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    अखिलेश दुबे विवाद में नया मोड़, पीड़ितों का महागठबंधन, खोली अधिकारियों की लापरवाही की पोल

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 04:28 PM (IST)

    कानपुर में अधिवक्ता अखिलेश दुबे से पीड़ित लोग एकजुट हुए और उन्होंने प्रेस वार्ता कर अखिलेश गिरोह द्वारा की गई प्रताड़ना का दर्द बयां किया। पीड़ितों ने अखिलेश दुबे मुक्ति मोर्चा नामक एक वाट्सएप ग्रुप बनाया है जिसके माध्यम से वे अपनी लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे। पीड़ितों ने पुलिस आयुक्त अखिल कुमार की प्रशंसा की और अन्य सरकारी विभागों के अधिकारियों पर निष्क्रियता का आरोप लगाया।

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    सिविल लाइंस स्थित रेस्टोरेंट में आयोजित अखिलेश दुबे के खिलाफ प्रेस वार्ता करते पीड़ित। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजू-ए-कातिल में है। कुछ इन्हीं अहसासों के साथ अधिवक्ता अखिलेश दुबे के सताए पीड़ित एक मंच पर आए। पीड़ितों ने सिविललाइंस स्थित महफिल रेस्टोरेंट में प्रेसवार्ता कर अखिलेश गिरोह की प्रताड़ना का दर्द बयां किया। बोले कि अखिलेश दुबे मुक्ति मोर्चा नाम से एक वाट्सएप ग्रुप बनाया है, जिसे हथियार बनाकर आगे की लड़ाई लड़ी जाएगी।

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    पत्रकार वार्ता में करीब एक दर्जन पीड़ित परिवार मीडिया के सामने आए। उनके मुताबिक दर्जनों की संख्या में पीड़ित अभी और हैं, जो डर रहे हैं। इसी डर को खत्म करने के लिए ये मोर्चा बनाया गया है। पीड़ितों ने अखिलेश दुबे को रावण तो पुलिस आयुक्त अखिल कुमार को इस युग के राम नाम से संबोधित किया। पीड़िता का कहना था कि अति का अंत जरूर होता है। अखिलेश के भय का राज खत्म होगा। पीड़ितों ने जहां पुलिस कार्रवाई की तारीफ की, वहीं केडीए, नगर निगम, राजस्व विभाग समेत अन्य सरकारी विभागों के अधिकारियों पर सवाल उठाकर कहा कि जब सब अवैध है तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है।

    भाजपा नेता बोले, जहर खाने की नौबत ला दी थी

    भाजपा नेता और होटल कारोबारी रवि सतीजा ने बताया कि अखिलेश ने रंगदारी न देने पर उस्मानपुर की लड़की व उसकी बहन के जरिए पाक्सो व दुष्कर्म के प्रयास का मुकदमा कोर्ट के माध्यम से बर्रा थाने में दर्ज करा दिया। वह अखिलेश दुबे के सामने बहुत गिड़गिड़ाए, लेकिन वह पसीजा नहीं। एक बार हाई कोर्ट से लौटते समय उन्होंने जहर तक खरीद लिया और उसके बाद अखिलेश को फोन किया कि अब मर रहा हूं, लेकिन तुम्हारे और गिरोह के सदस्यों के खिलाफ लिखकर मरूंगा, पर अखिलेश ने मुकदमा वापस नहीं लिया। इसके बाद मुख्यमंत्री के जनता दरबार और पुलिस आयुक्त अखिल कुमार के पास गुहार लगाई। तब एसआइटी ने जांच की और अखिलेश का काला चिट्ठा सामने आया।

    रंगदारी न देने पर पीटा, छपवाई अश्लील किताबें

    साकेत नगर निवासी प्रज्ञा त्रिपाठी ने बताया कि वर्ष 2009 में उन्होंने दो अन्य पार्टनर के साथ मिलकर लोन पर बारादेवी स्थित एक होटल लिया था। अखिलेश ने उनसे दो लाख रुपये प्रतिमाह मांगे। रुपये न देने पर लात-घूंसों से पीटा और रिश्तेदार से 1.20 लाख रुपये लेकर धमकाते हुए चले गए। दबाव में उन्होंने लाखों रुपये दिए, लेकिन जब रुपये नहीं जुटा सके तो बैंक को होटल हैंडओवर कर दिया। वहीं विरोध पर अखिलेश ने उनकी अश्लील किताबें छपवाकर प्रचलित कर दीं। स्वजन घर बात करने गए तो उसने उन पर बंदूक तानकर 50 लाख रंगदारी मांगी। इसके बाद मुकदमा दर्ज करा दिया। जब मैंने कोर्ट के माध्यम से उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया तो कुछ घंटों में मुकदमा रद करा दिया। शादी वाली तारीख पर उसने नोटिस भिजवा दिया था।

    प्लाट दिलाने के नाम पर मांगी 50 लाख की रंगदारी

    काकादेव निवासी कारोबारी सतीश कुमार बरयानी ने बताया कि वर्ष 2022 में स्वरूप नगर में एक प्लाट लिया, जिस पर विवाद हो गया। दूसरे पक्ष ने कहा-अपना वकील अखिलेश दुबे कर लिया है। फिर अखिलेश का सहयोगी आया और उसने धमकाया कि अपना पैसा भूल जाओ और अखिलेश को 50 लाख पहुंचा दो। वरना इतने मुकदमे दर्ज कराएंगे कि पैसा मांगना भूल जाआगे।

    कथित पत्रकार से साक्षात्कार के बहाने बुलवाया

    हंसपुरम निवासी सच का आईना के महामंत्री शैलेंद्र कुमार के मुताबिक, 20 अप्रैल 2015 को साकेत नगर स्थित पार्क में कब्जा कर किशोरी वाटिका संचालित किए जाने की शिकायत तत्कालीन नगर आयुक्त समेत अधिकारियों से की थी। इसके बाद 12 मई 2015 को उन्हें कथित पत्रकार विपिन गुप्ता ने साक्षात्कार के बहाने साकेत नगर स्थित अखिलेश दुबे के कार्यालय में बुलाया, जहां अखिलेश दुबे ने मुंह में रिवाल्वर डाल दी और चार पांच साथियों संग मिलकर मारपीट की। अखिलेश ने बचने के लिए 20 लाख रुपये रंगदारी भी मांगी। तत्कालीन पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की।

    राजा ययाति टीला कब्जाने की शिकायत पर ठन गई

    कांग्रेस के ग्रामीण अध्यक्ष संदीप शुक्ला ने बताया कि जाजमऊ राजा ययाति के टीले पर पप्पू स्मार्ट गिरोह का कब्जा था। उन्होंने वर्ष 2015 में मुकदमा कराया था। शासन के आदेश पर कब्जा खाली हुआ, लेकिन उसके बाद से अखिलेश ने धमकाना शुरू कर दिया। उसकी बात नहीं मानी तो कन्नौज की अमिता यादव नाम की महिला से दुष्कर्म का एक मुकदमा नौबस्ता और एक मुकदमा कल्याणपुर थाने में करा दिया, लेकिन बाद में दोनों मुकदमों में एफआर लग गई। इसके बाद पप्पू स्मार्ट और उसके गुर्गों ने 10 लाख रंगदारी मांगी। किसी तरह से एक लाख रुपये दिए लेकिन उसका आतंक बढ़ता गया।

    पार्क रखरखाव के नाम पर अनुपत्र ले समिति को आवंटित जमीन कब्जाई

    आजाद नगर निवासी आशीष शुक्ला ने बताया कि वर्ष 1984 में केडीए ने जवाहर विद्या समिति के नाम से एक स्कूल की जमीन साकेत नगर में आवंटित की थी, लेकिन केडीए से ब्याज के रुपये को लेकर विवाद चला और बाद में सुप्रीम कोर्ट से आदेश मेरे पक्ष में हुआ। हालांकि इससे पहले अखिलेश दुबे के करीबी ने पार्क के नगर निगम से रखरखाव के नाम पर अनुमति पत्र प्राप्त कर लिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 18 अक्टूबर 2024 को जब केडीए पार्क से कब्जा खाली कराने गई तो अखिलेश के करीबी पिता व अधिवक्ता पुत्र समेत आरोपितों ने विरोध कर हंगामा किया। मामले में गैर जनपद के कई विधायकों ने अखिलेश के खिलाफ प्रमुख सचिव समेत कई अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजा, जिसकी राज्यस्तरीय जांच भी चल रही है।

    एग्रीमेंट खारिज करवा चार करोड़ हड़पने की चल रही जांच

    मनोहर शुक्ला ने बताया कि वर्ष 2009 में साझेदारी में मेहरबान सिंह का पुरवा में जमीन खरीदी थी। इसी बीच विकास दुबे के मामा, अखिलेश दुबे, उसके करीबी सीओ के मामा व एक अन्य ने मिलकर 12 जुलाई 2022 को मुझे उपनिबंधक कार्यालय बुलाया और कहा कि रुपये लेकर अपने हिस्से की जमीन का एग्रीमेंट खारिज करने को कहा। एग्रीमेंट खारिज कर अपने चार करोड़ रुपये वापस मांगे तो उन लोगों ने गंगा बैराज बुलाकर सीने पर रिवाल्वर तानकर धमकाया कि रुपये मांगे तो गोली मार देंगे। आरोप है कि शूटर टायसन व उसके गुर्गों ने गोली मारने की धमकी तक दी है।

    रिश्तेदार के जरिए धोखाधड़ी कर बिकवा दिए 3.50 करोड़ के सात फ्लैट

    किदवई नगर वाई-वन निवासी बिल्डर मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि साकेत नगर में 18 फ्लैटों का चार मंजिला अपार्टमेंट बनाया गया। उनकी फर्म के एक साझेदार की अधिवक्ता अखिलेश दुबे के परिवार से रिश्तेदारी जुड़ गई। आरोप है कि उसके बाद अखिलेश ने फर्जी दस्तावेज बनाए और वर्ष 2024 तक सात फ्लैटों की रजिस्ट्री करा साढ़े तीन करोड़ के फ्लैट हड़प लिए। विरोध में उसके खिलाफ मुकदमा करा दिया गया।

    रुपये मांगने पर घर पर ले जाकर पीटा, धमकाया

    गोविंद नगर निवासी टायर व्यापारी जसवीर सिंह भाटिया ने बताया कि प्रापर्टी डीलर से एक दुकान का 11.65 लाख रुपये में सौदा हुआ था। 9.85 लाख रुपये देने के बाद भी प्रापर्टी डीलर दुकान की लिखापढ़ी नहीं कर रहा था। आरोप है कि प्रापर्टी डीलर उन्हें व बेटे को अखिलेश दुबे के कार्यालय ले गया और धमकाते हुए साथियों संग लाठी-डंडों से पीटकर अंगुली तोड़ दी। पुलिस ने भी उसका नाम हटाने पर ही मुकदमा लिखने की बात कही। जब नाम हटाया, तब मुकदमा दर्ज हुआ, लेकिन पुलिस ने फिर भी एफआर लगा दी।

    डिब्रूगढ़ में तैनात एयरफोर्स कर्मी पर दुष्कर्म का मुकदमा

    बिधनू के जरकला गांव निवासी राधा ने बताया कि पति संजीत कुमार एयरफोर्स कर्मी हैं और वर्ष 2021 मे असम के डिब्रूगढ़ चाबुआ एयरफोर्स स्टेशन में तैनात थे। नरवल की एक युवती ने 17 जून 2023 को प्रेमी उन्नाव के अजगैन निवासी फरीद खान उर्फ रवि और चार अज्ञात दोस्तों के खिलाफ दुष्कर्म, एससी-एसटी, मारपीट समेत धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। राधा का आरोप है कि मामले की जांच कर रहे तत्कालीन एसीपी ने बिना साक्ष्यों के आधार पर उनके पति संजीत कुमार, हरबंश मोहाल के मनीष बाजपेई, बर्रा आठ निवासी सुरजीत प्रताप सिंह, नर्वल सेमरझाल निवासी मयंक कुमार को आरोपित बनाया जबकि संजीत घटना के समय असम में ड्यूटी पर तैनात थे। यह सब अखिलेश के इशारे पर हुआ।

    बिकरूकांड में पैरवी पर अखिलेश मानने लगा रंजिश, कराए मुकदमे

    सौरभ भदौरिया ने बताया कि बिकरूकांड में उन्होंने पैरवी कर विकास दुबे के खजांची के खिलाफ पुलिस का सहयोग कर रहे थे। इससे अखिलेश उनसे खुन्नस मानने लगा था। उसने एक महिला के जरिए उन पर व परिवार पर झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया था। इसके बाद भी वह उसके खौफ से डरे नहीं बल्कि उसके खिलाफ पार्कों पर किए कब्जे, वक्फ संपत्ति और शस्त्र लाइसेंस निरस्तीकरण के लिए लगातार शिकायती पत्र अधिकारियों को दे रहे हैं, जिसकी जांच भी चल रही है।

    फर्जी मुकदमा कराकर 10 लाख मांगे तो बेटे को भेजा शहर से बाहर

    साकेत नगर निवासी पेंट कारोबारी प्रदीप जैन ने बताया कि किशोरी वाटिका के ध्वनि प्रदूषण की शिकायत उन्होंने की थी। छह मार्च 2020 को वह बेटे संग आइआइटी की प्रवेश-परीक्षा का एडमिट कार्ड लेने गए थे।। लौटते समय किदवई नगर थाने के दीवान ने वाहन चेकिंग की आड़ में पहिया में डंडा फंसाकर बाइक को गिरा दिया। बेटा घायल हो गया। इसके बाद पुलिस ने चालान भी किया। अगले दिन पता चला कि किदवईनगर थाने में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हो गया। एक पत्रकार के जरिए पुलिस ने उन्हें बुलाया और राहत दिलाने के नाम पर अखिलेश के पास भेजा। वहां उनसे 10 लाख रुपये रंगदारी मांगी। दहशत में बेटे को शहर से बाहर भेज दिया है और मकान बिकाऊ का बोर्ड तक लगा रखा है।

    लाकडाउन में दुकान का बनवाया फर्जी एग्रीमेंट

    नजीराबाद निवासी मंजीत सिंह सहगल की पहले बंदूक की दुकान थी। उनके बेटे बलजीत सिंह सहगल ने बताया कि वर्ष 2016 में लाजपत नगर में एक दुकान खरीदी थी, लेकिन इसी बीच अखिलेश के साथी इकबाल सिंह दुआ और सोनू दुआ ने दुकान का लाक डाउन के दौरान 27 अप्रैल 2020 में फर्जी एग्रीमेंट बना लिया, जिसमें लिखा कि उन्होंने 70 लाख में ये दुकान उन्हें बेची है। इसकी जानकारी होते ही पिता ने दुकान वर्ष 2022 में बेच दी। इस पर उन लोगों ने कोर्ट के जरिए उन पर मुकदमा करा दिया। बाद में दोनों उन्हें साकेत नगर स्थित अखिलेश दुबे के यहां गए तो धमकाया गया।

    अखिलेश प्रकरण से जुड़ी जो भी शिकायतें आ रही हैं। उसकी जांच एसआइटी से करवाई जा रही है। जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

    - राजेश पांडेय, स्टाफ आफिसर पुलिस आयुक्त

    प्रेसवार्ता में ये भी रहे शामिल

    पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्रा, बार एसोसिएशन के नरेशचंद्र त्रिपाठी, पूर्व महामंत्री अविनाश चंद्र बाजपेई, अधिवक्ता राकेश तिवारी, मनोज सिंह, सूर्यप्रताप सिंह, सचिन सिंह आदि मौजूद रहे।