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    बालिका से दुष्कर्म के दोषी फूफा को 20 वर्ष की कठोर कारावास, कौशांबी में विशेष अदालत POCSO ने सुनाई सजा

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 06:12 PM (IST)

    कौशांबी की विशेष अदालत ने एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के दोषी फूफा को 20 साल की जेल की सजा सुनाई। साथ ही जुर्माना भी लगाया। अदालत ने सह-आरोपी फुफेरे भाई को सबूतों की कमी के कारण बरी कर दिया। यह घटना 2022 की है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच की और अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।

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    कौशांबी में लड़की से दुष्कर्म मामले में फूफा को पाक्सो अधिनियम के तहत अदालत ने 20 वर्ष की सजा सुनाई।

    जागरण संवाददाता, कौशांबी। विशेष न्यायाधीश पाक्सो अशोक कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने 13 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म करने के दोषी फूफा को 20 साल की सश्रम कारावास व 10 हजार रुपये जुर्माना जमा करने का आदेश दिया है।

    अदालत ने मुकदमे में आरोपित फुफेरे भाई को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त करने का आदेश दिया। घटना करीब तीन साल पहले सैनी क्षेत्र के धुमाई कनवार गांव में हुई थी। अदालत से सजा सुनाए जाने के बाद दोषी फूफा को जेल भेज दिया गया है।

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    कोखराज कोतवाली इलाके की एक महिला का कहना है कि उसकी ननद की शादी सैनी क्षेत्र के धुमाई कनवार गांव निवासी राम कृपाल पुत्र स्वर्गीय राम खेलावन के साथ हुई है। नवंबर 2022 में उसकी 13 वर्षीय बेटी बुआ के घर घूमने गई थी। इस दौरान बालिका के फूफा राम कृपाल ने बेटी के साथ दुष्कर्म किया। घटना की शिकायत कहीं करने पर बेटी को जान से मार देने की धमकी दी। राम कृपाल के बेटे रामसिंह ने भी पिता का सहयोग करते हुुए धमकी दी थी।

    पीड़िता के मुताबिक घटना में बेटी को काफी चोट आई थी। महिला की तहरीर पर सैनी कोतवाली पुलिस ने 21 नवंबर 2022 को आरोपित फूफा राम कृपाल व उसके बेटे रामसिंह के खिलाफ मुकदमा कायम कर जांच शुरू की। बालिका का मेडिकल परीक्षण कराया गया। पुलिस ने विवेचना के बाद आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया।

    मुकदमा विशेष न्यायाधीश पाक्सो अशोक कुमार श्रीवास्तव की अदालत में विचाराधीन था। अभियोजन की तरफ से शासकीय अधिवक्ता शशांक खरे ने सात लोगों की गवाही कराते हुए दोषी को सख्त सजा दिए जाने की मांग किया। कोर्ट ने पत्रावली में मौजूद साक्ष्य व गवाहों के बयान का अवलोकन करने के बाद दोषी राम कृपाल को 20 साल की कठोर कारावास की सजा से दंडित किया है।

    इसके अलावा दोषी को 10 हजार रुपये जुर्माना अदा करने का भी आदेश दिया गया है। जुर्माने की धनराशि अदा नहीं करने पर दोषी को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इसके साथ ही जुर्माने की संपूर्ण धनराशि पीड़िता को देने का आदेश दिया। अदालत ने साक्ष्य के अभाव में मुकदमे में आरोपित फुफेरे भाई रामसिंह को दोषमुक्त कर दिया है।