क्रिप्टो करंसी में निवेश का झांसा देकर सेवानिवृत्त बैंककर्मी से 2.52 करोड़ ठगे, महिला उधार लेकर भेजता रहा पैसा
कानपुर में एक सेवानिवृत्त बैंककर्मी साइबर ठगी का शिकार हुआ। महिला ठग ने क्रिप्टो करेंसी में निवेश का लालच देकर उनसे 2.52 करोड़ रुपये ठग लिए। पहले झांसे में लेकर निवेश कराया फिर और पैसे मांगे। शक होने पर पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

जागरण संवाददाता, कानपुर। क्रिप्टो करेंसी में निवेश से ज्यादा मुनाफे का लालच देकर महिला साइबर ठग ने सेवानिवृत्त बैंककर्मी से 35 दिनों में 2.52 करोड़ रुपये ट्रांसफर करा लिए। झांसे में आकर बैंककर्मी ने रिश्तेदारों तक से लाखों रुपये उधार ले लिए। महिला ने उनसे और रुपये निवेश करने को कहा और मुनाफा नहीं मिला तो उन्हें ठगी का अहसास हुआ। इस पर उन्होंने साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
आजाद नगर स्थित सिग्नेचर ग्रीन केडीए एच ब्लाक निवासी सेवानिवृत्त बैंककर्मी अनिल सिंह चौहान के मुताबिक, 15 जुलाई को उनके मोबाइल पर एक मैसेज आया। इसमें लिखा था कि क्या आप एयरपोर्ट पहुंच गए हैं। इस पर अनिल ने उक्त नंबर पर फोन मिलाया तो इरा रेड्डी नाम की महिला ने उठाया।
उसने कहा कि आपके पास गलती से मैसेज चला गया। बाद में महिला ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म टेलीग्राम और फिर वाट्सएप पर बात करना शुरू कर दिया। कुछ दिनों की बातचीत के बाद महिला ने वीडियो काल की, जिसमें उसके साथ एक व्यक्ति भी था। महिला ने उसे अपना भाई बताया। दोनों ने उन्हें क्रिप्टो करेंसी में निवेश पर मुनाफे का लालच दिया।
26 जुलाई को क्वाइनेक्स एप इंस्टाल करा दिया। उसके कहने पर पहले पांच लाख रुपये निवेश कर दिए। कुछ दिनों बाद लाभांश के तौर पर बैंककर्मी के यूनियन बैंक आफ इंडिया के खाते में 10 हजार रुपये आ गए। उनसे दोबारा 10 लाख रुपये का निवेश करने को कहा गया तो पांच लाख रुपये जमा करा दिए।
इस तरह से अलग-अलग बोनस स्कीम के नाम पर महिला रुपये निवेश कराती रही। उधार लेकर उन्होंने 29 अगस्त तक 2.52 करोड़ रुपये जमा कर दिए। कुछ दिन बाद उनके बैंक खाते में रकम के साथ कई गुणा लाभांश दिखा तो उन्होंने उसे निकालने का प्रयास किया, लेकिन महिला ने इसके लिए रुपये और जमा कराने की कही।
उसने फिर से 28 लाख रुपये तो मांगे तो उन्हें ठगी का अहसास हुआ। महिला से संपर्क का प्रयास किया तो उसका मोबाइल फोन बंद मिला। इस पर उन्होंने साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया। थाना प्रभारी दुर्गेश मिश्रा ने बताया कि जांच चल रही है। रुपये ट्रांसफर होने वाले बैंकों को ई-मेल भेजा गया है।
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