Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जरीब चौकी फ्लाईओवर डिजाइन के खिलाफ व्यापारी पहुंचे हाई कोर्ट, HC ने 11 दिन में मांगा जवाब

    Updated: Mon, 13 Oct 2025 01:36 PM (IST)

    कानपुर के जरीब चौकी पर प्रस्तावित फ्लाईओवर के डिजाइन को लेकर व्यापारियों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। व्यापारियों ने फ्लाईओवर और एलिवेटेड रेल ट्रैक के डिजाइन में बदलाव की मांग की है। उच्च न्यायालय ने सेतु निगम और रेलवे को नोटिस जारी कर 11 नवंबर तक जवाब देने को कहा है। व्यापारियों का कहना है कि फ्लाईओवर से व्यापारिक गतिविधियों को नुकसान होगा।

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, कानपुर। जरीब चौकी क्रासिंग पर प्रस्तावित फ्लाईओवर की डिजायन को लेकर विरोध जता रहे स्थानीय व्यापारियों ने अब इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। व्यापारियों की ओर से दायर जनहित याचिका में फ्लाईओवर और एलीवेटेड रेल ट्रैक के डिजायन में परिवर्तन की मांग की गई है। इस मामले में हाई कोर्ट ने सेतु निगम और रेलवे को नोटिस जारी कर 11 नवंबर तक जवाब देने को कहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उद्योग व्यापार मंडल की ओर से दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र की पीठ में हुई। याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि जरीब चौकी पर फ्लाईओवर बनने से क्षेत्र की व्यापारिक गतिविधियों को नुकसान पहुंचेगा। वहीं, अगर रेलवे ट्रैक को एलीवेटेड स्वरूप के डिजायन में बदलाव कर दिया जाए तो इस समस्या का स्थायी समाधान संभव है।

    पिछले कई वर्षों से विभिन्न सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों और नागरिक संस्थाओं द्वारा रेल मंत्रालय को इस संबंध में ज्ञापन दिए जा चुके हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। व्यापारियों का कहना है कि सेतु निगम द्वारा तैयार की गई मौजूदा फ्लाईओवर योजना से न तो ट्रैफिक की समस्या सुलझेगी और न ही व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को राहत मिलेगी।

    सुनवाई के दौरान सरकार के उप सालिसिटर जनरल ने अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें इस मामले में संबंधित विभाग से दिशा-निर्देश प्राप्त करने को कुछ समय दिया जाए। न्यायालय ने यह अनुरोध स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई के लिए 11 नवंबर की तारीख निर्धारित की है।

    वहीं, इस मामले में सेतु निगम के मुख्य परियोजना प्रबंधक बीके सेन ने बताया कि विभाग तकनीकी पक्षों की समीक्षा कर रहा है। उन्होंने कहा कि फ्लाईओवर परियोजना का उद्देश्य शहर के यातायात को सुगम बनाना है, फिर भी यदि कोर्ट से कोई दिशा-निर्देश आते हैं तो उसके अनुसार संशोधन किए जाएंगे।