Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली ब्लास्ट मा्मले में डॉ. शाहीन का 'कानपुर नेटवर्क'! डॉ. आरिफ के डिलीटेड मैसेज खोलेंगे सारे राज

    Updated: Fri, 14 Nov 2025 09:14 PM (IST)

    दिल्ली बम धमाके के कानपुर कनेक्शन के बाद खुफिया एजेंसियां सतर्क हैं। मुस्लिम बहुल इलाकों में जांच चल रही है, लगभग दो दर्जन संदिग्ध निगरानी में हैं। आतंकी डॉक्टर शाहीन के संपर्कों की जांच हो रही है, क्योंकि उसने कानपुर में एक नेटवर्क बनाया था। डॉक्टर आरिफ की भूमिका भी संदिग्ध है, और उसके मोबाइल से कई अहम सुराग मिले हैं।

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, कानपुर। दिल्ली बम धमाके का कानपुर कनेक्शन सामने आने के बाद खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। लगातार तीन दिन से खुफिया एजेंसियां कैंट के साथ ही मुस्लिम आबादी वाले मुहल्लों डेरा डाले हुए हैं। अब पूरे तंत्र की नजर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों पर टिक गई है। यहां रहने वाले करीब दो दर्जन लोग संदिग्ध माने गए हैं, जिनकी निगरानी की जा रही है। मोबाइल फोन भी सर्विलांस पर लगाए गए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आतंकी डाक्टर शाहीन के संपर्क सूत्रों की जांच पुलिस व अन्य एजेंसियां कर रही हैं। वह लंबे समय तक कानपुर में रही और इस बीच उसने ठीक-ठाक नेटवर्क खड़ा कर लिया था। जांच में जुटे एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक शाहीन को लेकर तमाम बातें सामने आ रही हैं।

    एक चर्चा यह भी हो रही है कि शाहीन के गिरफ्तार भाई डाक्टर परवेज की ससुराल जाजमऊ ऊंचाटीला में है। परवेज के दोनों साले व्यापार करते हैं। उनकी दुकानें बबेकनगंज में है। इस तरह से शाहीन के साथ-साथ यहां पर उसके रिश्तेदार होने से एजेंसियां और सतर्क हो गई हैं।

    वहीं पिछले तीन चार महीने में डाक्टर आरिफ ने शाहीन के संपर्कों की मदद से पांव पसारने शुरू कर दिए थे। मोबाइल फोन सर्विलांस और सीडीआर रिकार्ड के जरिए अब तक एक दर्जन लोगों को संदिग्ध मानते हुए चिन्हित किया गया है। इन पर नजर रखी जा रही है। इनके खिलाफ कोई सबूत मिलने पर ही कार्रवाई की जाएगी।

    एजेंसियों की नजर में पहले से ही नई सड़क, पेंचबाग, यतीमखाना, बेकनगंज, चमनगंज और दादा मियां जैसे इलाके संदिग्ध श्रेणी में हैं, जहां आतंकी शाहीन के मददगार हैं, मगर डाक्टर परवेज की ससुराल वाला तथ्य सामने आने के बाद अब जाजमऊ भी जांच के दायरे में आ गया है।

    वाइस काल, वाट्सएप काल और डिलीट मैसेज खोलेंगे आरिफ का राज

    कार्डियोलाजी से डीएम कार्डियोलाजी की पढ़ाई कर रहे डाक्टर आरिफ के मोबाइल और लैपटाप से एजेंसियों को महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। जांच में जुटे एक अधिकारी के मुताबिक आरिफ ने भी डाक्टर शाहीन की गिरफ्तारी की खबर के बाद मोबाइल और लैपटाप से कुछ सामग्री डिलीट की है।

    मगर, एजेंसियों को आरिफ के मोबाइल से बड़ी लीड मिल रही है, जिससे साबित हो रहा है कि वह आतंकी साजिश का हिस्सा था। पिछले एक महीने में उसके द्वारा किए गए फोन काल, वाट्सएप काल, मैसेज, चैटिंग से काफी कुछ सबूत मिले हैं। यह भी सामने आया है कि आरिफ कानपुर छोड़ने की तैयारी कर रहा था। इसकी वजह यह मानी जा रही है, क्योंकि उसके कमरे में कुछ पैक्ड सामान मिला है।