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    Ganga के उफान का टूट सकता रिकार्ड, Kanpur के मुख्य मार्ग तेज बहाव में बंद, 30 से ज्यादा गांव डूबे

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 11:50 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में बाढ़ से हाहाकार मचा है। कानपुर उन्नाव शुक्लागंज और बिठूर में गंगा नदी में उफान से 30 से अधिक गांव डूब गए हैं जिससे हजारों लोग बेघर हो गए हैं। कानपुर को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग गंगा में उफान की वजह से कट गए हैं। गंगा में बाढ़ के कारण कई गांव अंधेरे में डूब गए हैं।

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    परियर बिठूर मार्ग के ऊपर से तेज रफ्तार में बहता बाढ़ का पानी व आते जाते लोग। जागरण

    जागरण टीम, कानपुर। उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर जारी है। गंगा नदी में आया उफान अब कानपुर, उन्नाव, शुक्लागंज और बिठूर में फैल रहा है। 30 से ज्यादा गांव डूब चुके हैं। हजारों लोग बेघर हो गए। एक दूसरे शहरों के मुख्य मार्ग गंगा के तेज बहाव की वजह से कट गए। हर तरफ बाढ़ की वजह से हाहाकार मचा है। गंगा बैराज रोड पर करीब चार हजार परिवारों को शिविर में रोका गया है।

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    गंगा कटरी में पानी और बढ़ने के कारण बिजली काट दी गई है। इससे आसपास के लगभग 30 गांव अंधेरे में डूब गए हैं। इनमें 18 गांवों के हालात अधिक बिगड़ रहे हैं। लगभग 4000 लोग बैराज मार्ग स्थित जिला प्रशासन के शिविर में आ गए हैं। गांवों से सामान लाने के लिए ट्रैक्टरों व नावों से आवाजाही हो रही है। शिविरों में कापी-किताबों व बस्तों के साथ बच्चे बेबस बैठे हैं। उनके मन में स्कूल जाने की जिजीविषा हिलोर मार रही है। बुजुर्ग पिछले वर्षों में बाढ़ की स्थितियों को याद करते हुए कह रहे हैं कि शायद उनकी यही नियति बन गई है।

    बिठूर में 18 गांव में हालात खराब

    गंगा के कटरी क्षेत्र में भरे पानी ने तबाही मचा दी है। बिठूर व नवाबगंज के 18 गांवों के हालात सबसे अधिक खराब हैं। इन गांवों के 4000 लोग गृहस्थी लेकर बैराज मार्ग पर आ गए हैं, जबकि गांवों में 500 से 600 परिवारों की गृहस्थी छतों पर पहुंच गई है। वहीं पालीथिन डालकर रहने को मजबूर हैं। बैकुंठपुर मार्ग से बैराज तक की एक लेन सड़क पर यातायात बंद कर दिया गया है, जिसमें पीड़ित बच्चों व परिवार के साथ जीवन यापन करने के दौरान हादसों का शिकार न होने पाएं। परिवारों के सड़क पर आने से गांवों में अंधेरा पसरा है।

    Kanpur Ganga  Flood

    ब्रम्हावर्त घाट पर स्थित हनुमान जी की मूर्ति डूब गई। जागरण

    ब्रह्मखूंटी जलमग्न, ब्रह्मावर्त घाट पर मूर्ति डूबी

    गंगा में बढ़े पानी के कारण बुधवार को ब्रह्मावर्त घाट पर स्थित हनुमान जी की प्रसिद्ध मूर्ति पूरी तरह जलमग्न हो गई है। घाट पर ऐतिहासिक ब्रह्मखूंटी भी पानी में डूब चुकी है। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह स्थिति वर्ष 2010 जैसी दिख रही है। प्रशासन या सरकार की ओर से बांध नहीं बनने तक ऐसे हालात प्रतिवर्ष बनते रहेंगे। पंडित देव कुमार द्विवेदी ने बताया कि जब-जब हनुमान जी की मूर्ति डूबती है, तब क्षेत्र में गंभीर बाढ़ की स्थिति बन जाती है। कटरी क्षेत्र के कई गांवों के लोग घर छोड़कर सड़कों पर शरण लेने को मजबूर हैं। अब जलस्तर में और वृद्धि की आशंका है।

    Kanpur Ganga  Flood

    भगवानदीन पुरवा में बाढ़ का पानी भरने के कारण  सड़क पर खाना बनाती महिलाएं । मो.आरिफ 

    बाढ़ पीड़िता बोलीं- सब कुछ डूब गया

    कटरी क्षेत्र में तबाही के मंजर को लेकर सोच रहीं 72 वर्षीय कुसमा अपने बेटे संजय की तरफ देखकर बोलीं कि का करिहौ बेटवा, खेतवा मां धंधा-पानी तो गंगा मैया सब लई गईं, कैसे जीवन चलिहै। बेटा मां की तरफ देखकर बोला-अम्मा परेशान न हो, ओई सब लीन है तौ सब व्यवस्था ओई करिहैं। एई दिन नाहीं रहिहैं। पास में बैठी बहू राधा ने ढांढस बंधाया कि अम्मा परेशान नहीं हो। सब कुछ ठीक हुइहै। संजय निषाद ने बताया कि दो बीघा खेत में सब्जी बोई राहे, सब गंगा मैया की बाढ़ मा खतम हुईगै। ऐसे ही न जाने कितने घर व परिवार हैं, जो खेत और घर डूब जाने से सड़क पर हैं। सिर्फ मजदूरी ही सहारा है। भारत पुरवा के मजरा पपरिया निवासी कक्षा पांच के छात्र सनी ने शिविर में बिस्किट, नमकीन, टाफी, घरेलू सामान की दुकान लगाकर जिंदगी चलानी शुरू कर दी है। पिता राधेश्याम ने बताया कि स्कूल बंद हुइगे तो दुकान रखवा लीन है। इधर-उधर घूमैं ते दुई पैसा पैदा करिहैं। 

    Kanpur Ganga  Flood

    करोवन मोड के पास बैरियर लगा कर बिठूर को जाने वाले वाहनों को रोकती पुलिस। जागरण

    उन्नाव में कानपुर से टूटा संपर्क

    गंगा का विकराल रूप लगातार कटरी के लोगों के लिए आफत बना हुआ है। खतरे के निशान 113 मीटर को पार करते हुए गंगा का जलस्तर बुधवार को 113.220 मीटर पहुंच गया है। कानपुर को जोड़ने वाला काली मिट्टी शिवराजपुर और परियर बिठूरमार्ग पर पानी पहुंचने के बाद आवागमन बंद कर दिया गया है। जिसके बाद गंगा के दोनों पुलों पर भी आवागमन बंद हो गया है। पशु चारे के अभाव में पस्त पड़े हैं। प्रभावित क्षेत्र के लोग घरों से दूर खुले आसमान के नीचे तिरपाल के सहारे गुजर बसर कर रहे हैं। सरकारी मदद के दावों प्रभावित लोगों को मुंह चिढ़ा रहे हैं।

    बाढ़ की स्थिति विकराल होती जा रही

    परियर क्षेत्र में बुधवार को गंगा का जलस्तर करीब आधा फुट और बढ़ गया। जिससे क्षेत्र में बाढ़ की स्थित और विकराल हो गई है। ग्रामीण परियर बिठूर मार्ग पर तिरपाल तान कर गुजर बसर कर रहे हैं। अगस्त माह से बाढ़ का दर्द झेल रहे ग्रामीणों का जीना दूभर हो गया है। परियर बिठूर मुख्य सड़क पर करीब 300 मीटर दूरी तक करीब दो फिट गहरा पानी तेजी से बह रहा है। जिससे सड़क कटने लगी है। विद्युत विभाग की लापरवाही के कारण बुधवार शाम बिजली के तार सड़क पर झूलते रहे। पुलिस ने परियर-करोवन मोड के पास और परियर बिठूर मार्ग पर परियर गंगा पुल पर बैरियर लगा कर वाहनों का आवागमन रोक दिया है। फतेहपुर चौरासी क्षेत्र में कालीमिट्टी शिवराजपुर मार्ग लगभग कटने की कगार पर है। जिससे आवागमन बंद कर दिया गया है। अब कानपुर जाने के लिए 50-60 किमी. का चक्कर लगाना पड़ रहा है। जिसके बाद ट्रेन से सफर करने वालों की संख्या बढ़ रही है।

    हिंदूपुर पुलिया के पास कटान शुरू

    वहीं हिंदूपुर पुलिया के पास भी कटान शुरू हो गया है। जहां कार्य शुरू किया गया है। सैकड़ों की संख्या में लोग कटी सड़क को देखने के लिए पहुंचे। गोशाला में बाढ़ का पानी अंदर पहुंच जाने पर इस्माइलपुर नौगवां और हरदासपुर गोशाला के मवेशियों को दूसरी गोशाला में शिफ्ट कर दिया गया है। प्राथमिक विद्यालय चिरंजीवपुरवा को प्राथमिक विद्यालय जाजामऊ में शिफ्ट किया गया है। अभी तक क्षेत्र के 35 गांव की बिजली काट दी गई है। एसडीएम बांगरमऊ नवीन चंद्र, तहसीलदार साक्षी राय का दावा है कि लगातार बाढ़ व कटान पर नजर रखे हैं।

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    बाढ़ का पानी भरने पर महिला को  साइकिल मे बैठा कर ले जाता युवक । जागरण

    15 गांवों की काट दी गई बिजली

    अचलगंज क्षेत्र में बुधवार को भी गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ ही बाढ़ का पानी रास्तों में भर जाने के बाद गांव टापू का रूप ले रहा हैं। हड़हा गांव के आगे बलाई से लेकर मालमऊ तक सब जलमग्न है। छडउवा खेड़ा, मझरा भिखना, घसिलपुरवा, बदद्दलसहित, बंदीपुरवा में पानी घरों तक घुस गया है। संपर्क मार्गों पर पानी आ जाने से आवागमन प्रभावित है। यह के 15 से अधिक गांवों की बिजली काट दी गयी है। खेती पूरी तरह से नष्ट हो चुकी हैं। बलाई प्रधान रामसिंह व क्षेत्रीय लेखपाल ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच कर नुकसान का आंकलन किया। नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी शालिनी त्रिपाठी, अध्यक्ष प्रतिनिधि राजीव वर्मा के साथ बाढ़ प्रभावित मैकुआ खेड़ा वार्ड जीसीबी से पहुंच कर वहां के हालात का जायजा लिया।

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    बनियापुरवा में बाढ़ के पानी से निकलते ग्रामीण । जागरण

    बाढ़ पीड़ितों तक नहीं पहुंच रही राहत सामग्री

    गंजमुरादाबाद क्षेत्र में बाढ़ की विभीषिका का दंश आम जनमानस झेल रहा है। वितरण के लिए आने वाली राहत सामग्री भी लोगों तक नहीं पहुंच रही है। बल्कि बाढ़ पीड़ितों को बांटने के लिए आने वाले लंच पैकेट भी उनतक नहीं पहुंच रहे हैं। यहां इंटरनेट मीडिया इनके झाड़ियों और पानी में पड़े होने की वीडियो व फोटो प्रसारित हो रही हैं। मंगलवार शाम ग्रामीणों को लंच पैकेट आदि का वितरण आधा अधूरा हुआ। जिन्हें बुधवार को अराजक तत्वों ने सड़क मार्ग किनारे पानी में फेंक दिया। जिसका वीडियो प्रसारित हुआ। जो कुंशी व रतई पुरवा के बीच पाया गया। हालांकि जागरण प्रसारित वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।

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    गंगा का बहाव तेज होने से कटा शिवराजपुर-फतेहपुर चौरासी मार्ग। जागरण 

    चौबेपुर में शिवराजपुर-फतेहपुर चौरासी मार्ग बंद

    शिवराजपुर में भी गंगा खतरे के निशान को छू रही है। बहाव तेज होने से उन्नाव के हिंदुपुर और नयाबंगला गांव के पास सड़क कटने से शिवराजपुर-फतेहपुर चौरासी मार्ग बंद कर दिया गया है। खेरेश्वर घाट तक पानी पहुंचने और गंगा का प्रवाह बढ़ने से सरैया पुल से गुजरने वाले वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है। अब कानपुर से बायां फतेहपुर चौरासी जाने वाले वाहनों को बिल्हौर-बांगरमऊ हाेते हुए जाना पड़ेगा।

    पुल न गुजरने की अपील

    कानपुर में गंगा नदी खतरे के निशान से 86 सेमी दूर है। शिवराजपुर में सरैया और परियर पुल के पिलरों की ऊपरी सतह तक पानी पहुंच चुका है। बिठूर क्षेत्र के कई गांव बाढ़ प्रभावित हो है। वहीं शिवराजपुर से फतेहपुर चौरासी जाने वाले मार्ग पर उन्नाव के हिंदूपुर और नयाबंगला गांव के पास सड़क पूरी तरह से कट गई। जिससे काली मिट्टी और सफीपुर मार्ग भी प्रभाावित हुआ है। सड़क कटने से शिवराजपुर सरैया पुल को दोनों छोर से बंद करते हुए आवागमन बंद कर दिया गया है। प्रशासन क निर्देश पर पुल के दोनों छोर पत्थर रख कर पुलिस तैनात की गई है।

    रोका जा रहा कटान

    लोक निर्माण विभाग की कानपुर व उन्नाव टीम ने निरीक्षण कर कटान वाले स्थानों पर प्लास्टिक की बोरियां रखवाई। लेकिन सड़क एक चौथाई भाग ही बच सका था। ग्रामीणों ने बताया कि बहाव तेज होने से मार्ग पूरी तरह से कट रहा है। इधर खेरेश्वर घाट की ऊपरी सीढ़ी तक पानी पहुंचने से लोगों को स्नान के लिए प्रतिबंधित किया गया है। बुधवार को भी उन्नाव प्रशासन ने राहत व बचाव के लिए सर्वे किया। इधर गंगा बढ़ने से बिल्हौर तहसील क्षेत्र के तटवर्ती गांव संजती बादशाहपुर, अकबरपुर सेंग, राधन, मुंहपोछा, काकूपुर, दुर्गापुर, तरी, खुजकीपुर, चिंतापुरवा, बहलीपुर, सुनौढ़ा के प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को हटने के लिए कहा गया है। एसडीएम बिल्हौर संजीव दीक्षित ने गंगा तटवर्ती गांवों में राजस्व टीम को भेज कर प्रभावित क्षेत्र से लोगों को हटवाने के निर्देश दिए है।

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