गंगा में उफान से कासगंज के तटवर्ती गांव जलमग्न, प्रभारी मंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया भ्रमण
गंगा नदी में बाढ़ के चलते कासगंज के तटवर्ती इलाकों में जलभराव हो गया है जिससे ग्रामीणों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। नरौरा से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने से स्थिति और गंभीर हो गई है। जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है और कई गांव पानी में डूबे हुए हैं। मंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

जागरण संवाददाता, कासगंज। गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से अभी भी तीन सेंटीमीटर ऊपर है। तटवर्ती ग्रामीणों की परेशानी कम नहीं हो रही। गांवो में भरे पानी को देखकर ग्रामीण बेवस बने हुए हैं। ग्रामीण बाढ़ के पानी की निकासी का इंतजार कर रहे हैं। मंगलवार को नरौरा से एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है। जिससे गंगा के प्रवाह की स्थिति पूर्ववत है।
पटियाली क्षेत्र के 20 से अधिक गांव में बाढ़ का पानी स्थिर हो गया। मूजखेड़ा, राजेपुर कुर्रा, नगला हंसी, नगला नरपत, नगला जयकिशन, नरदौली, नगला जैली, नगला शीशम सहित अन्य गांव में पानी भरा है। जिसकी निकासी न होने से लोग परेशान हैं। पानी की निकासी का इंतजार कर रहे हैं। गंगा का हालांकि जलस्तर कम हुआ है। लेकिन फिर भी गंगा खतरे के निशान से अभी भी तीन सेंटीमीटर ऊपर बनी हुई है।
तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ के पानी की नहीं हो पा रही निकासी
गंगा के प्रवाह में भी कोई कमी नहीं है। हरिद्वार और बिजनौर से कम मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है। जबकि नरौरा से एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है। ग्रामीण परेशान हैं। सोरों क्षेत्र में भी नगरिया आदि तटवर्ती गांव में बाढ़ का पानी भरा है। वर्षा होने के साथ पानी कम नहीं हो रहा। सिंचाई विभाग जिला प्रशासन लगातार निगरानी बनाए हुए हैं। बाढ़ चौकियां भी सक्रिय हैं। समाजेसवी संस्थाएं, राजनैतिक दल, एवं अन्य लोग ग्रामीणों का राहत पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।
प्रभारी मंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया भ्रमण
प्रभारी मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी एवं जनप्रतिनिधियों, डीएम, एसपी ने गंजडुंडवारा विकास खंड़ क्षेत्र के गांव नगला शीशम, ग्राम पंचायत नरदौली का भ्रमण कर ग्रामवासियों और प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत कर मौके पर स्थित को परखा। उन्होंने ढ़ग्रस्त तटवर्ती ग्राम का स्थलीय निरीक्षण कर प्रशासनिक व्यवस्थाओं का मौके पर जायजा लिया।
इस दौरान मंत्री ने निर्देश दिए कि कटानरोधी कार्य को लगातार जारी रखा जाए, ग्रामवासियों को खानपान, ठहरने एवं उपचार आदि की किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए। चिकित्सा कैंप, पशु टीकाकरण, पेयजल व्यवस्था, राहत शिविर, दवाओं की उपलब्धता, मेडीकल किट्स, तटबंधों की सुरक्षा, गोताखोर व नावों आदि की सभी व्यवस्थाएं पूरी रखी जाएं।
गंगा में छोड़ा गया पानी
- हरिद्वार 81742 क्यूसेक
- बिजनौर 69285 क्यूसेक
- नरौरा 115180 क्यूसेक
- कछला पर गेज 162.43 मीटर
- जिले में हुई वर्षा 6 मिली मीटर
गंगा के जलस्तर में पिछले दिनों से लगातार कमी आई है। उसके बाद भी गंगा खतरे के निशान से अभी भी तीन सेंटीमीटर ऊपर है। नरौरा से मंगलवार को एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया। सतर्कता जारी है। - पंकज कश्यप, एई सिंचाई विभाग
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