Kanpur News: कानपुर में यहां होती दमखम दिखाने की परंपरा, प्रदेशभर के महिला-पुरुष पहलवान लगाते दांव
कानपुर के ड्योढ़ीघाट में स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित दंगल में इस बार महिला पहलवानों ने पुरुषों के साथ अखाड़े में उतरकर दर्शकों का दिल जीत लिया। 40 वर्षों से जारी इस परंपरा में दिल्ली गोरखपुर लखनऊ हाथरस और इटावा के पहलवानों ने दमखम दिखाया। महिला कुश्ती में आकांक्षा ने जीत दर्ज की जबकि ज्योति चतुर्वेदी ने आकांक्षा को हराया। विजेताओं को नकद धनराशि से सम्मानित किया गया।

संवाद सहयोगी, महाराजपुर (कानपुर)। महाराजपुर के ड्योढ़ीघाट में स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित परंपरागत दंगल इस बार खासा चर्चा में रहा। शुक्रवार को हुए आयोजन में पुरुषों के साथ महिला पहलवानों ने भी अखाड़े में उतरकर दर्शकों का दिल जीत लिया। लगभग 40 वर्षों से जारी इस परंपरा को इस बार और भी खास बना दिया महिला पहलवानों के जोश और संघर्ष ने।
महिला मुकाबले बने आकर्षण
कुल 18 कुश्तियों में दिल्ली, गोरखपुर, लखनऊ, हाथरस और इटावा के पहलवानों ने दमखम दिखाया। पहली महिला कुश्ती गोरखपुर की नम्रता और कानपुर बिठूर की आकांक्षा के बीच हुई, जिसमें आकांक्षा ने जीत दर्ज की। इसके बाद आकांक्षा और दिल्ली की ज्योति चतुर्वेदी के बीच मुकाबला हुआ। इस रोमांचक कुश्ती में ज्योति ने धोबी-पछाड़ दांव से आकांक्षा को चारों खाने चित कर विजयी रही। दर्शकों ने तालियां बजाकर दोनों महिला पहलवानों का उत्साहवर्धन किया।
पुरुष पहलवानों में भी दिखा जोश
पुरुष वर्ग की कुश्तियों में लखनऊ के सुशील, हाथरस के कुलदीप, इटावा के शिवा और संजीव सहित कई नामचीन पहलवानों ने अपने दांव-पेच दिखाए। मुकाबलों के दौरान दर्शकों में रोमांच चरम पर रहा।
विजेताओं को मिला सम्मान
आयोजन में विजयी पहलवानों को नकद धनराशि देकर सम्मानित किया गया। ऐमा ग्राम प्रधान शीतेश मिश्रा और भाजपा दक्षिण जिला मंत्री विनय मिश्रा ने विजेताओं को पुरस्कृत किया। इस अवसर पर रानू शुक्ला, अजय प्रताप सिंह, पंकज मिश्रा, लक्ष्मी निषाद और ओम पाल सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
परंपरा को जीवित रखने का प्रयास
ड्योढ़ीघाट स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर द्वारा हर वर्ष 15 अगस्त पर दंगल आयोजित कराने की परंपरा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस प्रकार के आयोजन युवाओं को परंपरागत खेलों से जोड़ने के साथ-साथ शारीरिक मजबूती और अनुशासन की भावना भी जगाते हैं। महिला पहलवानों की भागीदारी ने इस बार दंगल को और खास बना दिया।
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