कानपुर : एलएलआर में बना सेफ कारिडोर, इमरजेंसी में आने वाली एंबुलेंस को अस्पताल परिसर में मिलेगा बेहतर मार्ग
कानपुर में एलएलआर अस्पताल में सेफ कारिडोर बना है। इससे गोल्डन आवर की राह बाधा मुक्त होगी। प्राचार्य की पहल पर ओपीडी और इमरजेंसी तक सेफ कारिडोर बनाया गया है। इमरजेंसी में आने वाली एंबुलेंस को अस्पताल परिसर में बेहतर मार्ग मिलेगा।

कानपुर, जागरण संवाददाता। एलएलआर अस्पताल (हैलट) में अब मरीजों को सेफ कारिडोर देकर उनके जीवन को सुरक्षित किया जा रहा है। अभी तक इमजरेंसी से ओपीडी के बीच सैकड़ों वाहनों के बीच एंबुलेंस और गंभीर मरीजों के वाहन फंस जाते थे।
जिसके कारण मरीजों के इलाज का गोल्डन आवर समय व्यर्थ हो जाता था। अब सेफ कारिडोर की मदद से एंबुलेंस और गंभीर मरीजों के वाहन बिना जाम में फंसे इमरजेंसी तक पहुंच सकेंगे। इसका लाभ ओपीडी और इमरजेंसी में प्रतिदिन आने वाले लगभग तीन हजार मरीजों को मिल रहा है।
प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि पहले इमरजेंसी से लेकर ओपीडी तक कई वाहन स्टैंड थे। जिसके कारण सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में वाहन खड़े रहते थे। अधिक वाहनों की संख्या होने के चलते परिसर में प्रतिदिन गंभीर मरीजों की एंबुलेंस कई बार फंस जाती थी।
इससे बचाव के लिए इन दोनों स्थानों से स्टैंड को हटाकर दूसरे स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया है। जिससे मरीजों को अस्पताल परिसर में सेफ कारिडोर मिल रहा है। इससे गंभीर मरीजों के गोल्डन आवर की सीमा को और कम करके उन्हें बेहतर इलाज दिया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि अक्सर मरीजों की जान गोल्डन आवर ट्रीटमेंट में देरी के कारण चली जाती है। अब एलएलआर अस्पताल में मरीजों को इस संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा।
यह होता है गोल्डन आवर ट्रीटमेंट : दुर्घटना के बाद के एक घंटे को गोल्डन आवर कहा जाता है। इसमें सही इलाज मिल जाए तो मरीज की जान को बचाया जा सकता है। प्राचार्य ने बताया कि अक्सर सड़क हादसों में घायल को गोल्डन आवर ट्रीटमेंट में देरी के कारण जान गंवानी पड़ती है। एलएलआर अस्पताल की यह पहल उनके गोल्डन आवर की सीमा को सुरक्षित रखने के लिए प्रयासरत है।

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