Kanpur सेंट्रल स्टेशन में भगवान का करिश्मा, गिरने से प्लेटफार्म व ट्रेन के बीच एक मिनट तक फंसी रही महिला
फर्रुखाबाद की एक महिला यात्री गरीब रथ एक्सप्रेस में चढ़ते समय प्लेटफार्म और ट्रेन के बीच फंस गई। आरपीएफ जवानों की तत्परता से महिला की जान बची। घटना के कारण चेन खींचकर ट्रेन रोकनी पड़ी जिससे वह 15 मिनट देरी से रवाना हुई। महिला को मामूली चोटें आईं और उसे अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया गया।

जागरण संवाददाता, कानपुर। कानपुर सेंट्रल स्टेशन में भगवान का करिश्मा देखने को मिला। एक महिला ट्रेन में चढ़ते समय प्लेटफार्म के नीचे गिर गई। इससे एक वह ट्रेन और प्लेटफार्म के बीच फंस गई। उसके बाद उसे निकाल लिया गया। उसकी जान बच गई। मामला प्लेटफार्म नंबर पांच का है।
लखनऊ जंक्शन से भोपाल जा रही गरीब रथ एक्सप्रेस पर चढ़ते समय जीएसवीएम मेडिकल कालेज में फोरेंसिक विभाग में प्रोफेसर डा. पीयूष गंगवार की मां महिमा गंगवार पैर फिसलने से प्लेटफार्म व गाड़ी के बीच फंस गईं। आरपीएफ जवानों की सक्रियता से उनकी जान बच गई। चोट लगने पर उन्हें एलएलआर अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना के कारण चेन खींचकर ट्रेन रोकनी पड़ी, जिससे सेंट्रल स्टेशन पर 10 मिनट खड़ी रही। निर्धारित समय से 15 मिनट देरी से 12:48 बजे आगे के लिए प्रस्थान कर सकी।
सेंट्रल स्टेशन आरपीएफ पोस्ट के निरीक्षक एसएन पाटीदार ने बताया कि शनिवार रात लगभग 12:33 बजे भोपाल जाने वाली गरीब रथ एक्सप्रेस प्लेटफार्म संख्या पांच पर आई। पांच मिनट ठहराव के बाद ट्रेन चलने लगी, तभी करीब 61 साल की महिमा अपने पति राजवीर सिंह के साथ भागते हुए आईं व कोच जी-18 में चढ़ने लगीं। पैर फिसलने से कोच व प्लेटफार्म के बीच में नीचे गिर पड़ीं।
कुछ दूर यात्री सुरक्षा के लिए खड़े आरपीएफ एएसआइ सीपी सिंह, सिपाही श्रवण कुमार, अनिल कुमार मौर्य व सुभाष चन्द्र यह दृश्य देख दौड़े। श्रवण ने गाड़ी को चेन खींचकर रोकने के लिए आवाज लगाई। एएसआइ सीपी सिंह व सिपाही सुभाष ने उनका हाथ पकड़ दिलासा दिया कि धैर्य रखकर किनारे पर सटे रहिए। चेन खींचने पर गाड़ी रुकते ही उन्हें बाहर निकाला गया। घटना सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुई है। प्राथमिक उपचार के लिए गोल्फ कार्ट से उन्हें प्लेटफार्म संख्या-1 स्थित मधुराज अस्पताल की क्लीनिक लाया गया। डाक्टरों ने एलएलआर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।
निरीक्षक पाटीदार ने बताया कि मूलरूप से फर्रुखाबाद के शमसाबाद थानाक्षेत्र के इसरौली निवासी महिमा अपने बड़े बेटे डा. पीयूष गंगवार के साथ मेडिकल कालेज परिसर में ही रहती हैं। छोटा बेटा प्रतीक भोपाल में इंजीनियर है, जिससे मिलने के लिए पति राजवीर के साथ जा रही थीं। स्टेशन पर थोड़ी देर से पहुंचने के कारण ट्रेन चल पड़ी। जल्दबाजी में चलती ट्रेन में चढ़ने के प्रयास में हादसे की शिकार हो गईं। उन्होंने यात्रियों से अपील की कि ट्रेन चलने पर उसमें चढ़ने-उतरने से बचें।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।