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    UP Police: 3 घंटे में कानपुर के 52 थानेदारों की कार्यशैली की समीक्षा...4 हटाए गए, 8 को चेतावनी

    Updated: Mon, 10 Nov 2025 02:09 PM (IST)

    कानपुर के पुलिस आयुक्त रघुबीर लाल ने 52 थानेदारों की कार्यशैली की समीक्षा की, जिसमें चार को हटाया गया और आठ को चेतावनी दी गई। यह कार्रवाई क्राइम मीटिंग में पुलिस आयुक्त द्वारा थानेदारों के काम पर असंतोष जताने के बाद की गई। चोरी, लूट, और जन शिकायतों के निस्तारण पर जोर दिया गया और 14 बिंदुओं पर अपराध की समीक्षा की गई। फजलगंज इंस्पेक्टर को चोरी के वाहनों के मामले में हटाने का निर्णय लिया गया।

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    पुलिस आयुक्त कार्यालय के सभागार में हुई क्राइम मीटिंग में निर्देश देते पुलिस आयुक्त रघुबीर लाल( मध्य), साथ में जेसीपी अपराध एवं मुख्यालय विनोद कुमार सिंह व जेसीपी कानून व्यवस्था आशुतोष कुमार (बाएं से दाएं )। पुलिस

    जागरण संवाददाता, कानपुर। पुलिस आयुक्त रघुबीर लाल ने अपने कार्यकाल की पहली क्राइम मीटिंग कर तीन घंटे में ही 52 थानेदारों की कार्यशैली की समीक्षा कर दी। मीटिंग के कुछ घंटे बाद ही फजलगंज, चकेरी, महाराजपुर और स्वरूप नगर थाना प्रभारियों को हटा दिया गया, जबकि आठ थाना प्रभारियों को चेतावनी दी।

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    पुलिस आयुक्त ने बताया कि वह किसी भी थानेदार की कार्यशैली से संतुष्ट नहीं हैं। हालांकि उन्होंने कुछ एसीपी पर भी अंसतोष जताया। कानपुर कमिश्नरेट की एक साल पहले तत्कालीन पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने वर्चुअल क्राइम मीटिंग की थी। उनके बाद एक माह पहले आए नए पुलिस आयुक्त रघुबीर लाल कमिश्नरेट के थानेदारों की मानीटरिंग कर रहे थे।


    कमिश्नर की पहली क्राइम मीटिंग

    उन्होंने रविवार को अपने कार्यकाल की पहली क्राइम मीटिंग की, जिसमें चोरी-लूट और जन शिकायतों के निस्तारण पर जोर दिया। मीटिंग में पुलिस आयुक्त ने चोरी-लूट और हत्या व जनशिकायतों को कई थानेदारों से एक-एक कर पूछा। इस दौरान चार थानेदारों की कार्यशैली बेहद खराब मिली। उन्हें बाद में हटा दिया गया, जबकि, साढ़, कोतवाली, पनकी, हरवंश मोहाल, फीलखाना, पनकी, जूही, बाबूपुरवा के थानेदार भी लापरवाही की जद में थे लेकिन अभी उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि सतर्क रहें।


    14 बिंदुओं पर अपराध की समीक्षा

    अगर जनसुनवाई और विवेचनाओं में लापरवाही मिली तो थानेदारी जाएगी। दोपहर दो बजे से शुरू हुई क्राइम मीटिंग शाम पांच बजे समाप्त हुई। इस दौरान कई एसीपी व थाना प्रभारियों के चेहरे का रंग उड़ा रहा। पुलिस आयुक्त ने बताया कि सक्रिय अपराधियों पर कार्रवाई, इनामी आरोपित, जनशिकायतों पर कार्रवाई, आइजीआरएस रैंकिंग, केसों के अनावरण, लंबित विवेचनाएं, वांछित आरोपितों की गिरफ्तारी समेत 14 बिंदुओं पर अपराध की समीक्षा की गई।


    इन्हें मिली जिम्मेदारी

    • चकेरी थाना प्रभारी संतोष कुमार शुक्ल को डीसीपी यातायात का पीआरओ
    • फजलगंज थाना प्रभारी सुनील कुमार सिंह को अपराध शाखा के एंटी थेप्ट यूनिट का प्रभारी
    • स्वरूप नगर थाना प्रभारी सूर्यबली पांडेय को अपराध शाखा
    • महाराजपुर थाना प्रभारी संजय पांडेय को स्वाट टीम का कमांडो प्रभारी
    • कल्याणपुर थाना प्रभारी अजय प्रकाश मिश्र को चकेरी थाना प्रभारी बनाया गया।
    • अपर पुलिस आयुक्त अपराध के वाचक देवेन्द्र सिंह को स्वरूप नगर थाना प्रभारी
    • अपराध शाखा से राजेन्द्र कांत शुक्ल को कल्याणपुर थाना प्रभारी
    • बर्रा थाने के अतिरिक्त इंस्पेक्टर संजय सिंह को फजलगंज थाना प्रभारी
    • अपराध शाखा के राजेश कुमार को महाराजपुर थाना प्रभारी बनाया गया है।

     

    चोरी के वाहनों को कटने में कार्रवाई न करने पर हटे फजलगंज इंस्पेक्टर

    पुलिस आयुक्त ने बताया कि फजलगंज थाना प्रभारी की कई शिकायतें मिलीं। उनके क्षेत्र में चोरी के वाहन कटते हैं लेकिन कार्रवाई नहीं होती है। यहां तक एक मामले में संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था आशुतोष कुमार को खुद फजलगंज थाने जाना पड़ा था। थाना प्रभारी की कार्यशैली बहुत खराब थी। वहीं चकेरी थाना प्रभारी संतोष कुमार शुक्ल की भी बहुत शिकायतें थीं।


    एक रात की दबिश में 39 वारंटी हो गए गिरफ्तार

    पुलिस आयुक्त रघुबीर लाल ने बताया कि वह थानेदारों को 24-24 घंटे का टास्क देकर अभियान चलवाते हैं। इसमें उन्होंने दो नवंबर को 941 शिकायती प्रार्थना पत्रों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया। शनिवार को ही दबिश देकर अपराधियों की गिरफ्तारी का टास्क दिया था। सभी जोन में 15-15 वारंटियों, एसएच समेत आरोपितों को गिरफ्तार करना था। इसमें रविवार देर रात 39 वांछितों को गिरफ्तार किया गया।


    एक दिन में सभी थानों में 114 विवेचनाओं का निस्तारण

    इसी तरह से एक दिन में कमिश्नरेट के सभी थानों से 114 विवेचनाओं का निस्तारण हुआ, जबकि कुल 1229 विवेचनाओं का निस्तारण हुआ है। इसमें 46 विशेष अपराधों की विवेचनाएं भी शामिल हैं। पुलिस आयुक्त ने बताया कि इसके अलावा उन्होंने अब तक एक निरीक्षक व नौ उपनिरीक्षक समेत 33 पुलिसकर्मियों को बहाल कर उन्हें कार्यों में लगाया। इसी तरह से रिजर्व पुलिस लाइन से संबद्ध 175 पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण विभिन्न थानों में किया।


    ये निलंबित हुए

    एक निरीक्षक, एक उपनिरीक्षक व एक महिला आरक्षी को निलंबित किया गया। सात इनामी आरोपितों को जेल भेजा गया। वहीं, हत्या, लूट, नकबजनी व चोरी की 42 घटनाओं का राजफाश हुआ। 803 वांछितों की गिरफ्तारी व 56 आरोपितों को हिस्ट्रीशीटर घोषित किया गया। यही नहीं पुलिस की कार्य क्षमता और आपातकालीन स्थिति में निपटने के लिए दो माक ड्रिल भी कराए गए है। कमिश्नरेट में 12 नई हिस्ट्रीशीट खोली गईं। संवेदनशील क्षेत्रों में पीएसी बल नियमित तैनाती करने, 155 स्टंटबाजों के खिलाफ कार्रवाई समेत कई कार्रवाई की गईं।


    सात मुकदमों में आठ आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी टीम

    पुलिस आयुक्त ने बताया कि उनकी प्राथमिकता में साइबर अपराध और महिला अपराध को नियंत्रित करना है। अब तक साइबर टीम ने सात मुकदमों में आठ आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इसमें 70,21,521 रुपये पीड़ितों को वापस कराए हैं। इसके अलावा 827 स्थानों पर साइबर जागरूकता अभियान चलाया है। वहीं, मिशन शक्ति के तहत एंटी रोमियो स्क्वाड द्वारा 25 मुकदमे दर्ज किए और 201 आरोपितों पर निरोधात्मक कार्रवाई की गई। पांच को गिरफ्तार किया गया है।


    ये रहे क्राइम मीटिंग में

    क्राइम मीटिंग में संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था आशुतोष कुमार, संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध एवं मुख्यालय विनोद कुमार, सभी जोन के डीसीपी, एडीसीपी, एसीपी, थाना प्रभारी मौजूद थे।