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    Akhilesh Dubey Case: दो दरोगा पर गिर सकती गाज, अखिलेश दुबे के इशारे पर काम करने पर आए जांच के दायरे में

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 11:40 PM (IST)

    कानपुर में अखिलेश दुबे के इशारे पर काम करने वाले दो और दारोगा जांच के घेरे में आ गए हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने विवेचना में गड़बड़ी की और एक संस्था के महामंत्री को धार्मिक उन्मादी बना दिया। 2015 के दो अलग-अलग मामलों में शपथपत्र के आधार पर ये कार्रवाई की गई थी।

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    कानपुर का भूमाफिया और अधिवक्ता अखिलेश दुबे।

    जागरण संवाददाता, कानपुर।  अखिलेश दुबे के इशारे पर काम करने वाले दो और दारोगा जांच के दायरे में आ गए हैं। शहर में तैनाती के दौरान विवेचना में गड़बड़ी में इनकी भूमिका संदिग्ध मानकर जांच शुरू हो गई है। वर्ष 2015 में दो अलग-अलग मामलों में शपथपत्र के आधार पर सच का आइना संस्था के महामंत्री को दोनों ने धार्मिक उन्मादी बना दिया था।

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    आवास विकास हंसपुरम निवासी संस्था के महामंत्री शैलेंद्र कुमार ने किदवई नगर में अखिलेश दुबे और कथित पत्रकार विपिन गुप्ता समेत अन्य के खिलाफ रंगदारी वसूल का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि पार्क में कब्जा कर गेस्ट हाउस संचालित किए जाने की शिकायत नगर आयुक्त और उच्चाधिकारियों से करने पर अखिलेश ने अपने साथियों के साथ मिलकर मारपीट कर 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी।

    रुपये न देने पर उनके खिलाफ कोर्ट के आदेश पर एक मुकदमा बाबूपुरवा में दर्ज कराया था। साथ ही तीन अन्य मामलों में उनके नाम को खोलकर आरोपित बना दिया गया था। इसकी शिकायत पर जांच शुरू हुई तो सामने आया कि वर्ष 2015 के अक्तूबर माह में फजलगंज और चकेरी में दो बवाल हुए थे। दोनों ही मामलों में पुलिसकर्मियों ने वादी बनकर भीड़ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। चकेरी थानाक्षेत्र में दरोगा विक्रम सिंह ने चौकी का घेराव करने पर 29 नामजद समेत कई अज्ञात के मुकदमा कराया था।

    इसमें बलवा, हत्या के प्रयास, सरकारी कर्मचारियों पर हमला, सरकारी कार्य में बाधा, धार्मिक और सामाजिक भावनाओं को भड़काना, खतरनाक कार्य करने जैसी धाराएं लगाई गईं थीं। विवेचक दारोगा अनुराग सिंह ने मामले की विवेचना में सुनील कुमार यादव और महेंद्र सिंह कुशवाहा को गवाह बनाते हुए उनके शपथ पत्र पर शैलेंद्र का नाम आरोपितों में शामिल कर दिया था।

    इसी तरह अक्तूबर 2015 में ही फजलगंज में धार्मिक जूलूस के दौरान दो पक्षों में हुए विवाद में दारोगा बृजेश कुमार शुक्ला ने मुकदमा कराया था। इसमें विवेचक दारोगा रमाकांत दुबे ने मोहम्मद इस्लाम और हेमराज को गवाह बनाते हुए उनके शपथ पत्र पर शैलेंद्र काे आरोपित बनाया था।

    डीसीपी दक्षिण दीपेंद्र नाथ चौधरी ने बताया कि नाम बढ़ाने के आरोपी दारोगा अनुराग सिंह और रमाकांत दुबे की भूमिका की जांच की जा रही है। जांच के बाद विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

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