कानपुर मेडिकल कॉलेज: नर्स के आरोपों पर शासन की जांच
कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में नर्स रिंकू सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए शासन की टीम पहुंची। टीम ने बाल रोग विभाग का निरीक्षण किया, मरीजों के अभिभावकों से दवाइयों के बारे में पूछताछ की, और विभिन्न रिकॉर्ड की जांच की। रिंकू सिंह ने डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके बाद उन्हें बांदा स्थानांतरित कर दिया गया था।

जागरण संवाददाता, कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग से स्थानांतरित नर्स रिंकू सिंह की हाई कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका पर शासन से गठित तीन सदस्यीय टीम जांच करने पहुंची। याचिका में डाक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी लगाने में रुपये लेने व मरीजों से बाहरी दवाएं मंगाने आदि के आरोप लगाए गए थे। शिकायतों को लेकर करीब छह माह पूर्व रिंकू सिंह को बांदा स्थानांतरित किया गया था।
जांच टीम में शामिल अपर निदेशक डीजीएमई डा.आलोक कुमार, उरई मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा.अरविंद त्रिवेदी व कन्नौज मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा.सीपी पाल ने सोमवार को सबसे पहले बाल रोग विभाग के पीआइसीयू और वार्ड का निरीक्षण किया। भर्ती बच्चों के अभिभावकों से बाहर से दवा मंगाने को लेकर पूछताछ की व बच्चों की फाइल देखी।
टीम ने पूछे ये सवाल
टीम के सदस्यों ने दवा कहां से लाते हैं, डाक्टर देखने आते हैं या नहीं, नर्सिंग स्टाफ केयर करता है या नहीं आदि सवाल पूछे। इसके बाद दवा भंडारगृह, नर्सिंग कार्यालय, ड्यूटी रजिस्टर की वीडियोग्राफी कराई। जांच टीम ने सुपर स्पेशिएलिटी ब्लाक, इमरजेंसी और वार्ड नंबर एक में भर्ती मरीजों से भी बात की। मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि नर्स रिंकू सिंह की कई शिकायतें थीं।
जांच में दोषी मिलने पर उन्हें बांदा स्थानांतरित करने के लिए पत्राचार किया गया था। शासन की टीम के साथ एलएलआर अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके सिंह, बाल रोग विभागाध्यक्ष प्रो. एसके गौतम, बाल रोग विशेषज्ञ डा. आरपी सिंह, डा. अमितेश यादव मौजूद रहे।

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