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    वायरल संक्रमण होने पर देरी ठीक नहीं, जान का खतरा, जानें चिकित्सक की राय

    कानपुर में बदलते मौसम के कारण संक्रामक रोगों के मामलों में वृद्धि हो रही है अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। वायरल बुखार खांसी जुकाम और गले में दर्द जैसे लक्षणों वाले रोगियों की संख्या अधिक है। दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में डाक्टर एसके गौतम ने बचाव के उपायों पर सलाह दी जिसमें संतुलित खान-पान योग और सावधानी बरतने जैसे उपाय शामिल हैं।

    By Ankush Kumar Edited By: Anurag Shukla1Updated: Sat, 23 Aug 2025 05:57 PM (IST)
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    जीएसवीएम मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के प्रो. डा. एसके गौतम।

    जागरण संवाददाता, कानपुर। वर्षा के मौसम में हो रहे बदलाव के कारण संक्रामक रोगियों की संख्या में वृद्धि हो रही है। हर दिन सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में 400 से ज्यादा मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इसमें हर दिन 40 से 50 मरीज गंभीर लक्षणों के साथ भर्ती हो रहे हैं। वायरल बुखार के साथ खांसी, जुकाम, गले में दर्द, जकड़न, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण वाले मरीजों की भरमार है। वायरल बुखार कमजोर इम्यूनिटी वालों को घेरे में लेती है। इसलिए संतुलित खान-पान, योग प्राणायाम और पर्याप्त पानी की मात्रा शरीर में रखें।

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    भीड़भाड़ वाले स्थान पर जाने से पहले मास्क का प्रयोग करें। कुछ भी खाने से पहले हाथ को अच्छे से साफ करें। बुखार, खांसी और छींक वालों के संपर्क में आने से बचें। यह बातें दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर में जीएसवीएम मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के प्रो. डा. एसके गौतम ने पाठकों के सवालों का उत्तर देते हुए कही। पेश है मुख्य अंश...

    • इस मौसम में होने वाले बुखार को कैसे पहचानें कि यह डेंगू बुखार है या वायरल बुखार? - ज्योति सक्सेना, पुरमपुरवा।

    वायरल बुखार में बुखार के साथ खांसी, जुकाम की समस्या होती है। वहीं, वायरल बुखार में गले में खरास और बदन दर्द की समस्या होती है। इसलिए किसी भी प्रकार का बुखार होने पर डाक्टर की सलाह पर दवाएं लें।

    • 85 वर्ष का हूं, कई दिनों से खांसी, बुखार, जुकाम है। इससे शरीर में कमजोरी हो रही है। कोई उपाय बताएं? - जय प्रकाश तिवारी, बर्रा।, शिव गोपाल बाजपेई, रावतपुर गांव।, राम किशोर, विजय नगर।

    अधिक उम्र में वायरल संक्रमण होने का खतरा कमजोर इम्यूनिटी के कारण हमेशा बना रहता है। बीपी और शुगर की दवाएं नियमित रूप से खाएं। समय पर सुपाच्य भोजन करें और पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें। दिन में भी पूरी बांह के कपड़े पहनें। वर्षा के कारण डेंगू के मच्छर पनप रहे हैं, जो दिन में भी काटते हैं। इससे बचाव करें। तीन से चार दिन के बुखार में सामान्य पैरासिटामाल का प्रयोग करें। बुखार कम नहीं होने पर डाक्टर को जरूर दिखाएं।

    • दो-तीन पहले वायरल हुआ था। अब परिवार के अन्य सदस्यों को हो रहा है। कैसे बचाव करें? - जय शंकर पांडेय, बर्रा। अजय कुमार, किदवई नगर।

    वायरल बुखार के फैलने का खतरा सर्वाधिक रहता है। बचाव के लिए खान-पान बेहतर करें। इम्यूनिटी बेहतर होने पर संक्रमण की चपेट में आने से अन्य परिवार के सदस्य बच सकते हैं। इम्यूनिटी बेहतर करने के लिए बैलेंस डाइट का प्रयोग करें। दूध, राजमा, सोयाबीन, पनीर का सेवन कर सकते हैं। फाइबर का प्रयोग अधिक करें। गाजर, मूली, चुकंदर, दही का नियमित रूप से सेवन करें। योग और प्राणायाम करना भी लाभदायक होता है। परिवार में जिसको वायरल संक्रमण है, उसे मास्क लगाकार रहना चाहिए। ऐसा करने से आप संक्रमण से बचेंगे।

    • जुकाम, खांसी और बुखार के साथ सीने में जकड़न हो रही है? - गंगा प्रसाद गुप्ता, लखनऊ फाटक।

    यह वायरल संक्रमण का सीजन होता है। जकड़न अधिक होने पर गुनगुने पानी का सेवन करें। गर्म पानी की भाप लेने से आप गंभीरता से बच सकते हैं। एंटीबायोटिक और अन्य दवाओं का प्रयोग डाक्टर की सलाह पर करें। एक बार एलएलआर अस्पताल के मेडिसिन विभाग में दिखा लें।

    • मेरी बेटी को एक हफ्ते पहले बुखार आया था, लेकिन अब उसे फिर से बुखार आ रहा है। क्या करें? - सुनील कुमार गुप्ता, बाबूपुरवा। बलवंत सिंह, कल्याणपुर।

    वायरल संक्रमण का कई बार होने का खतरा रहता है। बच्चों के स्कूल जाने पर अन्य संक्रमित के संपर्क में आने से वायरल संक्रमण हो सकता है। बचाव के लिए बच्चों को मास्क लगाकर स्कूल भेजें। इसके साथ ही कुछ भी खाने से पहले उनको हाथ धोने की आदत डालें। बच्चों के खाने में प्रोटीन रिच डाइट को शामिल कराएं।

    • कई दिन से लगातार खांसी की समस्या है। सूखी खांसी के साथ उल्टी भी आती है? - अरुणा सिंह, दबौली।

    एलर्जिक कफ की समस्या के कारण ऐसा हो सकता है। छाती का एक्सरे और खून की कुछ प्रमुख जांच कराकर एक बार डाक्टर को दिखा लें। लंबे समय तक खांसी के कई कारण हो सकते हैं। इसमें देरी ठीक नहीं।

    • मौसम के बदलाव में खांसी, बुखार, जुकाम से कैसे बचें? - आरपी शरद। बर्रा छह।

    वायरल संक्रमण एक-दूसरे से फैलता है। भीड़भाड़ वाले स्थान पर जाने से पहले मास्क लगाएं। सैनेटाइजर का प्रयोग करें। इम्यूनिटी को बेहतर कर वायरल संक्रमण से बचाव कर सकते हैं। अगर किसी को वायरल संक्रमण से है, तो उससे दूरी बनाकर रखें। खांसी औन छींकने से वायरल संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। इससे बचाव करें।

    • तीन वर्ष का बच्चा है, चार से पांच दिन से बुखार के साथ खांसी और जुकाम की समस्या है? - राम किशोर कश्यप, फूलबाग।

    बच्चों में संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। इसमें देरी ठीक नहीं है। बिना देरी किए एलएलआर के बाल रोग चिकित्सालय में जरूर दिखाएं। बच्चों में वायरल संक्रमण खतरनाक रूप ले सकता है। जो चेस्ट संक्रमण का कारण भी बनता है।

    • छह महीने से गले में खरास की समस्या है? - भुवन जोशी, बर्रा विश्व बैंक।

    यह थायराइड का लक्षण हो सकता है। एक बार थायराइड की जांच कराकर मेडिसिन विभाग में जरूर दिखाएं। लंबे समय तक इस प्रकार के लक्षण की अनदेखी बड़ी समस्या का कारण बन सकती है। जो गले के साथ चेस्ट में संक्रमण का भी कारण बनता है।

    • मेरी सांस को वायरल बुखार है, ठंड लगकर बुखार आ रहा है। कमजोरी लग रही है? - सोनी जैन, तिलक नगर। वेद प्रकाश गुप्ता, बारासिरोही।

    बुखार के लिए सामान्य पैरासिटामाल दें। गर्म पानी में नमक डालकर गरारे कराएं। अधिक उम्र में वायरल बुखार में अनदेखी ठीक नहीं, इसलिए डाक्टर की सलाह जरूर लें। एंटीबायोटिक का प्रयोग वायरल में कम किया जाता है। जब वायरल चेस्ट संक्रमण में बदलता है। तब इस दवा का प्रयोग किया जाता है।

    इन्होंने किए प्रश्न :

    राम चंद्र अवस्थी, लखनऊ फाटक। अन्नपूर्णा पांडेय, ख्यौरा आजाद नगर। त्रिलोकी प्रसाद पाल, पतरसा। भगवन सिंह, जवाहर नगर। दिव्या अवस्थी, रतन लाल नगर। माया रावत, नानकारी। पिंकी यादव, अहिरवां।

    इन बातों का रखें ध्यान :

    • गुनगुने पानी से गरारे जरूर करें। इससे संक्रमण शरीर में प्रवेश नहीं करेगा।
    • भोजन में फाइबर, प्रोटीन की मात्रा को संतुलित रखें।
    • दिन भर में सात से आठ गिलास पानी जरूर पिएं।
    • पीने के पानी को उबाल कर ही ठंडा करके पिएं।
    • दिन में भी पूरी बांह के कपड़े पहनें।
    • ताजा भोजन करें, फास्ट फूड और जंक फूड के सेवन से बचें।
    • भीड़भाड़ वाले स्थान पर जाने पर मास्क का प्रयोग करें।
    • कुछ भी खाने से पहले हाथ साबुन से धोएं और सैनेटाइजर का प्रयोग करें।