नया बिजली कनेक्शन लेना महंगा, लगेंगे प्रीपेड स्मार्ट मीटर, कीमत उपभोक्ता देगा
केस्को ने नए बिजली कनेक्शन के लिए प्रीपेड मीटर अनिवार्य कर दिया है जिसका शुल्क 6018 रुपये होगा। पुराने मीटर बदलने पर कोई चार्ज नहीं लगेगा। कंपनी का कहना है कि इससे बिलिंग में पारदर्शिता आएगी पर उपभोक्ता संगठनों के अनुसार यह जनता पर अतिरिक्त बोझ है। स्मार्ट मीटर लगाने की योजना भी धीमी गति से चल रही है जिससे लक्ष्य पूरा होने में संदेह है।

जागरण संवाददाता, कानपुर। केस्को से अब नया बिजली कनेक्शन लेना उपभोक्ताओं के लिए और महंगा हो गया है। कंपनी ने नियम बदलते हुए स्पष्ट कर दिया है कि नए कनेक्शन पर केवल प्रीपेड स्मार्ट मीटर ही लगाए जाएंगे और इसकी पूरी कीमत उपभोक्ता से वसूली जाएगी। यानी उपभोक्ता को नया कनेक्शन लेने पर 6,018 चुकाने होंगे। वहीं पुराने कनेक्शन पर मीटर बदलने का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
पहले जहां नए कनेक्शन लेने पर पोस्टपेड मीटर लगाया जाता था, इसके लिए लगभग 1,800 शुल्क लिया जाता था, वहीं अब प्रीपेड मीटर के नाम पर पूरी लागत ग्राहक पर डाली जा रही है। इसके चलते नया कनेक्शन लगभग ढाई गुना महंगा हो गया है। हालांकि पुराने उपभोक्ताओं को घबराने की जरूरत नहीं है। जिनके घरों में पहले से पोस्टपेड या प्रीपेड मीटर लगे हैं, उन्हें बदलने पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। लेकिन नए उपभोक्ता को शुरुआत से ही स्मार्ट मीटर की पूरी कीमत देनी होगी।
अधिकारियों का कहना है कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद साबित होंगे। इससे बिलिंग की गड़बड़ी और बकाया का विवाद खत्म हो जाएगा। उपभोक्ता अपने मोबाइल या आनलाइन माध्यम से रिचार्ज कर सीधे बिजली खर्च पर नियंत्रण रख सकेंगे। कंपनी का दावा है कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और चोरी पर भी अंकुश लगेगा।
यह भी पढ़ें- Gaming App से ठगी का काला खेल, छोटी रकम जिताकर फंसाते, फिर बड़ी बाजी में हरा देते
हालांकि, उपभोक्ता संगठनों और आम लोगों का कहना है कि यह नई व्यवस्था सीधे तौर पर जनता पर बोझ डाल रही है। पहले जहां नया कनेक्शन कम खर्च में मिल जाता था, वहीं अब हजारों रुपये अतिरिक्त देने होंगे। इस फैसले से नए कनेक्शन की मांग में थोड़ी कमी आ सकती है। खासकर मध्यम वर्ग और किराएदार परिवारों के लिए यह व्यवस्था महंगी साबित होगी। दूसरी ओर, कंपनी के लिए यह कदम लाभकारी हो सकता है क्योंकि एकमुश्त वसूली से उसकी लागत तुरंत निकल आएगी।
एक साल में तीन प्रतिशत लग पाए स्मार्ट मीटर
बिजली उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर सुविधा देने का सपना अभी अधूरा है। फरवरी 2024 में स्मार्ट मीटर लगाने का अभियान शुरू हुआ था, लेकिन एक साल बाद भी केस्को लक्ष्य के मुकाबले बहुत पीछे है। योजना पर 696.22 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं और लक्ष्य छह लाख पच्चीस हजार घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का है। मगर अभी तक मात्र 23 हजार मीटर ही लगाए जा सके हैं। यानी कुल लक्ष्य का महज तीन प्रतिशत ही पूरा पाया है। जिससे इस योजना का समय पर पूर्ण होना लगभग नामुमकिन लग रहा है। आठ फरवरी 2024 को एम/एस जीनस पावर साल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका दिया गया था। स्मार्ट मीटर लगाने के लिए 27 माह की समय सीमा सात मई 2026 तक है।
स्मार्ट मीटर लगाने का विवरण
- कुल उपभोक्ता मीटर
- लक्ष्य : 6,25,000
- प्रगति : 22,904
- उपलब्धि : 3.66 प्रतिशत
फीडर मीटर
- लक्ष्य : 584
- प्रगति : 584
- उपलब्धि : 100 प्रतिशत
डिस्ट्रिब्यूशन ट्रांसफार्मर (डीटी) मीटर
- लक्ष्य : 6,715
- प्रगति : 508
- उपलब्धि : 7.57 प्रतिशत
एक फेज उपभोक्ता मीटर
- लक्ष्य 5,55,438
- प्रगति 22,325
- उपलब्धि 4.02 प्रतिशत
एलटी सीटी उपभोक्ता मीटर :
- लक्ष्य 5,200
- प्रगति 53
- उपलब्धि 1.02 प्रतिशत
तीन फेज उपभोक्ता मीटर
- लक्ष्य 64,362
- प्रगति 526
- उपलब्धि 0.82 प्रतिशत
नोट: यह समस्त डेटा केस्को के रिकार्ड पर आधारित है।
नया कनेक्शन लेने पर उपभोक्ताओं को प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाया जाएगा। नए कनेक्शन पर मीटर का खर्च पूरा लिया जाएगा, वहीं पुराने कनेक्शन पर प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। इस व्यवस्था लागू हो चुकी है।
राकेश वार्ष्णेय,निदेशक (वाणिज्य) केस्को
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।