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    उरई में मेडिकल कालेज के रिसर्च विज्ञानियों ने दिया इस्तीफा, षड़यंत्र में फंसाने का लगाया आरोप

    By Shaswat GuptaEdited By:
    Updated: Wed, 06 Oct 2021 09:30 PM (IST)

    मंगलवार को रिसर्च विज्ञानी प्रियंका बेसुध हो गई थी। बुधवार को उनकी हालत में सुधार हुआ। प्रियंका के अनुसार उन्होंने विषाक्त नहीं खाया था लेकिन जिस तरह ...और पढ़ें

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    जिला पंचायत अध्यक्ष को अपनी बात बताते विज्ञानियों सचिन रंजन व नेहा तिवारी।

    उरई, जेएनएन। राजकीय मेडिकल कालेज में कोरोना जांच की गलत आरटीपीसीआर रिपोर्ट बनाने के आरोपित रिसर्च विज्ञानियों ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया। उनका आरोप है कि जानबूझकर प्राचार्य परेशान कर रहे हैं। देर शाम उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया गया। इस घटनाक्रम के बाद एक बार फिर प्राचार्य विवादों में घिर गए हैं। उन्होंने सफाई देकर कहा कि मामले को अनावश्यक तूल दिया जा रहा है। 

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    मंगलवार को रिसर्च विज्ञानी प्रियंका बेसुध हो गई थी। बुधवार को उनकी हालत में सुधार हुआ। प्रियंका के अनुसार उन्होंने विषाक्त नहीं खाया था, लेकिन जिस तरह से बिना गलती के उसे नोटिस देकर परेशान किया जा रहा है। उससे वह तनाव में है। किसी भी हालत में वह यहां काम करने की स्थिति में नहीं है। रिसर्च विज्ञानियों के विरुद्ध कालेज प्रशासन ने तीन पन्ने की जांच रिपोर्ट तैयार की थी। जिसमें बताया गया था कि कोरोना का कोई भी लक्षण नहीं होने के बावजूद उन्होंने गलत आरटीपीसीआर रिपोर्ट बनाकर छह लोगों को कोरोना संक्रमित बता दिया। इससे पूरे प्रदेश में संस्थान की छवि खराब हुई है। प्रकरण के तूल पकडऩे के बाद कालेज प्रशासन बैकफुट पर चला गया था। मामले में मंगलवार को ही प्राचार्य ने नोटिस वापस लेते हुए दो दिनों में वेतन निर्गत करने का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद बुधवार को प्रियंका, नेहा व सचिन ने इस्तीफा दे दिया है। रिसर्च विज्ञानियों ने कहा कि द्वेष भावना से की गई जांच रिपोर्ट के आधार पर उनका करियर प्रभावित किया जा सकता है। देर शाम उनका इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया गया।

     प्राचार्य डा. डी नाथ ने कहा कि नई प्रक्रिया के तहत जल्द ही भर्ती की जाएगी। उन्होंने सफाई दी कि कोई उत्पीडऩ नहीं किया गया है। किसी से जबरदस्ती काम नहीं कराया जा सकता है। उनकी काम करने की इच्छा नहीं है इसलिए गुरुवार तक उन्हें कार्यमुक्त कर दिया जाएगा। 

    जिला पंचायत अध्यक्ष से बताई पीड़ा: दो रिसर्च विज्ञानी सचिन रंजन व नेहा तिवारी बुधवार को जिला पंचायत अध्यक्ष घनश्याम अनुरागी से मिले। नेहा तिवारी ने रोते हुए बताया कि कालेज में उसके साथ अमानवीय बर्ताव हुआ। प्राचार्य ने अपशब्दों का प्रयोग किया। उन्हें षडय़ंत्र के तहत फंसाया जा रहा है। छह माह से उत्पीडऩ किया जा रहा है। यहां तक कि मोबाइल फोन तक जब्त करा लिया जाता था। कालेज परिसर से बाहर आने की अनुमति तक नहीं दी जाती थी। जिला पंचायत अध्यक्ष ने मेडिकल कालेज के प्राचार्य डी नाथ से बात की। उन्होंने बताया कि किसी भी रिसर्च विज्ञानी के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित नहीं की गई है।