बायोटेक स्टार्टअप्स को मिलेंगे 50 लाख का अनुदान, IIT Kanpur बनेगा मार्गदर्शक
आईआईटी कानपुर बायोटेक में नवाचार करने वाले युवाओं को 50 लाख रुपये तक का अनुदान देगा। स्टार्टअप इनक्यूबेशन सेंटर (एसआईआईसी) और बीआइआरएसी ने इसके लिए साझेदारी की है। स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा उपकरण जैसे क्षेत्रों में नवाचार करने वाले स्टार्टअप 30 नवंबर तक आवेदन कर सकते हैं। आईआईटी उन्हें अनुसंधान और तकनीकी सहायता भी प्रदान करेगा।

जागरण संवाददाता, कानपुर। जैव प्रौद्योगिकी (बायोटेक) में नवाचार करने वाले विज्ञानियों और युवाओं को आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) बड़ी आर्थिक व तकनीकी सहायता करने जा रहा है। आईआईटी ने स्टार्टअप नवाचार प्रतियोगिता की घोषणा की है जिसमें विजेता को 50 लाख रुपये की अनुदान राशि केंद्र सरकार से दिलाई जाएगी। विजेताओं को सफल स्टार्टअप बनने के लिए आईआईटी अपनी अनुसंधान व तकनीकी सहायता देने के साथ ही मार्गदर्शन भी करेगा। इसके लिए 30 नवंबर तक आवेदन किए जा सकेंगे।
नवाचारकर्ताओं और स्टार्टअप की पूरी सहायता करेगी IIT Kanpur
आइआइटी कानपुर के स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (एसआइआइसी) ने बायोटेक्नोलाजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल (बीआइआरएसी) की प्रतिष्ठित बायोटेक्नोलाजी इग्नीशन ग्रांट के साथ साझेदारी की है। इसके तहत महत्वाकांक्षी बायोटेक उद्यमियों और स्टार्टअप्स को 50 लाख रुपये तक का अनुदान दिलाया जाएगा। इस अनुदान को प्राप्त करने में आइआइटी की टीम नवाचारकर्ताओं और स्टार्टअप की पूरी सहायता करेगी। इसमें आइआइटी की विभिन्न लैब में अनुसंधान व प्रोटोटाइप विकास और अन्य सुविधाएं भी शामिल है।
18 महीने में अनुदान
योजना में चयनित उद्यमियों व अनुसंधानकर्ताओं को 18 महीने की अवधि के दौरान अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। आइआइटी ने जो आवेदन मांगे हैं उसमें बताया गया है कि स्वास्थ्य सेवा, चिकित्सा उपकरण, निदान संबंधी नवाचारों को प्रतियोगिता में शामिल किया जाएगा। स्टार्टअप को पांच साल से अधिक पुराना नहीं होना चाहिए।
इधर, सीएसजेएमयू ने सेमेस्टर परीक्षा का संशोधित कार्यक्रम जारी किया
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) ने 11 नवंबर से शुरू होने वाली संबद्ध महाविद्यालयों की विषम सेमेस्टर परीक्षा का संशोधित कार्यक्रम जारी कर दिया है। परीक्षा नियंत्रक राकेश कुमार ने बताया कि 30 नवंबर को कैट की परीक्षा और छह दिसंबर को एलटी ग्रेड की परीक्षा निर्धारित है। छात्र-छात्राओं की ओर से मिली आपत्तियों को देखते हुए इन दोनों तिथियों में परीक्षा नहीं कराने का निर्णय किया गया है। इसके अलावा अन्य छोटे -छोटे बदलाव भी परीक्षा कार्यक्रम में किए गए हैं। संशोधित परीक्षा कार्यक्रम विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है।

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