Lunar Eclipse, लाल चांद का नजारा, वर्ष का आखिरी चंद्रग्रहण, ब्लड मून ने कानपुर में मोहा मन
कानपुर में साल का अंतिम चंद्रग्रहण रात 958 पर शुरू हुआ। बादलों के कारण देखने में दिक्कत हुई पर रात 1141 बजे पूर्ण चंद्रग्रहण दिखा जिसे ब्लड मून भी कहा गया। कई क्षेत्रों में बारिश के कारण लोग इसे नहीं देख पाए। ग्रहण के कारण दोपहर से मंदिरों के पट बंद हो गए जो सोमवार सुबह खुलेंगे। सूतक लगने से घरों में भोजन नहीं बना और कई सावधानियां बरती गईं।

जागरण संवाददाता, कानपुर। वर्ष के आखिरी चंद्र ग्रहण की शुरुआत रात 9 बजकर 58 मिनट हुई। इस दौरान आसमान में बादल छाए रहने के कारण कई बार चांद इसके बीच छिप गया, जिससे लोगों को इस खगोलीय घटना को देखने में थोड़ी परेशानी हुई। इस कारण लोगों रात 11 बजकर 41 मिनट पर पूर्ण चंद्र ग्रहण का नजारा दिखा।
इस दौरान लाल रंग चांद यानी ब्लड मून नजारा देखा गया। हालांकि कई इलाकों में रात 11 बजे बारिश होने और आसमान में बादल छाए रहने के कारण लोग इस दुलर्भ खगोलीय घटना को नहीं देख पाए। रात 1 बजकर 26 मिनट पर चंद्र ग्रहण की समाप्ति होनी है।
चंद्र ग्रहण से पहले सूतक लगने के कारण रविवार दोपहर से मंदिरों के पट बंद हो गए। परमट स्थित आनंदेश्वर मंदिर में रविवार सुबह सुबह 11 बजे पट बंद हो गए। सोमवार को सुबह पांच बजे मंगला आरती के बाद श्रद्धालुओं के लिए पट खोले जाएंगे। पनकी स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के पट रविवार को दोपहर 12 बजे बंद कर दिए थे। सोमवार को सुबह 5:30 बजे मंगला आरती के बाद पट खोले जाएंगे।
नवाबगंज स्थित जागेश्वर मंदिर, जाजमऊ स्थित सिद्धनाथ मंदिर, सीसामऊ स्थित बनखंडेश्वर, दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर समेत प्रमुख मंदिरों के पट रविवार दोपहर बाद बंद कर दिए गए थे। सोमवार सुबह इन मंदिरों के पट खोले जाएंगे।
चंद्रग्रहण पर सूतक लगने के बाद घरों में खाना नहीं बनाया गया। बची हुई खाद्य सामग्री में तुलसी दल डाल दिए गए। सब्जी या फल काटना वर्जित रहा। चंद्रग्रहण पर भोजन करने से पहरेज किया। गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलने दिया गया। सूतक लगने पर सुई और कैंची का प्रयोग वर्जित रहा। चंद्रग्रहण लगने पर कुछ स्थानों पर भजन-कीर्तन होता रहा।
ज्योतिष सेवा संस्थान के अध्यक्ष आचार्य पवन तिवारी ने बताया कि रविवार को रात 9:58 बजे चंद्रग्रहण शुरू हुआ और रात 1:26 बजे तक चलेगा। चंद्र ग्रहण तब लगता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच आकर पृथ्वी सूर्य की रोशनी को चंद्रमा तक पहुंचने से रोकती है। चंद्र ग्रहण एकदम लाल दिखाई दिया। चंद्र ग्रहण के शुरू होने से दोपहर 12 बजकर 57 मिनट से सूतक लग गए थे।
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