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    IPS रघुवीर लाल बने कानपुर के नए पुलिस कमिश्नर, भूमाफियाओं का नेटवर्क तोड़ने वाले अखिल कुमार का तबादला

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 10:08 PM (IST)

    कानपुर कमिश्नरेट के नए पुलिस आयुक्त रघुवीर लाल बनाए गए हैं अखिल कुमार का तबादला हो गया है। रघुवीर लाल पहले एडीजी सुरक्षा के पद पर थे और उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया जा चुका है। अखिल कुमार का कार्यकाल माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए जाना जाएगा। उन्होंने दागी पुलिस पत्रकार और वकीलों के गठजोड़ को तोड़ा था।

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    एडीजी सुरक्षा रघुवीर लाल बनें कानपुर कमिश्नरेट के नए पुलिस आयुक्त।

    जागरण संवाददाता, कानपुर। आइपीएस रघुवीर लाल को कानपुर कमिश्नरेट का पुलिस आयुक्त बनाया गया है। इससे पहले वह एडीजी सुरक्षा के पद पर थे। वर्ष 2023 में उन्हें विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था। वहीं, पुलिस आयुक्त अखिल कुमार के बहु प्रतीक्षित तबादले पर सोमवार को अंतिम मोहर लग गई। उनके स्थान पर एडीजी सुरक्षा के पद पर तैनात रघुबीर लाल को कानपुर कमिश्नरेट का नया पुलिस आयुक्त बनाया गया है। अखिल कुमार का 21 माह का कार्यकाल उनके द्वारा माफिया के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई के लिए जाना जाएगा।

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    रघुवीर लाल का प्रोफाइल

    उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग के रहने वाले 1997 बैच के यूपी कैडर के आइपीएस रघुवीर लाल बसपा सरकार में लखनऊ में पहली बार सृजित हुए एसएसपी कानून-व्यवस्था के पद पर रह चुके हैं। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान रघुवीर लाल संसद की लोकसभा सचिवालय में लंबे समय तक संयुक्त सचिव सुरक्षा के पद भी रहे हैं। वह एसपी सोनभद्र और चित्रकूट के पद भी रह चुके हैं। इसके साथ ही आइपीएस रघुवीर लाल एसएसपी अलीगढ़, आगरा, मेरठ, गाजियाबाद के पद पर भी रह चुके हैं।

    माफिया पर कार्रवाई को लेकर याद किए जाएंगे अखिल कुमार

    अखिल कुमार ने शहर में पांव जमा चुके दागी पुलिस, पत्रकार और वकीलों के गठजोड़ तो तोड़कर हजारों लोगों को राहत देने का काम किया। अखिल कुमार को केंद्र में डिजिटल इंडिया कार्पोरेशन में प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाया गया है। अपराध और अपराधियों पर प्रभावी प्रहार के लिए चर्चित आइपीएस अखिल कुमार ने कानपुर कमिश्नरेट में चार जनवरी 2024 को पुलिस आयुक्त की कमान संभाली थी। कमिश्नरेट में उन्होंने वर्ष 2024 में बड़ी कार्रवाई सिविल लाइंस में एक हजार करोड़ की नजूल की जमीन कब्जाने का प्रयास के आरोपित अवनीश दीक्षित को जेल भिजवाने कर की थी।

    कई नेता व अधिवक्ता उनसे मोर्चा लेने बढ़े

    कई नेता व अधिवक्ता पुलिस आयुक्त से मोर्चा लेने के लिए आगे बढ़े, लेकिन जब पता चला कि उनकी कुंडली भी खुल सकती है तो उनके कदम पीछे हट गए। इसके बाद कार्रवाई का दौर शुरू हुआ और अवनीश दीक्षित का 26 सदस्यों का बड़ा गैंग तैयार करा कार्रवाई हुई। इसी बीच कब्जा कर वसूली करने का आरोपित अधिवक्ता दीनू उपाध्याय का नाम सामने आया तो अखिल कुमार ने उन पर भी शिकंजा कसना शुरू किया। पिंटू सेंगर हत्याकांड में दीनू उपाध्याय व अरिदमन सिंह का नाम प्रकाश में आने के बाद भी विवेचना से हटाए जाने की शिकायत पर उन्होंने पुन: जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद दीनू को मई 2025 में उसे भी गिरफ्तार किया और उसका गैंग तैयार करा एक-एक कर अरिदमन सिंह, नारायण सिंह भदौरिया, दीपक जादौन समेत आरोपितों को जेल भिजवाया। कमलेश फाइटर गिरोह को भी उन्होंने पानी पिला दिया।

    अखिलेश दुबे को भेजा सलाखों के पीछे

    इसके बाद जब पता चला कि कमिश्नरेट में एक ऐसा भी गिरोह संचालित है जो जमीन-प्लाट कब्जाने व होटल व्यापारियों से वसूली के लिए लड़कियों को सामने कर झूठे मुकदमे दर्ज कराता है। मार्च 2025 में एसआइटी का गठन हुआ और फिर शुरू हुआ आपरेशन महाकाल। इसके तहत पहली बड़ी कार्रवाई नगर के चर्चित अधिवक्ता अखिलेश दुबे और उसके खास सहयोगी लवी मिश्रा के खिलाफ की गई और उन्हें जेल भिजवाया। इसके बाद अखिलेश दुबे गिरोह पर चार और मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज हुए, जबकि कई मामलों की जांच अभी एसआइटी कर रही है।

    आपरेशन त्रिनेत्र, दिव्य दृष्टि और मिशन हौसला भी सराहा गया

    आइपीएस अखिल कुमार ने अपराध पर लगाम लगा अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए आपरेशन त्रिनेत्र के तहत कमिश्नरेट के सभी थानाक्षेत्राें में सीसी कैमरे लगवाए। इसके साथ ही हिस्ट्रीशीटर और जिलाबदर पर आनलाइन निगरानी के लिए आपरेशन दिव्य दृष्टि चलाया और उसके बाद मिशन हौसला के तहत छोटे अपराधियों को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए उन्हें लोन दिला व्यापार कराने की पहल की थी।

    सबसे पहले मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद कि उन्होंने मुझे कानपुर के पुलिस आयुक्त के रूप में काम करने का मौका दिया। खुशी है कि शहर की मूलभूत समस्या, जो यहां के माफिया थे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हुई। यह सभी गिरोह आपस में मिले हुए थे और शहर को दीमक की तरह चट कर रहे थे। हमारी टीम में दिखा दिया कि सन्मार्ग पर चलकर अपराधी तत्वों को किस तरह से नेस्तनाबूत किया जा सकता है। आपरेशन दिव्यदृष्टि, आपरेशन त्रिनेत्र, आपरेशन महाकाल के माध्यम से भी शहर को लाभ मिला।

    अखिल कुमार, पुलिस आयुक्त

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