जैविक ऊर्जा उत्पादन का एक्सीलेंस केंद्र बनेगा NSI, IIT Kanpur के साथ मिलकर कर रहा काम
कानपुर स्थित राष्ट्रीय शर्करा संस्थान जैविक ऊर्जा उत्पादन में देश का नेतृत्व करने के लिए तैयार है। संस्थान एथेनॉल मेथनॉल बायो-सीएनजी और ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। संस्थान ने आइआइटी कानपुर के साथ मिलकर काम कर रहा है और कई परियोजनाओं पर काम शुरू किया है। संस्थान का 90वां स्थापना दिवस 7 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

जागरण संवाददाता, कानपुर। कर्नाटक और महाराष्ट्र में एक हजार एकड़ जमीन पर मीठी चरी से एथेनाल उत्पादन की शुरुआत करने वाला राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआइ) देश में जैविक ऊर्जा उत्पादन क्षेत्र का अगुवा बनने को तैयार है। एथेनाल के साथ ही मेथनाल, बायो-सीएनजी और ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए भी संस्थान ने आइआइटी कानपुर जैसे संस्थानों के साथ हाथ मिला रखा है। मीठी चरी से एथेनाल उत्पादन प्रोजेक्ट में एनएसआइ को भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन भी सहयोग कर रहा है। संस्थान का 90वां स्थापना दिवस समारोह सात अक्टूबर को मनाया जाएगा, जिसमें केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी मुख्य अतिथि होंगे।
राष्ट्रीय शर्करा संस्थान ने पिछले साल भर के दौरान एथेनाल, मेथनाल, बायो-सीएनजी, ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन व अनुसंधान की कवायद तेज कर दी है। उत्कृष्टता केंद्र के तौर पर संस्थान ने एक साल पहले ही आइआइटी कानपुर के साथ एमओयू कर अपनी दिशा तय कर दी है। सात अक्टूबर को स्थापना के 90 साल पूरे कर रहे संस्थान ने कर्नाटक और महाराष्ट्र के ऐसे किसानों को चरी से एथेनाल उत्पादन परियोजना में शामिल किया है जो सिंचाई की अपर्याप्त सुविधा के कारण अपने खेतों से अच्छा उत्पादन नहीं ले पा रहे थे। संस्थान ने इसी साल चुकंदर से एथेनाल और बायोकंप्रेस्ड गैस बनाने के प्रोजेक्ट पर भी काम शुरू किया है। इस प्रोजेक्ट में उत्तर प्रदेश के किसानों को शामिल करने की तैयारी है।
संस्थान की निदेशक प्रो. सीमा परोहा ने बताया कि इस साल टिशू कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना का लक्ष्य है। संस्थान के विज्ञानियों ने उच्च उपज वाली, रोग-मुक्त और जलवायु-अनुकूल गन्ना किस्मों के विकास , गन्ना उत्पादन में कम पानी के उपयोग के लिए वन ड्राप योजना पर काम किया है। चीनी मिलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) के उपयोग के लिए डालमिया और त्रिवेणी समूह के साथ समझौता किया है। गुड़ और गुड़ आधारित उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के साथ एक एमओयू भी किया गया है। जैविक ऊर्जा उत्पादन में देश को आत्म निर्भर बनाने की दिशा में अनुसंधान और शोध कार्य किए जा रहे हैं। इसका असर जल्द ही दिखाई देगा।
आएंगे केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी
प्रो. परोहा ने बताया कि सात अक्टूबर को स्थापना दिवस समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी होंगे। इस मौके पर सांसद देवेंद्र सिंह भोले, प्रदेश सरकार के गन्ना मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी, केंद्र सरकार के सचिव संजीव चोपड़ा और दो संयुक्त सचिव अश्वनी श्रीवास्तव व रवि शनाकार भी अतिथि के तौर पर उपस्थित होंगे।
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