजूद रहे।

    बाढ़ से मंझा, धरमपुर, दूली के अस्तित्व पर खतरा

    पाटन-बीघापुर क्षेत्र के गंगा नदी के पार कटरी के गांवो में पिछली बार से इस बार बार बाढ़ और भयावह रूप लेती जा रही है। मंझा, धरमपुर तो बाढ़ की चपेट में है ही हैं। अब पूरी दूली खेड़ा ग्राम पंचायत बाढ़ के पानी से घिरी गई है। गांव को जोड़ने वाले सभी मार्गों में पानी भर गया है। कटरी की फसल पूरी तरीके से जलमग्न होकर बर्बाद हो रही हैं। बाढ़ पीड़ित ऊंचे स्थानों पर तिरपाल तानकर रह रहे हैं। गंगा नदी के इस पार के गांव पसनिया खेड़ा पानी की पूरी तरह चपेट में हैं।

    पांचवें दिन भी स्वास्थ विभाग की टीम नहीं पहुंची बाढ पीड़ित गांव

    बाढ ग्रस्त गांव के लोगों आ आरोप है कि दोबारा जब से पानी बढ़ा है, तब से स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव नहीं पहुंची। यही हाल पर चिकित्सा का भी है। प्रधान दूली खेड़ा श्रीकृष्ण ने बताया कि मंझा धरमपुर आदि के गांव के बहुत से लोग वायरल बुखार की चपेट में हैं। जिससे प्राइवेट चिकित्सकों के पास जाना पड़ रहा है।

    उपकेंद्र में फिर घुसा पानी 250 गांवों की बिजली गुल

    गंगा नदी में दूबारा से आयी बाढ़ व बरकोता डेृन भदनी नदी में पानी उफान मारने के कारण 33/11 विद्युत सब स्टेशन ऐरा भदियार में पानी भरने के कारण उपकेंद्र इंसुलेंटर खोल दिया गया है। जिससे उपकेंद्र की बिजली आपूर्ति भी बंद कर दी गई है। सब स्टेशन से जुड़े परियर, पावा, बेहटा, थाना और सिकंदरपुर फीडरों के करीब 250 गांवों की बिजली आपूर्ति पूरी तरह से बंद कर दी गई है। जिससे उपभोक्ताओं को कुछ दिन अंधेरे में ही रहना पड़ेगा। विभागीय अधिकारियों ने उपभोक्ताओं से सहयोग की अपील की है। जबकि पूर्व में 26 अगस्त को भी पावर हाउस में जल भराव हो गया था जबकि तीन दिन पहले बाढ के चलते बाढ गस्त कटरी के आठ गावों की बिजली आपूर्ति पूरी रात बंद कर दी गई है। अब फिर से बिजली गुल हो गई है।

    यह भी पढ़ें- IND A vs AUS A: उन्नाव की काली मिट्टी की पिच पर कानपुर ग्रीन पार्क में होगा आखिरी अंतरराष्ट्रीय मुकाबला