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    Kanpur News: नए दौर के खेल मोबाइल स्क्रीन से वापस ला रहे मैदानों की ओर, क्रिकेट और पिकलबाल से दूर कर रहे तनाव

    By Alok Tiwari Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Sat, 23 Aug 2025 06:28 PM (IST)

    आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव दूर करने के लिए कानपुर के युवा बाक्स क्रिकेट और पिकलबाल जैसे नए खेलों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। ये खेल न केवल मनोरंजन प्रदान करते हैं बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाते हैं। बाक्स क्रिकेट फुटसल मैदानों में खेला जाता है वहीं पिकलबाल लान टेनिस का एक सरल रूप है।

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    कानपुर के पांडुनगर में पिकलबाल खेलते युवा। जागरण

    आलोक तिवारी, जागरण, कानपुर। तनाव, अवसाद और चिंता को दूर कर मानसिक शांति पाने का सबसे बेहतर उपाय खेल है। लेकिन, डिजिटल युग में लोग मैदानों से दूर होकर मोबाइल और लैपटाप स्क्रीन में ज्यादा समय बिताने लगे। ऐसे में उन्हें कई तरह की बीमारियां घेरने लगीं। हालांकि अब नए दौर के खेल उन्हे वापस मैदान की ओर ले जा रहे हैं। इसमें सबसे प्रमुख बाक्स क्रिकेट और पिकल बाल है। नए दौर के ये खेल मानसिक के साथ- साथ शारीरिक सेहत को बेहतर बनाने में मदद कर रहे हैं। नए दौर इन खेलों पर पेश है ये रिपोर्ट…

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    छुट्टी का दिन और हर तरफ नेट से घिरे आर्टिफिशयल घास (एस्ट्रो टर्फ) के मध्यम आकार के मैदान में युवाओं की भीड़। हर गेंद पर लगातार बढ़ता रोमांच और प्रतिद्वंद्वी को पटखनी देने की हरसंभव कोशिश।हर नाजारा आजकल बाक्स क्रिकेट में देखने को मिल रहा है। शहर के पाश इलाकों स्वरूप नगर, किदवई नगर, गोविंद नगर, श्याम नगर, फूलबाग, एनआरआइ सिटी आदि जगहों पर बाक्स क्रिकेट जोरों-शोरों से खेला जा रहा है।

    दिन हो या रात किसी भी समय खेलने की सुविधा मिलने पर युवा खाली समय में यहां पहुंच रहे हैं और शारीरिक गतिविधियां कर रहे हैं। इसी तरह पिकल बाल की ओर भी युवा भी तेजी से आकर्षित हो रहे है। रबड़ की मैट पर खेला जाने वाला ये खेल यह टेबल टेनिस और लान टेनिस का मिश्रण है। इसमें दो या चार खिलाड़ी एक साथ खेल सकते हैं।

    फुटसल के मैदान में क्रिकेट का तड़का

    श्याम नगर में बाक्स क्रिकेट का संचालन करने वाले सोमनाथ बाजपेई बताते हैं कि देश में क्रिकेट का कल्चर ऐसा है कि जहां जगह मिल जाएं, वहीं खेल शुरू हो जाता है। बाक्स क्रिकेट के साथ भी कुछ ऐसा ही है। उन्होंने बताया कि बाक्स क्रिकेट का कोई मैदान नहीं है। वास्तव में ये फुटसल के मैदान है, लेकिन इस खेल की ओर युवाओं के बढ़ते क्रेज से अब ये बाक्स क्रिकेट में तब्दील हो गए हैं। इसने खेल के मैदान को छोटा कर दिया है, जिससे इसका रखरखाव आसानी से किया जा सकता है। साथ ही बेहतर लाइटिंग की व्यवस्था होने से दिन में खेलने की बाधा भी खत्म हो रही है।

    खेल के मूल स्वरूप में कोई बदलाव नहीं

    लोग दिन भर का काम खत्म करने के बाद रात को दूधिया रोशनी में खेलने को तरहीज दे रहे हैं। वह बताते हैं कि बाक्स क्रिकेट में मैदान छोटा तो हुआ है, लेकिन खेल के मूल स्वरूप में कोई बदलाव नहीं आया है। शाट मारने की कला से लेकर मेहनत और टेंप्रामेंट सब वैसा ही है। चारों ओर नेट से घिरे होने के कारण गेंद खोने डर और बाहरी तत्वों का मैदान में प्रवेश की वर्जित रहता है। बाक्स क्रिकेट लोगों को खेल मैदानों में सुरक्षित माहौल उपलब्ध करा रहा हैं। ऐसे में लोग मोबाइल स्क्रीन से निकलकर मैदानों की ओर वापस आने लगे हैं।

    दोस्तों के साथ पिकलबाल कोर्ट में कर रहे मस्ती

    पांडु नगर में स्पोर्ट्स एरीना संचालित करने वाली तान्या भाटिया बताती हैं कि वैसे तो पिकलबाल की शुरुआत अमेरिका में आलसियों के खेल के रूप में हुई, लेकिन अब यह युवाओं की पहली पसंद बनता जा रहा है। फाइबरग्लास से बने पैडल और पाली पालीप्रोपाइलीन की गेंद से इसे लान टेनिस जैसे कोर्ट में खेला जाता है। हालांकि इस खेला का कोर्ट लान टेनिस से छोटा और रबड मैट से कोटेड होता है।

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    उपकरण भी पारंपरिक खेलों से सस्ते 

    तान्या बताती हैं कि टेबल और लान टेनिस से आसान होने के कारण लोग इस खेल को तरजीह दे रहे हैं। इसके नियम सरल हैं। यह तेज रिफ्लेक्स, फुटवर्क और कार्डियो वर्कआउट प्रदान करता है। ऐसे में लोग अपने दोस्तों के साथ मस्ती करने के लिए डिजिटल दुनिया से निकलकर खेल मैदानों की ओर वापस आ रहे हैं। तान्या बताती हैं कि नए दौर के खेलों में खराब मौसम और रोशनी जैसे फैक्टर भी आड़े नहीं आते हैं। बारिश या किसी भी मौसम में और किसी भी समय इन्हें खेला जा सकता है। इसके अलावा इनके उपकरण भी पारंपरिक खेलों से सस्ते हैं और अब इनकी पहुंच भी आसान हो गई है।