बुजुर्ग के जीवन की अंतिम सच बनी 'गीदड़ भभकी', इस बार भी घर से आत्महत्या की बात कहकर निकले पर वापस नहीं लौटे
कौशांबी में 70 वर्षीय बनवारी ने गीदड़ भभकी को सच कर दिखाया। परिजनों को आत्महत्या की धमकी देकर घर से निकले बनवारी ने भरवारी रेलवे क्रॉसिंग के पास ट्रेन से कटकर जान दे दी। अक्सर नाराज होकर आत्महत्या की बात कहने वाले बनवारी को इस बार परिजनों ने गंभीरता से नहीं लिया। दोपहर में खोजबीन के दौरान कपड़ों से शव की पहचान हुई। जीआरपी ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

भरवारी रेलवे क्रासिंग पर कौशांबी के बुजुर्ग की आत्महत्या की धमकी सच निकली, ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी।
जागरण संवाददाता, कौशांबी। आत्महत्या के लिए स्वजन को 'गीदड़ भभकी' देना आखिरकार बुजुर्ग बनवारी के जीवन का अंतिम सच साबित हुआ। गुरुवार सुबह ऐसी ही धमकी स्वजन को देकर बनवारी निकले, लेकिन वह लोग हर बार की तरह उसे 'गीदड़ भभकी' ही समझने की भूल कर बैठे।
कपड़ों से शव की पहचान हुई
दोपहर में खोजबीन के दौरान स्वजन ने भरवारी रेलवे स्टेशन पहुंचकर कपड़ों से शव की शिनाख्त की। हालांकि, इससे पहले राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए प्रयागराज पोस्टमार्टम हाउस भेज चुकी थी।
भरवारी रेलवे क्रासिंह के पास ट्रेन के सामने कूद गए
दिल्ली-हावड़ा रूट पर स्थित भरवारी रेलवे क्रासिंग के पास एक 70 वर्षीय बुजुर्ग गुरुवार सुबह काफी देर से खड़े थे। करीब नौ बजे प्रयागराज की तरफ से कानपुर की ओर जाने वाली तेज रफ्तार ट्रेन संख्या 12948 डाउन अजीमाबाद सुपर फास्ट एक्सप्रेस (एसएफ) जैसे ही भरवारी रेलवे स्टेशन से आगे बढ़ी, तभी बुजुर्ग ने गाड़ी के आगे कूद गए।
बुजुर्ग की दर्दनाक मौत हुई
ट्रेन के इंजन से टकरा जाने की वजह से बुजुर्ग कई टुकड़ों में कट गया। मांस के लोथड़े करीब 100 मीटर तक रेलवे लाइन पर बिखर गए। लोको पायलट ने घटना की सूचना तत्काल स्टेशन अधीक्षक को दी। अधीक्षक की सूचना पर आरपीएफ व जीआरपी सिराथू से पहुंची टीम ने टुकड़ों को एकत्र कराया। शव की शिनाख्त नहीं हो सकी। शव पोस्टमार्टम के लिए जीआरपी ने प्रयागराज के पोस्टमार्टम हाउस में रखवाया।
पहचान होने पर स्वजन बिलख पड़े
दोपहर करीब 12 बजे कोखराज क्षेत्र के बलिकरनपुर निवासी श्यामबाबू स्वजन के साथ स्टेशन पहुंचा व अपने लापता पिता 70 वर्षीय बनवारी के बाबत पूछताछ करने लगा। आरपीएफ ने मृतक के कपड़े की फोटो दिखाई तो श्याम बाबू समेत स्वजन बिलख पड़े। उसने शव की शिनाख्त अपने पिता बनवारी के रूप में की।
नाराज होकर आत्महत्या की बात कहकर जाते थे
श्यामबाबू ने बताया कि वह अपने बड़े भाई पप्पू, छोटे रामबाबू और मां देवरती के साथ संयुक्त परिवार में रहता है। दो बहनें हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। बड़ा भाई पप्पू मूकबधिर होने के कारण अविवाहित है। अक्सर पिता घर से नाराज होकर ट्रेन से कटकर जान देने की बात कहकर चले जाते थे, लेकिन कुछ घंटे बाद वह लौट आते थे।
स्वजन शव लेने प्रयागराज गए
बताया कि गुरुवार सुबह सात बजे भी बनवारी स्वजन से झगड़ा करके ट्रेन से कटने की बात कहकर निकले थे। हर बार की तरह इस बार भी स्वजन ने उसे 'गीदड़ भभकी' ही समझा। दोपहर 12 बजे तक सभी लोगों ने पिता का भोजन के लिए इंतजार किया, लेकिन जब वे नहीं आए तो खोजबीन करने लगे। इस बीच ट्रेन से कटने के अंदेशा में वह भरवारी पहुंचे तो पिता की मौत हो जाने की जानकारी मिली। परिवार के लोग शव लेने के लिए प्रयागराज रवाना हो गए।

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