बुलडोजर की सियासत कर गलत तरीके से शक्ति प्रदर्शन: मौलाना मदनी, 'आई लव मुहम्मद' पर कह दी बड़ी बात
कानपुर में जमीयत उलमा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि बुलडोजर की सियासत और मस्जिदों को गिराना गलत है। उन्होंने मुस्लिमों से पैगंबर-ए-इस्लाम की शिक्षाओं का पालन करने, प्रेम का संदेश फैलाने और नफरत को खत्म करने का आह्वान किया। उन्होंने हिंदू-मुस्लिम भाईचारे पर जोर दिया और शहरकाजी के बेटे का निकाह भी पढ़ाया।

जागरण संवाददाता, कानपुर। जगह-जगह बुलडोजर चल रहे हैं। मस्जिदों को गिराया जा रहा है। अजान की आवाज को कम किया जा रहा है। गलत तरीके से ताकत का मुजाहिरा (प्रदर्शन) किया जा रहा है। देश में इस तरह की सियासत की जा रही है।
इसके जवाब में मुस्लिम पैगंबर-ए-इस्लाम की शिक्षा पर अमल करते हुए लोगों के बीच मोहब्बत व इंसानियत का संदेश दें। इस्लाम की सही तस्वीर पेश कर नफरत के पहाड़ों को रेजा-रेजा कर दें। ये बातें जमीयत उलमा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने गुरुवार को परेड ग्राउंड में आयोजित तहफ्फुज खत्म-ए-नुबूव्वत कान्फ्रेंस में कहीं।
उन्होंने कहा कि यह मोहब्बत नहीं है कि बाजार में आई लव मोहम्मद लिखकर लगा दिया। जिस किसी को पैगंबर-ए-इस्लाम से मोहब्बत है, वह उनकी सीरत (व्यक्तित्व) को अपनी जिंदगी में उतारे। नफरत के इस दौर में बिना किसी भेदभाव के सभी वर्गों व धर्मों के लोगों की सहायता करें।
नफरत के दरख्त (पेड़) खड़े करने वाली फिरकापरस्त ताकतों को मोहब्बत का संदेश देकर अपने व्यक्तित्व से आइना दिखाएं। उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम भाई-भाई की तरह रहते हुए नफरत की सियासत पर थूक दें। एक दूसरे सुख-दुख में शिरकत करें।
कान्फ्रेंस में जमीयत उलमा के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना अशहद रशीदी, कान्फ्रेंस के संयोजक शहरकाजी हाफिज अब्दुल कुद्दूस हादी, मुफ्ती मासूम साकिब, मौलाना अजहर मदनी, मौलाना अहमदुल्लाह, मौलाना अबूबकर हादी, मुफ्ती अब्दुल कादिर कासमी आदि उपस्थित रहे।
शहरकाजी के बेटे का निकाह पढ़ाया
मौलाना अरशद मदनी ने परेड ग्राउंड में आयोजित कान्फ्रेंस के स्टेज पर शहरकाजी हाफिज अब्दुल कुद्दूस हादी के बेटे उमर फारूक हादी का निकाह रसूल मोहम्मद की बेटी से पढ़ाया। इसके बाद वे वापस चले गए। शहरकाजी ने सादगी से निकाह का पैगाम भी दिया।
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