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    कानपुर में LLB छात्र हमले में गुरुदेव चौकी प्रभारी निलंबित, अफसरों ने भी किया गुमराह

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 08:48 PM (IST)

    कानपुर में एलएलबी छात्र पर हमले के मामले में एडीसीपी पश्चिम ने दारोगा समेत छह पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया है। जांच में ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों की लापरवाही उजागर हुई, जिसके कारण छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया। दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी और छात्र को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया गया है। पुलिस विभाग ने ऐसी लापरवाही के प्रति सख्त रवैया अपनाने की बात कही है।

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    विधि छात्र अभिजीत सिंह पर चापड़ से जानलेवा हमला करने का आरोप निखिल तिवारी रावतपुर थाने के दारोगाओं के साथ जन्मदिन पार्टी मनाता हुआ। आरोपित के खिलाफ अभिजीत के मामा ने हत्या के प्रयास समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। इस फोटो से साबित होता है कि आरोपितों की थाने के पुलिसकर्मियों से कितनी अच्छी यारी है। इंटरनेट मीडिया

    जागरण संवाददाता, कानपुर। विनायकपुर में विधि छात्र अभिजीत सिंह पर चापड़ से जानलेवा हमले के मामले में एडीसीपी पश्चिम कपिलदेव सिंह ने जांच रिपोर्ट पुलिस आयुक्त को सौंप दी है। रिपोर्ट में मुकदमे व विवेचनाओं में खेल करने वाले गुरुदेव चौकी प्रभारी सचिन भाटी समेत छह पुलिसकर्मी लापरवाही के दोषी मिले हैं। चौकी प्रभारी को मंगलवार रात निलंबित कर दिया गया। वहीं, घटना के बाद चौकी प्रभारी के अवकाश पर जाने को लेकर पुलिस आयुक्त ने रावतपुर थाना प्रभारी मनोज मिश्रा को तलब कर लिया है। थाना प्रभारी की भी इस मामले में लापरवाही मिली है, हालांकि रिपोर्ट में उनका व दो अन्य पुलिसकर्मियों का उल्लेख नहीं है।

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    LLB Student Attack case 1

    रावतपुर थाने के गुरुदेव चौकी प्रभारी सचिन भाटी। इंटरनेट मीडिया

    जांच में यह भी सामने आया कि आरोपित की तरफ से घायल के खिलाफ मात्र डेढ़ घंटे में मुकदमा दर्ज कर लिया, लेकिन घटनास्थल की जांच के लिए पहुंचने में पुलिस को लगभग 16 घंटे लग गए। पुलिसकर्मियों ने आरोपितों को बचने का पूरा मौका दिया था ताकि वह साक्ष्य मिटा सकें। घटना में मिले सीसी कैमरों से आरोपितों की करतूत भी सामने आई है। दूसरी ओर यह भी सामने आया है कि इस पूरे प्रकरण में पश्चिम जोन के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने पुलिस आयुक्त को भी गुमराह करके घटना को कमतर करके उनके सामने पेश किया गया। ऐसे अफसरों को भी चेतावनी दी गई है।

    ये था मामला

    केशवपुरम निवासी विधि छात्र अभिजीत सिंह चंदेल मां की दवा लेने विनायकपुर स्थित मां मेडिकल स्टोर गए थे, जहां दवा में छूट को लेकर मेडिकल स्टोर संचालक अमर सिंह से उनका विवाद हो गया। अमर ने भाई विजय सिंह, निखिल तिवारी व प्रिंसराज श्रीवास्तव के साथ मिलकर अभिजीत से मारपीट की और चापड़ से हमला कर मरणासन्न कर दिया। चापड़ के हमले से अभिजीत का सिर फटा, अंगुली कटी, अंगूठा अलग हो गया व पेट की आंतें तक बाहर आ गईं थीं। उन्हें गंभीर हालत में सर्वोदय नगर स्थित रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

    साक्ष्य मिटाने का पूरा मौका दिया पुलिस ने

    इस घटना में पुलिस ने आरोपितों को बचाने के लिए उन्हें साक्ष्य मिटाने का पूरा मौका दिया, जिसका फायदा उठा संचालक ने डीवीआर तक गायब कर दी। घायल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने पर पुलिस पर उठे सवालों की जांच एडीसीपी पश्चिम ने की। उन्होंने सोमवार दोपहर घटनास्थल की जांच की और आसपास के लोगों से पूछताछ की।

    इस तरह हुई वारदात

    उन्होंने बताया कि अन्य सीसी कैमरों की जांच में रविवार रात 9:42 बजे मेडिकल स्टोर पर अभिजीत दिखा, जिसके हाथ में चोट दिख रही थी। हालांकि उसके हाथ में पिस्टल भी दिखी। इसके बाद उसका मेडिकल स्टोर संचालक से कुछ विवाद हुआ। फिर 10:19 बजे अभिजीत मेडिकल स्टोर से लगभग 250 मीटर दूर सिंचाई विभाग की कालोनी की तरफ भागते दिखा। उसके पीछे दो स्कूटी से तीन लोग आते दिखे। कालोनी में 15 मकान हैं, लेकिन रहते मात्र पांच ही परिवार हैं। अभिजीत बचने के लिए कालोनी की दीवार फांद जाता है। तभी 10:23 बजे स्कूटी सवार वापस जाते दिखते हैं। इसके बाद अभिजीत घायल हालत में लड़खड़ाते हुए 50 कदम चला और एक पेड़ के सहारे बेसुध होकर गिर पड़ता है।

    112 पर काल करने के बाद भी काफी देर में आई पुलिस

    कालोनी के रामू व राहुल ने यूपी 112 नंबर पर काल की, लेकिन काफी देर तक पुलिस और न ही एंबुलेंस पहुंची, जिस पर वे लोग उसे गंभीर हालत में लेकर बाइक से गुरुदेव चौकी पहुंचे, लेकिन पुलिसकर्मियों ने खुद ले जाने की बजाए उन्हीं दोनों से घायल को इलाज कराने को कह दिया। दोनों ने उसे एलएलआर अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन तब तक घटना की जानकारी स्वजन हो गई और उन्होंने अभिजीत को रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया। एडीसीपी ने बताया कि जांच में सामने आया है कि अभिजीत की कार में पिस्टल पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से रखी गई थी, जिसका वीडियो भी बनाया था। वहीं, अभिजीत की मदद करने वाले राहुल ने यूपी 112 पर 10:28 बजे काल की थी, जबकि आरोपित की तरफ से विजय ने 10:12 बजे ही काल कर रंगदारी मांगने, तमंचे की बट से हमला करने व लूट के आरोप लगाए थे। 12:10 बजे अभिजीत के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया था। हालांकि मामले में पुलिस ने अमर, भाई विजय और आशुतोष तिवारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

    अब विभागीय जांच

    संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था आशुतोष कुमार ने बताया कि मामले में लापरवाही मिलने पर गुरुदेव चौकी प्रभारी सचिन भाटी को निलंबित कर दिया गया। उसके खिलाफ विभागीय जांच भी होगी। इसके अलावा अन्य जिन पुलिसकर्मियों की अपराधियों के साथ की संलिप्तता मिलती है उनके खिलाफ भी कार्रवाई जरूर होगी। वहीं दूसरी ओर इस मामले में लापरवाही का एक और मामला प्रकाश में आया। पुलिस आयुक्त रघुवीर लाल ने बताया कि चौकी प्रभारी को निलंबन कर दिया गया है, मगर कुछ उच्चाधिकारियों ने उन्हें गुमराह करने की कोशिश की। उन्होंने प्रकरण को कमतर करके उनके सामने पेश किया, जबकि मामला गंभीर है। ऐसे अधिकारियों को चिन्हित कर लिया गया है और वह नहीं सुधरे तो उनके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई होगी।

    विवादों में रहते मेडिकल स्टोर संचालक भाई

    मां मेडिकल स्टोर के संचालक अमर सिंह और विजय सिंह पहले भी विवादित रहे हैं। दोनों भाइयों का अक्सर लोगो से विवाद होता है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, लगभग छह माह पहले दोनों ने किसी बात पर विवाद के बाद एक युवक को मेडिकल स्टोर में बंद कर पीटा था। पीड़ित ने थाने में तहरीर भी दी, लेकिन पुलिस से साठगांठ व रसूख के चलते कार्रवाई नहीं हो सकी। ऐसे ही दोनों ने एक कबाड़ी को भी पीटा था ।

    मतांतरण की शिकायत पर कैंसर पीड़ित को पीटने का लगा था आरोप

    निलंबित दारोगा सचिन भाटी को लेकर यह पहला विवाद नहीं है। वह पूर्व में विवादित रहे हैं । काकादेव शास्त्री नगर निवासी कैंसर पीड़ित जय सिंह उर्फ रिंकू ने चौकी इंचार्ज दारोगा सचिन भाटी पर मतांतरण के लिए दबाव बनाकर मारपीट किए जाने की शिकायत की थी । उनका आरोप है कि वह शिकायत लेकर थाने पहुंचे तो चौकी इंचार्ज ने उन्हें ही पीट दिया। पिटाई से आहत कैंसर पीड़ित चौकी इंचार्ज पर कार्रवाई की मांग को लेकर बच्चों संग थाने में ही धरने पर बैठ गया। इस दौरान कैंसर पीड़ित की हालत बिगड़ गई, उसे पुलिस ने रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया। घटना से पुलिस के हाथ-पांव फूल गए थे।

    प्रचलित फोटो ने खोली रावतपुर पुलिस की पोल

    इन सब विवादों के बाद मंगलवार को एक फोटो प्रचलित हुई, जिसके बाद रावतपुर पुलिस सवालों के घेरे में है। इस फोटो में विधि छात्र के साथ मारपीट का आरोपित निखिल तिवारी एक पुलिसकर्मी का जन्मदिन मनाते दिखाई पड़ रहा है। इस फोटो में कई दारोगा व सिपाही के साथ निखिल दिखाई पड़ रहा है। इससे अंदाजा लगा रहा है कि इस पक्ष का पुलिस से गहरा याराना है।

     

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