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    कौशांबी की कोर्ट का बड़ा फैसला, सामूहिक दुष्कर्म के बाद विवाहिता की निर्मम हत्या के तीन दोषियों को उम्रकैद

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Sat, 06 Dec 2025 07:31 PM (IST)

    कौशांबी की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 2022 में पश्चिम शरीरा क्षेत्र में हुई एक विवाहिता की सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में तीन दोषियों को आजीवन काराव ...और पढ़ें

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    कौशांबी में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने विवाहिता से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के दोषियों को सख्त सजा दी है।

    जागरण संवाददाता, कौशांबी। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पश्चिम शरीरा इलाके में तीन साल पहले विवाहिता के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या के तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा दोषियों को 40-40 हजार रुपये जुर्माना जमा करने का आदेश दिया गया है। अज्ञात के खिलाफ दर्ज कराए गए हत्या के मुकदमे में विवेचना के दौरान सामूहिक दुष्कर्म की घटना प्रकाश में आई थी।

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    26 मार्च 2022 की रात विवाहिता की हुई थी हत्या 

    पश्चिम शरीरा क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति प्रयागराज में रहकर वाहन चलाने का काम करता था। घर में उसकी 40 वर्षीय पत्नी बच्चों के साथ रहती थी। 26 मार्च 2022 की रात अज्ञात लोगों ने घर के अंदर सो रही विवाहिता की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी थी। मामले में मृतका के पति ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया था।

    सामूहिक दुष्कर्म का भी सामने आया था मामला 

    तत्कालीन विवेचक रोशन लाल ने विवेचना व मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पांच अप्रैल 2022 को सामूहिक दुष्कर्म की भी घटना कारित किए जाने का तथ्य प्रकाश में लाया। विवेचना के दौरान पता चला कि विवाहिता के घर के सामने रहने वाले भोला उर्फ देवेंद्र पुत्र सतन ने अपने साथी करारी क्षेत्र के मोलानी का पुरवा तुर्तीपुर निवासी मुश्ताक अली उर्फ गूंगा पुत्र तूफान अली व चित्रकूट जिले के मऊ निवासी दीपक पुत्र नंदलाल के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया।

    तीनों आरोपितों को पुलिस ने किया था गिरफ्तार

    पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर कड़ाई से पूछताछ की, तो उन्होंने घटना कुबूल कर ली। पुलिस ने आरोपियों को जेल भेजा। तत्कालीन एसपी के निर्देश पर पुलिस ने 27 जून 2022 को विवेचनात्मक कार्रवाई पूर्ण कर आरोप पत्र दाखिल किया। यह मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चला। अदालत ने शनिवार को पत्रावली में मौजूद साक्ष्य व गवाहों के बयान का अवलोकन करने के बाद तीनों दोषियों को आजीवन कारावास व प्रत्येक को 40-40 हजार रुपये अर्थदंड की सजा से दंडित किया है।