कानपुर की लुटेरी दुल्हन... मददगार पुलिस अधिकारियों के खाते होंगे फ्रीज, गैंग्स्टर की कार्रवाई
कानपुर में लुटेरी दुल्हन मामले में पुलिस ने सख्त कदम उठाते हुए मददगार पुलिस अधिकारियों के बैंक खाते फ्रीज करने का निर्णय लिया है। इन अधिकारियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है, क्योंकि उन्होंने दुल्हनों को भागने में सहायता की थी। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार करने की उम्मीद है।

जागरण संवाददाता, कानपुर। लुटेरी दुल्हन की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस उसके गिरोह में शामिल पुलिसकर्मियों की जांच करने में जुट गई है। उन सभी के बैंक खातों के ट्रांजेक्शन जांचे जा रहे हैं। पुलिस की जांच में अब तक सेवानिवृत्त सीओ और इंस्पेक्टर समेत चार से पांच पुलिसकर्मियों के नाम प्रकाश में आए हैं। उन सभी को बयान के लिए बुलाया जाएगा। आरोपितों के खिलाफ पुलिस गैंग्स्टर की भी कार्रवाई कर सकती है।
इंटरनेट मीडिया के जरिए करती थी दोस्ती
मूलरूप से बुलंदशहर निवासी ग्वालटोली थाने में तैनात दारोगा आदित्य कुमार लोचव की शादी मेरठ की दिव्यांशी चौधरी से 17 फरवरी 2024 को हुई थी। दिव्यांशी ने 25 नवंबर 2024 को पुलिस आयुक्त कार्यालय में हंगामा कर आदित्य पर आरोप लगाए थे कि पति इंटरनेट मीडिया के जरिए युवतियों से दोस्ती कर उनकी फोटो-वीडियो निकाल ब्लैकमेल करता है। इधर, आदित्य ने दिव्यांशी पर उसके यूपीआइ से लगभग 10 खातों में आठ करोड़ से ज्यादा के ट्रांजेक्शन होना बताया।
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दारोगा आदित्य कुमार लोचव के साथ लुटेरी दुल्हन दिव्यांशी चौधरी की फोटो। पुलिस
बैंक मैनेजर, दरोगा भी नाम आया सामने
मामले में पीड़ित दारोगा ने भी तत्कालीन पुलिस आयुक्त से मिलकर आरोपित दिव्यांशी और उसके गिरोह के लोगों के खिलाफ तहरीर दी थी। मामले में जांच बैठाई गई। इसके बाद दारोगा ने दिव्यांशी के खिलाफ सैकड़ों साक्ष्य दिए, जिसमें दिव्यांशी ने दो बैंक मैनेजर व मेरठ के एक दारोगा से पहले भी शादी करने व दुष्कर्म का आरोप लगा मुकदमा दर्ज कराया था। इसके अलावा एक अन्य सरकारी अधिकारी समेत कई लोगों को भी अपने जाल में फंसा ब्लैकमेल किया। इसके बाद पीड़ित की तहरीर पर दिव्यांशी के खिलाफ ग्वालटोली थाने में मुकदमा दर्ज हुआ।
शिवाला बाजार से गिरफ्तार किया था महिला को
मामले में पुलिस ने सोमवार को दिव्यांशी को शिवाला बाजार से गिरफ्तार किया और मंगलवार को कोर्ट में पेश किया था। आदित्य ने बताया कि दिव्यांशी के गिरोह में मेरठ के ही एक सेवानिवृत्त सीओ, एक इंस्पेक्टर, दो दारोगा, जिसमें एक उसका पूर्व पति है। इसके अलावा कई और पुलिसकर्मी व अन्य लोग हैं। सेवानिवृत्त सीओ गिरफ्तारी के बाद पैरवी के लिए पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंचा था। हालांकि पुलिस आयुक्त ने उसे भगा दिया। मामले में अधिकारी ने बताया कि जिन पुलिसकर्मियों के नाम प्रकाश में आ रहे हैं। उन सबकी जांच शुरू हो चुकी है। उनके बैंक खातों को फ्रीज भी कराया जाएगा। इसके बाद इस साजिशकर्ता और गिरोहबंदी की भी कार्रवाई की जा सकती है।
आरोपित महिला के गिरोह में जो पुलिसकर्मी या अन्य लोग शामिल हैं। इन सबके बैंक खातों की जांच हो रही है। उन सबके बैंक खाते फ्रीज होंगे। साथ ही उन सभी पर गैंग्स्टर की भी कार्रवाई हो सकती है।
- रघुबीर लाल, पुलिस आयुक्त

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