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    कानपुर में जीटी रोड पर जलभराव और गड्ढे, मेट्रो के डिवाइडर तोड़ दिला रहे समस्या से निजात

    By ritesh dwivedi Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Wed, 27 Aug 2025 07:32 PM (IST)

    कानपुर जीटी रोड पर जलभराव के कारण गड्ढे होने से पीडब्ल्यूडी एनएच परेशान है। समस्या के समाधान के लिए मेट्रो से डिवाइडर काटने की अनुमति मांगी गई जो अब मिल गई है। पीडब्ल्यूडी का कहना है कि डिवाइडर काटने से जलभराव कम होगा। जीटी रोड पर ट्रैफिक का अत्यधिक दबाव होने से पैच भी जल्दी टूट रहे हैं।

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    एसपीएम मेट्रो स्टेशन के पास काटा गया डिवाइडर। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। जलभराव के चलते जीटी रोड के गड्ढे खत्म नहीं हो पा रहे हैं। इस समस्या के निदान के लिए पीडब्ल्यूडी एनएच ने मेट्रो को पत्र भेजकर डिवाइडर काटने की अनुमति मांगी थी,लेकिन मेट्रो ने इन्कार कर दिया था, हालांकि बाद में प्रशासनिक दबाव के बाद मेट्रो ने डिवाइडर काटने की अनुमति प्रदान कर दी है। पीडब्ल्यूडी एनएच के इंजीनियरों का कहना है कि डिवाइडर काटने से जलभराव नहीं होगा।

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    21 किमी लंबे जीटी रोड जलभराव और गड्ढों से निजात दिलाने के लिए पीडब्ल्यूडी एनएच कार्रवाई शुरू कर दी है। इंजीनियरों ने जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए उन स्थानों में मेट्रो के डिवाइडर काटना शुरू कर दिए हैं, जहां पर जलभराव के कारण रोड पर गड्ढे बन रहे हैं। पहले पीडब्ल्यूडी एनएच ने मेट्रो के अधिकारियों से डिवाइडर काटने की अनुमति मांगी थी, लेकिन मेट्रो ने इससे इन्कार कर दिया था।

    समस्या बढ़ते देख पीडब्ल्यूडी एनएच के इंजीनियरों के पत्र पर अनुमति प्रदान कर दी। अनुमति मिलते ही जीटी रोड पर विश्वविद्यालय से एसपीएम मेट्रो स्टेशन तक तीन जगहों पर डिवाइडर काटकर पानी निकालने का स्थान बना दिया गया है।

    PWD NH breaks Metro dividers

    जलभराव की वजह से जीटी रोड पर हुए गड्ढे। जागरण

    इंजीनियरों का कहना कि गोल चौराहे तक जहां पर भी जलभराव होगा वहां पर डिवाइडर काटे जाएंगे, ताकि जीटी रोड पर जलभराव की समस्या को खत्म किया जा सके। हालांकि गोल चौराहे से लेकर बेनाझाबर तक रोड पर यही समस्या है। मेट्रो की लाइन से पानी रोड पर गिरने के कारण रोड पर खराब होने के साथ ही गड्ढे बन रहे हैं।

    इस समस्या से निजात के लिए पीडब्ल्यूडी ने मेट्रो को लोहे के पाइप लगाने की सलाह भी दी है, ताकि रोड को खराब होने से बचाया जा सके। पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों का आरोप है कि मेट्रो ने ड्रेनेज सिस्टम बेहतर करने को लेकर कोई काम नहीं किया है, जिसके कारण सड़के खराब हो रही हैं। इसको लेकर मेट्रो के अधिकारियों को तत्काल कदम उठाने चाहिए।

    जीटी रोड में ट्रैफिक लोड से टूट रहे पैच

    पीडब्ल्यूडी एनएच के इंजीनियरों ने आरोप लगाया है कि जीटी रोड पर पैच बनने के बाद टिक नहीं पा रहे हैं। औसतन 12 घंटे में कच्चे पैच खराब हो रहे हैं। मौजूदा समय में जीटी रोड में सबसे ज्यादा 65 हजार से ज्यादा पीसीयू (पैसेंजर कार यूनिट) का लोड पड़ रहा है। जिसके कारण रोड टूटने के साथ ही पैच भी नहीं टिक पा रहे हैं। बीते एक सप्ताह में पीडब्ल्यूडी एनएच ने पैच बनाने का कार्य किया है, लेकिन कोई भी पैच 12 घंटे की ज्यादा अवधि तक नहीं रुक पा रहा है। इंजीनियरों का कहना है कि लगातार बारिश और उखड़ते पैच के कारण परेशानी हो रही है। बारिश के मौसम में बिटुमिन पैच बनाना मुश्किल है।

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    छह साल में खर्च हुए 23 करोड़, फिर मिले 41 करोड़

    वर्ष 2016 में जीटी रोड़ का चौड़ीकरण किया था। लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन अधिशासी अभियंता विनोद कुमार सिंह ने रोड चौड़ीकरण का प्रस्ताव तैयार किया था। रोड निर्माण और चौड़ीकरण में नौ करोड़ धनराशि खर्च हुई थी। साल 2021 में जीटी रोड का 14 करोड़ रुपये लागत से मेट्रो रोड ने निर्माण कराया था। बीते छह सालों में जीटी रोड निर्माण में 23 करोड़ खर्च किए गए हैं। वहीं इसी वर्ष जून माह में पीडब्ल्यूडी एनएच ने 21 किमी जीटी रोड के साथ ही हरदोई और कन्नौज की दो सड़कों को मिलाकर 53 किमी रोड के लिए 41 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। लखनऊ की एमवीडी फर्म को यह टेंडर मिला है। कंपनी ने रोड मरम्मत का कार्य भी शुरू कर दिया है, लेकिन ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने के कारण यह रोड गड्ढों में तब्दील हो चुकी है।

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    यह हैं जिम्मेदार

    • प्रवीण कुमार, अधीक्षण अभियंता, पीडब्ल्यूडी एनएच
    • अरुण कुमार जयंत, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी एनएच

    जीटी रोड का निर्माण बारिश बंद होते ही शुरू कर दिया जाएगा। ट्रैफिक लोड अधिक होने के कारण कच्चे पैच भी ज्यादा देर तक नहीं रुक रहे हैं। पैच बनने के बाद ट्रैफिक रोकना भी जीटी रोड पर मुश्किल है। सितंबर माह से रोड का निर्माण शुरू हो जाएगा। समस्या का निराकरण करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

    अरूण कुमार जयंत, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी एनएच

    हैलट से लेकर बनाझाबर तक मेट्रो लाइन से नीचे पानी गिरने के कारण रोड खराब हो रही है। पैच बनाने के बाद ज्यादा देर तक टिक नहीं रहे हैं। मेट्रो के अधिकारियों को लोहे के पाइप लगाकर पानी को समुचित निकालने का सुझाव दिया है, ताकि रोड को सुरक्षित रखा जा सके।

    अनूप कुमार मिश्र, अधिशासी अभियंता,पीडब्यूडी

    जीटी रोड में जलभराव की समस्या से निजात के लिए पीडब्ल्यूडी एनएच के अधिशासी अभियंता का पत्र मिला था, जिसमें डिवाइडर काटने की अनुमति मांगी गई थी। गंभीर समस्या को देखते हुए उन्हें अनुमति प्रदान की गई है। इसके साथ ही पीडब्ल्यूडी एनएच इन डिवाइडरों को बनाने की जिम्मेदारी भी ली है।

    पंचानन मिश्र, जनसंपर्क अधिकारी, मेट्रो