Kaushambi Flood : गंगा-यमुना का जलस्तर घटा, तटवर्ती क्षेत्रों में गंदगी के बीच बढ़ा मच्छरों का प्रकोप
कौशांबी जिले में गंगा-यमुना का जलस्तर घटने से बाढ़ प्रभावित गांवों में गंदगी और संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ गया है। लोगों का जीना मुहाल हो गया है। श्यामपुर मल्हीपुर में एंटी लार्वा का छिड़काव किया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रभावित क्षेत्रों में कैंप कर रही है और लोगों को किट उपलब्ध करा रही है।

जागरण संवाददाता, कौशांबी। जनपद में गंगा-यमुना नदी का जलस्तर कम होने के बाद कई मुश्किलें भी हैं। बाढ़ प्रभावित गांव के लोग जलस्तर कम होने के बाद अब गंदगी और कीचड़ से परेशान हैं। वहीं संक्रामक रोगों का खतरा भी उन्हें सता रहा है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि इन गांवों में दवा के छिड़काव के साथ विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
सावन के महीने में पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश का असर मैदानी इलाकों में देखने को मिला। तेजी से बढ़े नदियों के जलस्तर ने भयंकर तबाही मचाई। पांच दिन कर तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ का प्रकोप रहने के बाद यमुना ने रहम किया। मंगलवार की रात से जलस्तर तो घट गया, लेकिन बाढ़ से तटवर्ती खेतों की फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं।
चक पिनहा गांव के समीप से गुजरी किलनहाई नदी से हमेशा भय की स्थिति बनी हुई है। बाढ़ की अपेक्षा पानी घटने से नुकसान ज्यादा हो रहा है। पशुओं का चारा नष्ट हो चुका है। यमुना का जलस्तर घटने से अब धीरे-धीरे बाढ़ प्रभावित गांवों से भी पानी निकल गया है।
पिपरहटा, चकपिन्हा समेत अन्य प्रभावित गांवों के मार्गों से आवागमन भी शुरू हो गया है लेकिन अब इन गांवों में गंदगी और मच्छरों की बाढ़ आ गई है। गंदगी और मच्छरों के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है। यही हालात रहे तो संक्रामक बीमारियों के फैलने से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
श्यामपुर मल्हीपुर में हुआ एंटी लार्वा का छिड़काव
यमुना नदी में आई बाढ़ ने कई गांवों को अपनी चपेट में ले लिया था। बाढ़ का पानी घरों में घुस गया था, जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा था। बाढ़ के कारण, पीने के पानी और स्वच्छता की कमी हो गई थी। कालिंदी में आई बाढ़ की चपेट में आए श्यामपुर मल्हीपुर गांव में गुरुवार को पंचायतीराज विभाग के अफसरों ने सफाई कर्मियों की टीम भेजकर गांव की गलियों में बनी नालियों के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में एंटी लार्वा दवा का छिड़काव कराया गया।
जल भराव से बढ़ रहा संक्रमण का खतरा
कौशांबी में यमुना नदी के जलस्तर में कमी के बाद, कई इलाकों में पानी इकट्ठा हो गया है। यह पानी मच्छरों के पनपने के लिए एक आदर्श जगह बन गया है, जिससे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की टीम को सतर्क किया गया है। प्रभावित गांवों में लगातार कैंप कराया जा रहा है।
क्या कहते हैं अधिकारी
डीपीआरओ एके सिंह का कहना है कि यमुना व गंगा के बाढ़ प्रभावित इलाके में लगातार नजर बनी हुई है। प्रभावित गांवों में सफाई कर्मचारियों को सतर्क किया गया है। गांवों में एंटी लार्वा दवा का छिड़काव कराए जाने के लिए सभी जिम्मेदारों को निर्देश दिए गए हैं।
सीएमओ बोले- बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में स्वास्थ्य टीम कर रही कैंप
सीएमओ डा. संजय कुमार ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार कैंप कर रही है। बीमार लोगों को किट उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही संबधित सीएचसी व पीएचसी के प्रभारियों को प्रभावित गांवों का नियमित दौरा करने का निर्देश दिया गया है। ताकि तराई के ग्रामीणों के साथ किसी प्रकार की काेई समस्या न हो।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।