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    कानपुर के गांव-गांव में हाहाकार, बुखार से बच्ची और बुजुर्ग की मौत, स्वास्थ्य ज्वाइंट डायरेक्टर पहुंचे

    By Sarvesh Pandey Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Sat, 23 Aug 2025 01:59 PM (IST)

    बिधनू के गांवों में बुखार की वजह से हर घर में मरीज हैं। बच्ची और बुजुर्ग की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग जागा है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य ज्वाइंट डायरेक्टर और एसीएमओ अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे हैं और लोगों की जांच की जा रही

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    कानपुर के बिधनू में मरीजों की जांच करते चिकित्सक। जागरण

    संवाद सहयोगी, जागरण, बिधनू(कानपुर)। बिधनू के नहर व नदी तटीय क्षेत्रों के डेढ़ दर्जन गांवों में बीमारी ने डेरा डाल रखा है। घर घर मरीज तेज बुखार, जुखाम व खांसी से जूझ रहे हैं। बीते सप्ताह के अंदर बच्ची व बुजुर्ग की मौत के बाद स्वास्थ्य महकमें की नींद टूटी और तीन स्वास्थ्य टीमें बनाकर बीमारी प्रभावित गांवों में शिविर लगाने शुरू किए। शुक्रवार को जहां जिलाधिकारी ने सफाई व स्वास्थ्य व्यवस्था का निरीक्षण करने तहसीलदार को भेजा, वहीं शनिवार को स्वास्थ्य ज्वाइंट डायरेक्टर व एसीएमओ ने गांवों में मरीजों के उपचार स्वास्थ्य टीमों के कार्यों की समीक्षा की।

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    बिधनू क्षेत्र के नहर व नदी तटवर्ती गांव भैरमपुर, रुस्तमपुर, ढड़िया, पंचापुरवा, सीढ़ी, घारमपुर, लालेहपुर, पलरा, मर्दनपुर, कड़री चम्पतपुर, बकौली, सेन पश्चिम पारा, मझावन, नगवां गांवों में बीमारी ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। इन सभी गांवों में घर घर बुखार, जुखाम, खांसी के मरीज पड़े हुए है। बीते एक सप्ताह के अंदर बच्ची अक्षता और बुजुर्ग ओमकार की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया है।

    विभाग ने करीब संवेदनशील डेढ़ दर्जन गांवों को चिन्हित कर आरआरटी व एपेडेमिक समेत तीन टीमें बनाई है। जिसमे एक टीम बनाई है। जो सोमवार से शनिवार तक प्रति दिन एक से दो गांवों में शिविर लगाकर जांच व दवा का वितरण करेगी। इसके बाद गांव की एनएएम व सीएचओ पीड़ित मरीजों के स्वास्थ्य की देखरेख कर उनकी स्थिति सुधार व बिगड़ने के बारे में सीएचसी चिकित्साधीक्षक को रिपोर्ट करेगी। वहीं बीमारी को लेकर स्वास्थ्य अधिकारी भी सतर्क नजर आने लगे हैं।

    शनिवार को स्वास्थ्य ज्वाइंट डायरेक्टर डां अनिल कुमार व एसीएमओ डां उदयभान सिंह रुस्तमपुर, ढड़िया और पंचापुरवा गांव पहुंचे। जहां घर घर जाकर मरीजों से बात कर उन्हें दी गई दवाओं को देखरेख सुधार के बारे में जानकारी ली। इस दौरान एक मरीज के पास फाइलेरिया की दवाएं देख ज्वाइंट डायरेक्टर ने एनएएम छाया को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया की दवा मरीज को सामने खड़े होकर खिलानी है न कि उसे देनी है। साथ ही उस घर मे निशान लगाना है।

    उन्होंने मरीजों से दो दिन पहले हुए उपचार व दवा से सुधार के बारे में पूछा। इसके बाद गांव के प्राथमिक स्कूल जाकर बच्चों के स्वास्थ्य बारे में जानकारी ली। वहीं गांव के आयुष्मान आरोग्य मंदिर पहुंचे एसीएमओ एक्सपायरी दवा व किट देख सीएचओ प्रतीक्षा सचान को फटकार लगाई। उन्होंने प्रश्न किया कि क्या इनका वितरण समय पर नहीं किया जाता। जिसपर सीएचओ मौन हो गई। वहीं शुक्रवार को जिलाधिकारी के निर्देश पर तहसीलदार राजेश कुमार ने भी गांव में सफाई व स्वास्थ्य की समीक्षा करके रिपोर्ट दी थी।

    घारमपुर में 70 बीमार, लगा गंदगी का अंबार

    बिधनू सीढ़ी ग्राम पंचायत का मजरा घारमपुर गांव में बीते 15 दिनों से गांव के कुशमा, मुन्नालाल, पुष्पा देवी, सपना सावित्री, रानीबेटी, देवकी, कमला देवी समेत 70 लोग बुखार की चपेट में हैं। मरीजों के मुताबिक अभी तक गांव में कोई डाक्टर की टीम नहीं आई। सीएचसी दूर होने की वजह से इटरा स्थित क्लीनिक और मेडिकल स्टोर से दवा लेकर सभी खा रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव की सड़कों में नलियों का गंदा पानी भरा हुआ है। जगह जगह गोबर और कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। सफाई कर्मी कभी गांव में झांकने नहीं आते।