Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कानपुर के डाक्टरों का कमाल... एक एनेस्थीसिया से दो सर्जरी कर बचाई जच्चा-बच्चा की जान

    By Ankush Kumar Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Tue, 19 Aug 2025 04:29 PM (IST)

    कानपुर के चिकित्सकों ने एक एनेस्थीसिया से दो आपरेशन किए। ये आपरेशन न सिर्फ सफल हुआ बल्कि दो जिंदगियां तक बचाईं। गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कालेज के चिकित्सकों की इस उपलब्धि की हर तरफ तारीफ की जा रही है। वहीं इस प्रयोग से मरीजों को एक नई उम्मीद बंधी है।

    Hero Image
    ब्रेन कैंसर ट्यूमर से ग्रसित महिला की सफल दो सर्जरी के बाद खुशी जाहिर करते मेडिकल स्टाफ। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। गर्भावस्था में ब्रेन ट्यूमर की गंभीर समस्या से जूझ रहीं फतेहपुर के चंदनपुर गांव की 25 वर्षीय प्रियंका को जीएसवीएम मेडिकल कालेज के डाक्टरों ने नया जीवन दिया है। मेडिकल कालेज के गायनी और न्यूरो सर्जरी विभाग के डाक्टरों की टीम के साझा प्रयास के चलते उनके साथ ही गर्भ में पल रहे शिशु की जान बचाई जा सकी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    डाक्टरों की टीम ने गर्भवती की स्थिति को देखते हुए एक एनेस्थीसिया देकर दो सर्जरी करने में सफलता हासिल की। गायनी विभाग की टीम ने सर्जरी कर जहां शिशु का जीवन बचाया। वहीं, न्यूरो सर्जरी विभाग के विशेषज्ञों ने महिला के दिमाग से क्रिकेट बाल के आकार का कैंसर ट्यूमर निकाला।

    डाक्टर को धरती का भगवान क्यों कहा जाता है, यह बात जीएसवीएम मेडिकल कालेज के गायनी और न्यूरो सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने एक बार फिर सार्थक कर दी। यहां ब्रेन ट्यूमर की समस्या से ग्रसित गर्भवती में एक ही एनेस्थीसिया देकर दो सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। गायनी विभागाध्यक्ष प्रो. रेनू गुप्ता के साथ डा. करिश्मा शर्मा, डा. नीलू श्रीवास्तव, सूल्फिया ने सर्जरी कर महिला की सुरक्षित प्रसव कराया।

    वहीं, न्यूरो सर्जरी विभाग की डा. आंचला दत्ता और डा. प्रियेश ने ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी की। डा. रेनू गुप्ता ने बताया कि दो महीने पहले प्रियंका ओपीडी में भर्ती हुई। जिसकी गर्भावस्था की जांच के दौरान ब्रेन में ट्यूमर का खतरा दिखा। इस पर उन्हें सुपर स्पेशलिस्ट ब्लाक के न्यूरो सर्जरी विभाग में रेफर किया गया। जहां पर न्यूरो सर्जन डा. आंचल दत्ता ने सीटी रिपोर्ट कराई। इसमें कैंसर ट्यूमर की पुष्टि के बाद दो सप्ताह पहले सर्जरी की योजना बनाई गई।

    यह भी पढ़ें- कानपुर में इस मोहब्बत का दर्दनाक अंत, महिला ने इंस्टाग्राम पर दर्दभरी दास्तां पोस्ट कर दे दी जान

    डा. आंचल ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान ब्रेन की सर्जरी करने पर गर्भ में पल रहे शिशु के जीवन को खतरा हो सकता था। ऐसे में दवाओं के जरिये गर्भवती को प्रसव के समय तक पहुंचाने की कोशिश की गई। इसके बाद गायनी विभाग की टीम के साथ मिलकर सफल सर्जरी कर जच्चा-बच्चा के जीवन को सुरक्षित किया गया।

    जीएसवीएम मेडिकल कालेज के न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. मनीष सिंह ने बताया कि गायनी विभाग के साथ मिलकर गर्भवतियों के साथ शिशु का जीवन बचाया जा रहा है। इस तरह की अब तक नौ सर्जरी सफलतापूर्वक की जा चुकी है।

    जीएसवीएम मेडिकल कालेज के सभी विभाग एक-दूसरे के साथ मिलकर रोगी कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं। गायनी और न्यूरो सर्जरी विभाग की ओर हुई इस सर्जरी ने जच्चा और बच्चा के जीवन को बचाया है। मेडिकल कालेज शोध के साथ रोगी कल्याण में मजबूती से आगे बढ़ रहा है।

    - प्रो. संजय काला, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।

    यह भी पढ़ें- उत्तरकाशी में तबाही पर IIT Kanpur के प्रोफेसर ने किया अध्ययन, बादल फटना नहीं इसे बताया हादसे की वजह