OPD में टाइम पर नहीं पहुंचे डॉक्टर, मजबूरी में प्राचार्य और CMS ने किया मरीजों को इलाज
कौशांबी के मेडिकल कॉलेज से संबद्ध संयुक्त जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। चिकित्सकों के समय पर न आने से ओपीडी प्रभावित हो रही है। प्राचार्य और सीएमएस के निरीक्षण में कई चिकित्सक गायब मिले जिसके बाद उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। प्राचार्य और सीएमएस को स्वयं मरीजों का इलाज करना पड़ा।

जागरण संवाददाता, कौशांबी : मेडिकल कालेज से संबद्ध संयुक्त जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य सेवा पटरी पर आती दिखाई नहीं दे रही है। यहां समय से चिकित्सक नहीं बैठते हैं। ओपीडी सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक होती है। इसको लेकर बुधवार को प्राचार्य और सीएमएस ने पड़ताल की कई चिकित्सकों की हकीकत सामने आ गई।
अधिकतर चिकित्सक चेंबर से मिले गायब
इसके बाचार्य औद सीएमएस ने खुद ही ओपीडी में बैठकर मरीजों का इलाज करना शुरू कर दिया। वहीं, ओपीडी से गायब रहे चिकित्सकों को कारण बताओ नोटिस जारी की गई है। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. हरिओम सिंह और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनील कुमार शुक्ला द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बुधवार की सुबह करीब साढे आठ बजे पड़ताल की गई। जिसमें पाया गया कि ओपीडी में अधिकतर चिकित्सक अपने-अपने चैंबर से गायब हैं। सिर्फ जूनियर और सीनियर रेजिडेंस के भरोसे ही ओपीडी का संचालन हो रहा था।
जरनल वार्ड 13 के चिकित्सक डॉ. एके सिंह, सर्जन कक्ष से डॉ. सौरभ सिंह, बाल रोग विभाग के डॉ. केके मिश्रा और डॉ. रंजीत निर्मल और नाक कान गला के डॉ. ज्ञानेंद्र द्विवेदी गायब रहे। हड्डी रोग विभाग में सिर्फ जेआर और एसआर ही मौजूद मिले, बाकि चिकित्सक भी समय से नहीं पहुंचे थे। मरीजों की भीड़ देख प्राचार्य और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने स्वयं ही ओपीडी में बैठकर मरीजों का इलाज शुरू कर दिया।
चिकित्सकों की आदत में नहीं हो रहा सुधार
प्राचार्य और सीएमएस ने साढ़े नौ बजे तक मरीजों को देखा। उसके बाद एक-एक कर चिकित्सकों का आने का सिलसिला शुरू हुआ। कुछ दिनों पहले डीएम मधुसूदन हुल्गी ने बाइक से अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था। चिकित्सकों के अनुपस्थित रहने पर उप प्राचार्य का वेतन रोकने के साथ चिकित्सकों से स्पष्टीकरण मांगा गया था। इसके बाद भी चिकित्सकों की आदत में सुधर नहीं हो रहा है।
मेडिकल कालेज की ओपीडी में चिकित्सक समय से नहीं आए थे। ऐसे में मैं और सीएमएस ओपीडी के बैठकर इलाज कर रहा था। अस्पताल में भीड़ ज्यादा थी, इसलिए यह करना पड़ा। जो चिकित्सक समय पर नहीं बैठे थे, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी की गई है। - डॉ. हरिओम सिंह, प्राचार्य मेडिकल कालेज।
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