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    डॉ. संजीवनी प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ जंग में 'अग्रणी', बनाया 'कानपुर प्लॉगर्स ग्रुप'... जिसने Ganga सफाई में रचा इतिहास

    Updated: Tue, 31 Dec 2024 04:37 PM (IST)

    कानपुर की डॉ. संजीवनी शर्मा पर्यावरण संरक्षण के लिए अथक प्रयास कर रही हैं। उनकी अगुवाई में कानपुर प्लॉगर्स टोली ने गंगा सफाई अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब तक 183 सप्ताह की प्लागिंग कर चुकी हैं और 120 मीट्रिक टन प्लास्टिक गंगा के किनारे से बटोरकर उसको रीसाइकिल कर ट्री गार्ड बना चुकी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके प्रयासों की सराहना की है।

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    कानपुर प्लॉगर्स ग्रुप प्लास्टिक कचरे से ट्री गार्ड बनाकर पौधों की सुरक्षा कर रहा है। (तस्वीर जागरण)

    जागरण संवाददाता, कानपुर। पर्यावरण संरक्षण के लिए शहरवासियों को जागरूक करने के लिए शहर की डॉक्टर संजीवनी शर्मा लंबे समय से पालीथिन मुक्त समाज की परिकल्पना को साकार करने में जुटी हैं। गंगा सफाई अभियान में युवा, उम्रदराज और महिलाओं को एक सूत्र में बांधने वाली कानपुर प्लॉगर्स टोली के प्रयास को वैश्विक पहचान मिल गई है।

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    छह मार्च 2021 में अपने चार वर्षीय बेटे विराज और 60 लोगों की टोली के साथ अभियान की शुरुआत करने वाली डॉ. संजीवनी अब तक 183 सप्ताह की प्लागिंग कर चुकी हैं। इसमें वे करीब 120 मीट्रिक टन प्लास्टिक गंगा के किनारे से बटोरकर उसको रीसाइकिल कर ट्री गार्ड बना चुकी हैं। उनके अथक प्रयास का जिक्र पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' के 116वें एपिसोड में किया था।

    पीएम ने प्लॉगर्स की टोली की सराहना कर पर्यावरण शुद्धि के अभियान को नई दिशा दी। अब यह टोली नए वर्ष में नए संकल्प के साथ समाज को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक करेगी। यह टोली प्रोजेक्ट संकल्प के जरिये भगवान की चुनरी और वस्त्र के थैले बनाने और गो काष्ठ की प्रतिमाएं और दीप बनाकर महिलाओं को रोजगार देने की तैयारी में जुटी है।

    नए साल पर टीम का नया संकल्प

    कानपुर प्लॉगर्स की संस्थापक लखनपुर निवासी दंत चिकित्सक डॉ. संजीवनी शर्मा पिछले कई वर्षों से कानपुर प्लॉगर्स अभियान से गंगा के साथ शहर को प्लास्टिक मुक्त करने में जुटी हैं। सप्ताह के हर रविवार को उनके साथ शहर का बड़ा वर्ग उनकी पहल में जुटकर गंगा तटों से पालीथिन एकत्र कर स्वच्छ गंगा अभियान में सहयोग करता है।

    वे अपनी टीम के साथ घर-घर से भी पॉलीथिन को एकत्र कर उसे रनियां के रिसाइकिलिंग प्लांट तक पहुंचाती हैं। जिसे ट्री गार्ड में बदलकर पौधों की सुरक्षित किया जा रहा है। उनके इस अभियान में शहर के कई अपार्टमेंट से कूड़ा प्रबंधन का सहयोग प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब वे पालीथिन मुक्त समाज के लिए घर से दुकान तक का सफर तय कर रहीं हैं। शहर को पॉलीथिन मुक्त करने के लिए वे और उनकी टीम दुकानों के बाहर एक बॉक्स रखकर शहरवासियों को जागरूक कर रही हैं।

    पीएम से मिली अभियान की प्रेरणा

    डॉ. संजीवनी ने बताया कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने 'एक्स' अकाउंट (तत्कालीन ट्विटर) पर 2021 में ट्वीट कर बताया था कि आज मैंने सैर के साथ प्लागिंग करके केरल के बीच पर कचरा उठाया है। यह शब्द और भावना तभी से मेरे भीतर आई। संजीवनी ने बताया कि तभी मैंने सोचा कि यह कार्य मैं क्यों नहीं कर सकती। फिर इस कार्य को शुरू किया, इसके बाद सोशल मीडिया के जरिए आमजन को जोड़ा।

    कानपुर प्लॉगर्स ग्रुप बनाकर इंटरनेट मीडिया पर भी पालीथीन मुक्ति का अभियान चलाया है। इसमें शहर के साथ कई शहरों के लोग भी जुड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब वे गंगा बैराज पर पहुंचीं तो उनके साथ उनका चार वर्षीय बेटा विराज था। हालांकि कुछ देर बाद ही कई लोग उनके साथ प्लागिंग में जुट गए। आज कानपुर प्लॉगर्स की टोली में करीब 850 लोग शामिल हैं। टोली में प्लॉगर्स की सबसे कम आयु चार वर्ष की वृंदा भार्गव और 65 वर्षीय अनूप द्विवेदी शामिल हैं।

    प्लास्टिक कचरे से बना ट्री गार्ड कर रहा पौधों की सुरक्षा

    शहर के मैंगी प्वाइंट, घर, अपार्टमेंट से प्लास्टिक के पैकेज बटोरने वाली प्लॉगर्स की टोली करीब 250 घरों से खुद ही प्लास्टिक कचरा उठा रही है। इससे बनने वाले एक ट्री गार्ड में 3700 प्लास्टिक पैकेज का प्रयोग होता है। जो प्लास्टिक पर्यावरण के लिए खतरा बनती है, उससे ही पौधों को संरक्षित किया जा रहा है। इसमें संस्था रनिया में प्लास्टिक रिसाइकिलिंग फैक्ट्री की मदद लेकर ट्री गार्ड तैयार कर रही है।

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